6 Mukhi Rudraksha:छः मुखी रुद्राक्ष की कार्तिकेय संझा है। इसे धारण करने वाला सद्गुणी ,सुलक्षणी तथा धैर्यशाली बनता है। चारो और विजय पाता है। सर्व वर्ण के लोगो को इसका फल सामान प्राप्त होता है। वक्तृत्व और सभा सम्मलेन में इससे विशेष फल प्राप्त होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले भक्त पर देवी पार्वती की विशेष कृपा दृष्टि होती है।
छ: मुखी रुद्राक्ष शिवजी के पुत्र कुमार कार्तिकेय की शक्ति का केन्द्र बिन्दु है। यह विद्या, ज्ञान, बुद्धि को देने वाला है। छ: मुखी रुद्राक्ष पढ़ने वाले छात्रों, बौद्धिक कार्य करने वालों को बल देने वाला है। यह विद्या अध्ययन में अद्भुत शक्ति देता है। छ: मुख वाले रुद्राक्ष के विषय में कहा जाता है कि यह 6 तरह की बुराइयों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, मद को जड़ से खत्म करता है। इसके पहनने से मनुष्य की खोई हुयी शक्तियाँ जाग्रत होती हैं, स्मरण शक्ति प्रबल होती है तथा बुद्धि का विकास बहुत तेज गति से होता है। यह धारक को आत्म-शक्ति, संकल्प-शक्ति, ज्ञान-शक्ति, अध्ययन-शक्ति, रोगों से लड़ने की ताकत भी देता है।
इसको पहनने से मनुष्य वाक्पटु बनता है। इसे पहनने से हृदय की दुर्बलता, चर्म रोग और नेत्र रोग दूर होते हैं। यह दरिद्रता का नाश करता है। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति शिक्षा, काव्य, छंद, व्याकरण,ज्योतिषाचार्य, चारों वेद, रामायण तथा महाभारत इत्यादि ग्रन्थों का विद्वान् हो सकता है। इसके पहनने से सुख-सुविधा भी जरूर ही मिलती है।
छह मुखी रुद्राक्ष कैसा होता है(how to identify 6 mukhi rudraksha)
छः मुखी रुद्राक्ष में 6 धारिया बनी होती है।आकार में यह गोल होता है। यह इंडोनेशिया ,नेपाल और भारत में पाया जाता है। इंडोनेशिया 6 mukhi rudraksha का आकार छोटा होता है ,उससे बड़ा भारत का और फिर नेपाली रुद्राक्ष का आकार होता है।

छह मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे(6 Mukhi Rudraksha Benefits)
६ मुखी रुद्राक्ष के कुछ अनुभव जो लोगो को प्राप्त हुए-
- यह कुंडली में शुक्र ग्रह को संतुलित करता है। कही पर मंगल ग्रह को भी संतुलित करने का कार्य करता है।
- यह स्वाधिष्ठान चक्र(sacral chakra) को संतुलित करता है।
- यह वैवाहिक जीवन को सफल बनाता है।
- यह आपके जीवन में प्रेम को बढ़ाता है।
- यह आपके मन पसंद जीवन साथी को आकर्षित करने में मदद करता है।
- यह आपके जीवन से अड़चनों और संघर्षो को दूर करता है।
- यह जीवन में भोग विलासिता ,बेहतर लाइफ स्टाइल और बेहतर सुखो को आकर्षित करता है।
- यह आपके अंदर आकर्षण और रूप को बढ़ाता है।
- छः मुखी रुद्राक्ष व्यापारियों को खूब फायदा देता है।
- यह आपको आपके लक्ष के प्रति जूनून प्रदान करता है और उसे हासिल करने में मदद करता है।
- विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर बनाता है।
- सौंदर्य -श्रृंगार से सम्बंधित चीजों पर बेहतर रिसर्च देता है।
- यह आपके व्यक्तित्व और आकर्षण को बेहतर बनाता है।
- यह आपको रचनात्मक, कुशल, प्रतिभाशाली और कलात्मक बनाता है।
- यह विषम परिस्थितियों में आपके दिमाग को शांत रखता है।
- यह आपको बेहतर वक्ता और लेखक बनाता है।
- इसे धारण करने से स्त्री शक्तियों से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- यह आपके जीवन को ख़ुशी से संतुष्ट रखता है।
- यह शरीर की उपचार प्रणाली को बेहतर करता है।
- इसे धारण करने से आलस्य दूर होता है।
- यह व्यक्ति के कार्य क्षेत्र में स्थिरता प्रदान करता है।
- यह व्यक्ति में धैर्य और सहन शक्ति को बढ़ाता है।
- यह मिर्गी ,हार्मोन असंतुलन ,पाचन और त्वचा सम्बंधित रोगो के लिए बेहतर कार्य करता है।
छह मुखी रुद्राक्ष किस लग्न के लोग पहन सकते है
6 मुखी रुद्राक्ष को कोई भी लग्न का व्यक्ति धारण कर सकता है। लेकिन जिस लग्न में शुक्र कारक है और भाग्य या पंचम का स्वामी है उसमे विशेष लाभ मिलता है। वृषभ ,तुला ,मिथुन ,कन्या और मकर ,कुम्भ लग्न के जातको को धारण करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप हीरा धारण नहीं कर सकते या शुक्र ६-८-१२ का स्वामी हो तो भी 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र(6 Mukhi Rudraksha Mantra)
6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीम हुं नमः” है । इसे धारण करने के लिए रुद्राक्ष की माला से १०८ बार जप करना होता है।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सों ऐं। इति मंत्रः।
छह मुखी रुद्राक्ष विनियोग मंत्र(6 Mukhi Rudraksha Viniyoga Mantra)
अस्य श्री मंत्रस्य दक्षिणामूर्ति ऋषिः पङ्क्तिछन्दः कार्तिकेयदेवता ऐं बीजं सौं शक्तिः क्लीं कीलकं अभीष्ट सिद्ध्यर्थे ,रुद्राक्षधारणार्थे जपे विनियोगः।
दक्षिणामूर्तिऋषये नमः शिरसि ,पङ्क्तिछन्दसे नमो मुखे। कार्तिकेयदेवताये नमो हृदि ,ऐं बीजाय नमो गुहों। सौं शक्तये नमः पादयोः।
अथ करन्यासः(6 Mukhi Rudraksha Karnyas Mantra)
ॐ ॐ अंगुष्ठाभ्यां नमः।
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां स्वाहा।
ॐ श्रीं मध्यमाभ्यां वषट।
ॐ क्लीं अनामिकाभ्यां हुं।
ॐ सौं कनिष्ठिकाभ्यां वौषट।
ॐ ऐं करतलकरपृष्ठाभ्यां फट ।।
अथाङ्ग न्यासः ( 6 Mukhi Rudraksha Nyas Mantra)
ॐ ॐ हृदयाय नमः। ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा। ॐ श्रीं शिखाए वषट।
ॐ क्लीं कवचाय हुं। ॐ सौं नेत्रत्रयाय वौषट। ॐ ऐं अस्त्राये फट।।
छह मुखी रुद्राक्ष किस ग्रह के लिए है(6 Mukhi rudraksha Planet)
6 मुखी रुद्राक्ष को शुक्र ग्रह के लिए धारण किया जाता है। अगर आप हीरा नहीं ले पा रहे या कुंडली में शुक्र अशुभ की स्थिति में हीरा धारण नहीं किया जा सकता तो ६ मुखी रुद्राक्ष को माला या 6 छः मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
छह मुखी रुद्राक्ष प्रदीप मिश्रा जी(6 Mukhi rudraksha By Pradeep Mishra)
शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने अपनी कथा में 6 मुखी रुद्राक्ष के बारे में कहा है की –

“6 मुखी रुद्राक्ष अटके हुए काम को सफल बनाता है जिसका विवाह नहीं हो रहा हो शादी नहीं हो रही हो रिश्ते बहुत आ रहे हो सम्बन्ध नहीं हो रहा हो उसके गले में लाल धागे में ६ मुखी रुद्राक्ष धारण करा दीजिये।”
छह मुखी रुद्राक्ष ईशा सद्गुरु (6 Mukhi Rudraksha Isha foundation)
सद्गुरु ने 6 मुखी रुद्राक्ष के बारे में कहा की-

“14 साल से छोटे बच्चे शानमुखी, यानी छह मुखों वाला रुद्राक्ष पहन सकते हैं। यह उनको शांत और एकाग्र बनने में सहायता करेगा। सबसे बढ़कर उन्हें बड़ों से सही किस्म की परवाह मिलेगी।”
छह मुखी रुद्राक्ष की कीमत(6 Mukhi Rudraksha Price)
६ मुखी रुद्राक्ष आपको ५०-१०० रुपये के आस पास मिल जायेगा। जो नेपाली ६ मुखी की कीमत है। कुछ बेहतर गुणवत्ता का छः मुखी रुद्राक्ष जिसमे चाँदी की कैप लगी होती है उनकी कीमत १५०-२०० रुपये के आस पास होती है और यह लैब सर्टिफिकेट के साथ आता है।
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