खाटू श्याम जी रींगस: इतिहास, दर्शन और महत्व

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी मंदिर आज भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। लाखों श्रद्धालु यहाँ हर वर्ष दर्शन करने आते हैं। खाटू श्याम जी को कलयुग के देवता माना जाता है और यह मान्यता है कि केवल उनके नाम का स्मरण करने से ही दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। रींगस रेलवे स्टेशन यहाँ आने वाले भक्तों के लिए मुख्य पड़ाव है। इस लेख में हम आपको खाटू श्याम जी का इतिहास, दर्शन की विधि, आरती, मेलों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ विस्तार से बताएँगे।

खाटू श्याम जी
  • खाटू श्याम जी की आरती कितनी होती है?
  • आरती कितने बजे होती है?
  • दोष कब लगते हैं?

खाटू श्याम जी का इतिहास

खाटू श्याम जी वास्तव में बर्बरीक का ही रूप हैं, जो महाभारत में गदाधारी भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे। बर्बरीक ने श्रीकृष्ण को अपना शीश दान कर दिया था। श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर कहा कि कलयुग में तुम श्याम नाम से पूजे जाओगे। तभी से खाटू श्याम जी की पूजा विशेष महत्व रखती है।


खाटू श्याम जी मंदिर का महत्व

  • भक्त मानते हैं कि यहाँ आने से सभी दुख दूर हो जाते हैं।
  • यह स्थान विशेष रूप से व्यापार और धन-संपत्ति की वृद्धि के लिए प्रसिद्ध है।
  • हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।

रींगस से खाटू श्याम जी तक यात्रा

  • खाटू श्याम जी का निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है।
  • रींगस से खाटू श्याम जी मंदिर की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है।
  • टैक्सी, बस और ऑटो के माध्यम से मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है।

खाटू श्याम जी में आरती का समय

खाटू श्याम जी मंदिर में प्रतिदिन पाँच बार आरती होती है:

  1. मंगला आरती – सुबह 4:30 बजे
  2. श्रृंगार आरती – सुबह 7:00 बजे
  3. भोग आरती – दोपहर 12:30 बजे
  4. संध्या आरती – शाम 7:30 बजे
  5. शयन आरती – रात 10:00 बजे

खाटू श्याम जी में दर्शन का समय

  • ग्रीष्मकाल: सुबह 4:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक, शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक।
  • शीतकाल: सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक, शाम 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक।

खाटू श्याम जी का मेला

  • हर वर्ष फाल्गुन मास में खाटू श्याम जी का विशाल मेला आयोजित किया जाता है।
  • इस मेले में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुँचते हैं।
  • यहाँ भजन-कीर्तन, शोभायात्रा और विशेष पूजा का आयोजन होता है।

दोष कब लगते हैं?

भक्तों का मानना है कि यदि मनुष्य बुरे कार्यों में लिप्त हो जाता है तो उसे “दोष” लग सकता है। खाटू श्याम जी के मंदिर में आकर और उनका स्मरण कर यह दोष दूर किया जा सकता है।


खाटू श्याम जी की पूजा विधि

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • श्याम बाबा का स्मरण करते हुए धूप-दीप जलाएँ।
  • गुलाब के फूल और चूरमा का भोग लगाएँ।
  • श्याम बाबा की आरती करें।

खाटू श्याम जी की चालीसा

खाटू श्याम जी की चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। नीचे चालीसा प्रस्तुत है:

खाटू श्याम जी की चालीसा:

जय श्याम प्रभु अरुज हमारे, संकट हरहु दुःखदाता प्यारे।
नाम तिहारो अमृत बानी, सुनत सुधरै मन की रवानी॥

श्याम प्रेम रस प्याला पिलाओ, भक्तों के सब कष्ट मिटाओ।
रखियो लाज हमारी श्याम, कर दो बाबा सबका काम॥

भक्तों की नैया पार लगाना, गिरते को थामो हाथ बढ़ाना।
रींगस धाम महान तुम्हारा, तीनों लोक में जयगान तुम्हारा॥

जो कोई शरण तुम्हारी आवे, दरबार में सुख चैन पावे।
श्याम नाम जो ध्यावे प्यारे, जीवन होवे सुख के सहारे॥

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. खाटू श्याम जी मंदिर कहाँ स्थित है?

खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गाँव में स्थित है।

2. खाटू श्याम जी तक पहुँचने का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कौन सा है?

रींगस जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 18 किलोमीटर दूर है।

3. खाटू श्याम जी में आरती कितनी बार होती है?

मंदिर में प्रतिदिन पाँच बार आरती होती है।

4. खाटू श्याम जी मंदिर के दर्शन का समय क्या है?

ग्रीष्मकाल और शीतकाल में दर्शन का समय अलग-अलग होता है, सुबह से लेकर रात तक मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुला रहता है।

5. खाटू श्याम जी का मेला कब लगता है?

हर साल फाल्गुन मास में खाटू श्याम जी का विशाल मेला आयोजित होता है।

6. खाटू श्याम जी का इतिहास क्या है?

खाटू श्याम जी वास्तव में महाभारत के बर्बरीक हैं, जिन्होंने श्रीकृष्ण को अपना शीश दान किया था।

7. खाटू श्याम जी के मंदिर में कौन-से प्रसाद चढ़ाए जाते हैं?

गुलाब के फूल और चूरमा प्रमुख प्रसाद माने जाते हैं।

8. खाटू श्याम जी दोष क्या होता है?

बुरे कर्म और गलत कार्यों के कारण दोष लगता है, जिसे श्याम बाबा की कृपा से दूर किया जा सकता है।

9. खाटू श्याम जी मंदिर में विशेष भजन-कीर्तन कब होते हैं?

विशेष रूप से फाल्गुन मेले के समय और हर पूर्णिमा पर बड़े पैमाने पर भजन-कीर्तन होते हैं।

10. खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?

फाल्गुन मेला विशेष होता है, लेकिन पूरे वर्ष किसी भी समय भक्त यहाँ दर्शन के लिए आ सकते हैं।

खाटू श्याम जी का प्रसाद

खाटू श्याम जी के मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का विशेष महत्व है। यहाँ का प्रसाद भक्तजन बड़े प्रेम और श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।

  • चूरमा – यह खाटू श्याम जी का मुख्य प्रसाद है। गेहूँ, घी और गुड़ से बना चूरमा यहाँ सबसे लोकप्रिय है।
  • गुलाब के फूल – श्याम बाबा को गुलाब के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
  • पेटे का प्रसाद – मंदिर के पास दुकानों से पेटे का प्रसाद भी खरीदा जाता है।
  • खीर और लड्डू – विशेष अवसरों पर खीर और लड्डू का भी भोग लगाया जाता है।
  • श्याम रसोई प्रसाद – बड़े मेलों और विशेष पर्वों पर “श्याम रसोई” का प्रसाद वितरित किया जाता है।

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