
शारदीय नवरात्र 2025 (Shardiya Navratri 2025) घट स्थापना शुभ मुहूर्त — संपूर्ण जानकारी
शारदीय नवरात्र हिन्दू धर्म का एक पवित्र त्योहार है जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना, व्रत, भक्तिभाव और आध्यात्मिक आत्मावलोकन का पर्व है। इस त्योहार की शुरुआत “घटस्थापना” (कलश स्थापना) से होती है। घटस्थापना का मुहूर्त, विधि, तथा तैयारी इस पूजा को प्रभावशाली और फलदायी बनाते हैं। इस लेख में मैं आपको घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र, तैयारी व उससे जुड़ी प्रायोगिक बातें बताऊँगा — मेरी कोशिश होगी कि अनुभव, प्रमाणिकता और उपयोगिता सभी हों।
घटस्थापना का महत्व और धार्मिक पृष्ठभूमि
- क्या है घटस्थापना?
घटस्थापना या कलश स्थापना वह विधि है जिसमें पूजा की शुरुआत के लिए एक “घट” (कलश) स्थापित किया जाता है, जिसे देव-उर्जा के निवास के लिए माना जाता है। इस घट में जल, अक्षत (चावल), फूल, आम के पत्ते, नारियल इत्यादि रखे जाते हैं। - आध्यात्मिक तथा समाज-भाव
घटस्थापना से भक्त को आत्मिक शांति, शक्ति की अनुभूति होती है। यह भक्त के मन के अंदर एक नई शुरुआत का प्रतीक है — अज्ञान, आलस्य, दोषों से मुक्त होकर सकारात्मकता व भक्ति की ओर अग्रसर होने का अवसर।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 2025
आगे की जानकारी विविध स्रोतों और पंचांगों पर आधारित है। आपके क्षेत्र का पंचांग देखें क्योंकि समय क्षेत्र (time zone) और अवस्था (स्थानीय ग्रह की स्थिति) थोड़ा बदल सकती है।
घटस्थापना शुभ मुहूर्त | तिथि | समय-सीमा |
---|---|---|
प्रथम प्रमुख मुहूर्त | 22 सितंबर 2025 | सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त (दिन में) | 22 सितंबर 2025 | 11:49 बजे से 12:38 बजे तक |
इन दो मुहूर्तों को ज्योतिषियों द्वारा विशेष शुभ माना गया है
2025 में नवरात्रि की तिथि एवं अवधि का विशेष पहलू
- नवरात्रि इस वर्ष 22 सितंबर 2025 को आरंभ हो रही है और 1 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगी।
- एक विशेष स्थिति इस बार यह है कि नवरात्रि दस दिनों जैसी अन्तर की स्थिति उत्पन्न हुई है क्योंकि चतुर्थी तिथि की वृद्धि हुई है। लेकिन पारंपरिक दृष्टि से नौ देवी स्वरूपों की पूजा नौ दिनों तक ही की जाएगी।
पूजा-विधि: घट स्थापना कैसे करें
यहाँ घटस्थापना हेतु एक शास्त्रीय और सरल विधि दी जा रही है, जिसे अपने घर पर पालन कर सकते हैं।

- तैयारी
- पूजा स्थान को साफ करें।
- पूजा-सामग्री इकट्ठा करें: कलश (तांबा, तांबे, चांदी या मिट्टी का), जल (साफ पानी), गंगाजल/पवित्र जल, मिट्टी या रेत, अक्षत (चावल), सरसों या तिल (वैसे आपकी परम्परा में हो), नारियल, आम के पत्ते, फूल, रोली, कपड़ा, दीप, धूप, अगरबत्ती।
- घट स्थापित करना
- मुहूर्त के समय स्नान-धोकर शुद्ध वस्त्र पहनें।
- कलश को पूजा स्थान पर रखें, जमीन या आसन पर हल्दी, गोमूत्र या गंगाजल से अष्टदल (आठ पंखुड़ियाँ) या स्वस्तिक का चिन्ह बना सकते हैं।
- कलश में मिट्टी या रेत रखें, उसमें जल भरें, फिर उसमें अक्षत, फूल, आम के पत्ते डालें। नारियल को लाल या भगवा कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर रख दें।
3. मंत्र उच्चारण तथा आरती
- घटस्थापना के बाद, निम्नलिखित या अन्य प्रसिद्ध स्तोत्र/मंत्रों से आरंभ करें:
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके…
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता… - दीप प्रज्वलित करें, धूप-अगरबत्ती जलायें, माँ दुर्गा की आराधना करें।
- जल, पुष्प आदि की पूजा के बाद
- पूजा के दौरान कलश के जल में हल्दी या केशर की कुछ बूंद डालना शुभ माना जाता है।
- प्रतिदिन कलश के चारों ओर फूल अर्पित करें।
- व्रत रखने वाले लोग शुद्ध आहार, सात्विक भोजन, संयमित जीवन, और मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।
प्रायोगिक सुझाव और ध्यान देने योग्य बातें
- स्थानीय पंचांग देखें: ऊपर बताया गया मुहूर्त सामान्य हिन्दू पंचांगों और ज्योतिषाचार्यों पर आधारित है, लेकिन आपके जिले या गाँव में पंचांग थोड़ा अलग हो सकता है।
- समय की शुद्धता: मुहूर्त का आरंभ और अंत ठीक-ठीक जानना चाहिए। अगर आप कलश स्थापना मुहूर्त में थोड़ा बाहर हैं, तो अभिजीत मुहूर्त या दूसरे शुभ समय का प्रयोग करें।
- श्रम और तैयारी: पूजा-सामग्री पहले से तैयार रखें, कलश धोया-धुला हो, फूल ताजे हों, स्थान साफ हो, ताकि पूजा के समय किसी तरह की भागदौड़ न हो।
- सकारात्मक मानसिकता: पूजा के दौरान मन में शांति, भक्ति और सेवा की भावना होनी चाहिए। देवी दुर्गा की शक्ति को सच्चे निष्ठा के साथ याद करें। यह पूजा का मूल उद्देश्य होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 की घटस्थापना, शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा-विधि तक, सब कुछ इतने हैं कि यदि सही समय, विधि और मनोभाव से किया जाए तो यह आराधना जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। इस घट स्थापना कार्यक्रम में आपका विश्वास, श्रद्धा और समर्पण ही पूजा को सार्थक बनाते हैं।
इस लेख में प्रस्तुत समय, विधि और सुझाव प्रमाणिक स्रोतों (पंचांग, ज्योतिषाचार्य) पर आधारित हैं। लेकिन श्रद्धालु स्वयं अपने स्थानीय पंचांग या पुरोहित से भी समय की पुष्टि कर लें।
Q1. शारदीय नवरात्र 2025 कब शुरू और खत्म होंगे?
शारदीय नवरात्र 2025 की शुरुआत 22 सितंबर 2025 (सोमवार) को होगी और इसका समापन 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को दशहरा (विजयादशमी) के साथ होगा।
Q2. शारदीय नवरात्र 2025 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है?
घटस्थापना (कलश स्थापना) के प्रमुख मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- सुबह का मुहूर्त: 22 सितंबर 2025, 06:09 बजे से 08:06 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: 22 सितंबर 2025, 11:49 बजे से 12:38 बजे तक
Q3. घटस्थापना की पूजा-विधि क्या है?
पूजा-विधि इस प्रकार है:
- पूजा स्थान को साफ करें और आसन बिछाएँ।
- कलश में गंगाजल या शुद्ध जल, अक्षत, फूल, आम के पत्ते डालें।
- नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर कलश पर रखें।
- मुहूर्त के समय माता दुर्गा का आह्वान करके कलश स्थापित करें।
- प्रतिदिन दीपक जलाएँ, पुष्प चढ़ाएँ और दुर्गा मंत्रों का जाप करें।
Q4. घटस्थापना में कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?
आवश्यक सामग्री है:
- कलश
- गंगाजल/शुद्ध जल
- नारियल
- आम के पत्ते
- अक्षत (चावल)
- फूल
- लाल वस्त्र
- रोली, सुपारी
- पंचमेवा
- दीपक, धूप, अगरबत्ती
- मिट्टी या जौ (बालि बोने हेतु)
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