पांच मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि रुद्र का एक स्वरुप मन जाता है रुधोजात्, तत्पुरुष, ईशान, अघोर तथा कामदेव शिव के ये पाँचों रूप पाँच मुख वाले रुद्राक्ष में वास करते हैं और यह पांच मुखी रुद्राक्ष पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। सभी रुद्राक्षों में इसे अधिक शुभ तथा पुण्यदायी माना गया है। यश ,वैभव ,सम्पन्नता ,सुख -शांति और ख्याति इसके धारण से प्राप्त होती है। यह भाग्य ,कर्म और धर्म को ऊर्जान्वित करता है। यह व्यक्ति को बुरे कर्मो और पापो से दूर करता है। 5 मुखी रुद्राक्ष में इसकी पहचान, फायदे ,मंत्र आदि के बारे में बात करेंगे।
पांच मुखी रुद्राक्ष नए कार्यो को करने की ऊर्जा देता है।यह सबसे ज्यादा मात्रा में मिलने वाला रुद्राक्ष है। यह आपको आसानी से मिल जाता है और इसका दाम भी कम होता है। इसकी कारण यह अधिकतर जगह बांटा जाता है।
पाँच मुख वाले रुद्राक्ष को पंचमुखब्रह्मा स्वरूप माना जाता है, इनके पाँच मुखों को भगवान शिव का पंचानन स्वरूप माना गया है। मानव इस संसार में जो भी ज्ञान रूपी सम्पत्ति प्राप्त करता है वह सुस्पष्ट तथा स्थायी हो तभी उसकी सार्थकता है, इस तरह के ज्ञान की रक्षा हेतु यह रुद्राक्ष विशेष उपयोगी है। यह मनुष्य को उन्नति के रास्ते पर चलने की ताकत देता है तथा उन्हें आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति कराता है। इसके गुण अन्तत हैं, इसलिये इसे अत्यधिक फलदायक तथा महिमामय माना जाता है।
पाँच मुखी रुद्राक्ष के कम से कम तीन अथवा पाँच दाने धारण करने चाहियें।
5 मुखी रुद्राक्ष कैसा होता है
पांच मुखी रुद्राक्ष में 5 धारिया बनी होती है। यह इंडोनेशिया ,नेपाल और भारत में पाया जाता है। इंडोनेशिया का आकर छोटा होता है इससे माला बनाई जाती है पांच मुखी रुद्राक्ष माला में 5mm से 12mm तक आकार में उपयोग किया जाता है। उससे बड़ा भारत का आता है जो आपको बड़ी मालाओ में ,रुद्राक्ष दीक्षा में और मंदिर में भेंट स्वरुप मिल जाता है। और फिर इसके बाद नेपाली ५ मुखी रुद्राक्ष का आकर होता है।इनकी भी माला बनाई जाती है जो आपने पशुपतिनाथ ने मंदिर में लोगो को पहने देखी होगी।
कुछ पांच मुखी रुद्राक्ष आंवले के आकार के भी होते है।जिन्हे आंवला साइज रुद्राक्ष कहा जाता है। यह नेपाल में पाया जाता है और उत्तम गुण का होता है। कुछ इंडोनेशिया हाइब्रिड रुद्राक्ष भी बड़े आकार के आते है लेकिन इनका इतना प्रभाव नहीं माना जाता क्योंकि यह हाइब्रिड तरीके से उगाये जाते है। इनका इस्तेमाल माला बनाने में किया जाता है।
5 मुखी रुद्राक्ष के फायदे
5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे जो अक्सर देखने में आते है इस प्रकार है
- पांच मुखी रुद्राक्ष गुरु ग्रह को संतुलित करता है।
- यह विशुद्धि चक्र को संतुलित करता है।
- यह आपके बोलने की क्षमता को बेहतर बनाता है।
- यह आध्यात्मिकता के प्रति जागरूकता देता है। इसी कारण योग साधना में पांच मुखी रुद्राक्ष माला का प्रयोग किया जाता है।
- यह व्यक्ति की मानसिकता को स्थिर और स्पष्ट बनाता है।
- यह व्यक्ति में बड़े आईडिया लाने में मदद करता है।
- यह आपको ईश्वर के प्रति समर्पण या जोड़ने में मदद करता है।
- यह धारणकर्ता को आध्यात्मिक शक्तियाँ प्राप्त करने में मदद करता है।
- इसके इस्तेमाल से विभिन्न मंत्र को सिद्ध करने में मदद मिलती है।
- यह आपको बुरी नजर, काला जादू और तांत्रिक हमलों से बचाता है।
- ज्योतिषी और योग गुरु भी पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करते देखे जाते है क्योंकि यह सटीक मानसिकता प्रदान करता है।
- यह आपके मान सम्मान में वृद्धि प्रदान करता है।
- यह आपके जीवन में भाग्य को बेहतर बनाता है।
- यह व्यक्ति को अवसाद से दूर करता है।
- यह धारणकर्ता को सफल और समृद्ध बनाता है।
- यह आपको अच्छे कर्म करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- यह आपकी बुद्धि को बेहतर ढंग से विकसित करता है।
- अगर स्टूडेंट इसे धारण करते है तो उनकी शिक्षा में बेहतर परिणाम मिलते है।
- यह आपमें सिखने की क्षमता को बेहतर करता है।
- अगर आप एक शिक्षक है तो इसे धारण करने से आपको शिक्षा में बेहतर रिसर्च मिलेगी।
- यह आपको अपने लक्ष को पूरा करने में मदद करता है।
- यह विवेक और तर्क को बेहतर बनाता है।
- यह आपके स्वस्थ को बेहतर करता है।
- यह मुख्य रूप से फेफड़े, अस्थमा, खांसी, थायराइड, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप का इलाज करता है।इसमें रुद्राक्ष के पानी का उपयोग किया जाता है।
- यह आपकी सोच को सकारात्मकता प्रदान करता है।
5 मुखी रुद्राक्ष किस लग्न के लोग पहन सकते है
पांच मुखी रुद्राक्ष को कोई भी लग्न का व्यक्ति धारण कर सकता है। लेकिन जिस लग्न में गुरु कारक है और भाग्य या पंचम का स्वामी है उसमे विशेष लाभ मिलता है। धनु ,सिंह और मेष लग्न के जातको को धारण करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप पुखराज धारण नहीं कर सकते या गुरु 6-8-12 का स्वामी हो तो भी पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
5 मुखी रुद्राक्ष का मंत्र
पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीम नमः” है । इसे धारण करने के लिए रुद्राक्ष की माला से 108 बार जप करना होता है।
ॐ ह्रां आं क्षम्यो स्वाहा। इति मंत्रः।
5 मुखी रुद्राक्ष विनियोग मंत्र
अस्य श्री ब्रम्हाा मंत्रस्य श्री ब्रह्मा ऋषिः गायत्री छन्दः ब्रह्मा देवता ह्रां क्रं वां हाँ अभीष्टसिद्ध्यर्थे रुद्राक्षधारणार्थे जपे विनियोगः। ब्रह्मऋषिये नमः शिरसि। गायत्री छन्दसे नमो मुखे। श्री सदाशिवकालाग्नि रुद्रदेवताये नमो हृदि। ॐ बीजाये नमो गुह्यं। स्वाहा शक्तये नमः पादयोः।
अथ करन्यासः मंत्र
ॐ ॐ अंगुष्ठाभ्यां नमः।
ॐ ह्रां तर्जनीभ्यां स्वाहा।
ॐ आं मध्यमाभ्यां वषट।
ॐ क्षम्यो अनामिकाभ्यां हुं।
ॐ स्वाहा कनिष्ठिकाभ्यां वौषट।
ॐ ह्रां आं क्षम्यो स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां फट ।।
अथाङ्ग न्यासः मंत्र
ॐ ॐ हृदयाय नमः। ॐ ह्रां शिरसे स्वाहा। ॐ आं शिखाए वषट।
ॐ क्षम्यो कवचाय हुं। ॐ स्वाहा नेत्रत्रयाय वौषट। ॐ ह्रां आं क्षम्यो स्वाहा अस्त्राये फट।।
अथ ध्यानम मंत्र
हावभावविलसार्द्ध नारिकं, भीषणर्धमथवा महेश्वरम्।
दाशसोत्पलकपालशुलिनं, चिन्तये जपविधौ विभूतये।।
5 मुखी रुद्राक्ष किस ग्रह के लिए है(Ruling Planet)
पांच मुखी रुद्राक्ष को गुरु ग्रह के लिए धारण किया जाता है। अगर आप पुखराज नहीं ले पा रहे या कुंडली में गुरु अशुभ की स्थिति में पुखराज धारण नहीं किया जा सकता तो पांच मुखी रुद्राक्ष को माला या 5 पांच मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
कुछ जगह ४ मुखी रुद्राक्ष को भी गुरु के लिए धारण किया जाता है।
5 मुखी रुद्राक्ष के बारे में प्रदीप मिश्रा जी के विचार
शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी कथा में के फायदे के बारे में कहा है की –
“पांच मुखी रुद्राक्ष कार्य में सिद्धि देता है। व्यापार नहीं चल रहा हो ,कोई नई दुकान खोली हो ,नई फैक्ट्री खोली हो ,नया कार्य करने जा रहे हो नहीं हो रहा है ,पैसा लग रहा है पर आवक नहीं हो रही है ,तो पांच मुखी रुद्राक्ष फल प्रदान करता है।”
5 मुखी रुद्राक्ष के बारे सध्गुरु के विचार
सद्गुरु ने पांच मुखी रुद्राक्ष के बारे में कहा की-
“पंचमुखी रुद्राक्ष सुरक्षित होता है और यह पुरुषों, महिलाओं और बच्चों, हर किसी के लिए अच्छा है। यह समान्य खुशहाली, स्वास्थ्य और स्वतंत्रता के लिए है। यह आपके ब्लड प्रेशर को कम करता है, आपकी तंत्रिकाओं को शांत करता है और स्नायु तंत्र में एक तरह की शांति और सतर्कता लाता है।”
सद्गुरु ने ईशा रुद्राक्ष दीक्षा महोत्सव में 5 मुखी रुद्राक्ष वितरित किये। जो दीक्षा स्वरुप दिए जाते है। इन पांच मुखी रुद्राक्ष के साथ दिव्य विभूति ,काला धागा रुद्राक्ष के लिए और एक काला धागा अभय सूत्र के रूप में प्राप्त होता है। इसके साथ ही आदि योगी शिव की एक फोटो भी मिलती है। रुद्राक्ष दीक्षा महोत्सव महाशिवरात्रि के दौरान होता है जिसमे रुद्राक्ष के लिए हमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है।
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5 मुखी रुद्राक्ष की कीमत
पांच मुखी रुद्राक्ष काफी आसानी से उपलब्ध है। यह कई धार्मिक स्थानों में मुफ्त में दे दिया जाता है। माध्यम आकार के नेपाली या भारतीय पांच मुखी की कीमत की 10 रुपये के आस पास होती है जो बिना लेब सर्टिफिकेट के है। सर्टिफिकेट वाला 50-100 के आस पास मिलता है। आंवला आकार का नेपाली पांच मुखी रुद्राक्ष 1000 के आस पास मिलता है।
इंडोनेशिया पांच मुखी का आकार छोटा होता है इस कारण इसमें नकली रुद्राक्ष मिला सकते है जैसे बोर की गुठली या प्लास्टिक के दाने।इंडोनेशिया पांच मुखी की कीमत बहुत कम होना चाहिए क्योंकि यह 90-100rs वाली माला में 109 दानो के साथ आता है। और इसके एक दाने को कोई पहंनता भी नहीं है इसलिए यह पूरी माला के साथ आता है।
आवश्यक जानकारी :5 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi के बारे में जानकारी विभिन्न पुस्तकों और अनुभव के आधार पर प्रदान की गयी है। हम पाठको से अनुरोध करते है की रुद्राक्ष के तथ्यों पर अपना विवेक का प्रयोग अवश्य करे।
FAQ:
5 मुखी रुद्राक्ष किस दिन धारण करना चाहिए?
पांच मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन ,पूर्णिमा ,गुरुवार ,महाशिवरात्रि और श्रावण महीने में धारण करना चाहिए।
5 मुखी रुद्राक्ष पहनने नियम
मांसाहार का त्याग ,शराब का त्याग और सात्विक भोजन धारण करना चाहिए जिसमे ज्यादा मिर्च मसाले आदि न हो।
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