मित्रो हमने कई फिल्म कलाकारों और बड़े व्यापारियों को पन्ना रत्न (emerald stone) आभूषणों के रूप में पहने देखा है। और इस रत्न का उन्हें फायदा भी मिला है। आखिर क्यों बुध के रत्न पन्ना को धन और अभिनय के तौर पर प्रयोग किया जाने लगा है।पन्ना बुध ग्रह का मुख्य रत्न है। पन्ना रत्न हरे ,पारदर्शी ,चिकना ,कोमल और चमकदार होता है।

पन्ना रत्न को संस्कृत में मरकत कहा जाता है। हिंदी -पंजाबी में पन्ना को पन्ना ही कहा जाता है। उर्दू -फ़ारसी में(Emerald Urdu-Farsi Name) पन्ना जमरूद के नाम से जाना जाता हैं
पन्ना रत्न के फायदे (Emerald stone benefits in hindi)
अपने हरे रंग के कारण पन्ना रत्न आँखों के लिए अच्छा माना जाता हैं। आँखों को सबसे अधिक तृप्ति पन्ने को देखने से ही मिलती हैं। यंहा तक की किसी दूसरी चीज को देखते देखते आँखे थक गयी हो तो पन्ने को देखने से वह फिर से स्वस्थ हो जाती हैं। इसलिए पन्ने का उपयोग प्राचीन समय में फर्श पर लगाने में भी किया जाता था ताकि गर्मी में शीतलता मिले।
- अन्य रत्नो की भांति Emerald Stone भी अनेक रोगो और कष्टों को दूर करता है। औषधि रूप में ज्वरनाश,अर्श ,सन्निपात ,वमन ,विष ,दमा आदि रोगो को नष्ट करता है।
- पन्ना रत्न का उपयोग से बुध ग्रह बलवान होता है। अगर बुध शुभ स्थान का स्वामी है तो पन्ना धारण करने से बुध की दशा में लाभ होता है।
- इसे आभूषण रूप में अंगूठी में जड़वाकर पहनने से धन -संपत्ति में वृद्धि ,भूत-प्रेत बाधा ,सर्प भय आदि को दूर करता है।
- यह आपके भाग्य में वृद्धि करता है।
- यह आपको दिमागी रूप से बुद्धिमान,चतुर और तेज बनाता है।
- कम्युनिकेशन के मामले में यह आपको बेहतर बनाता है।
- यह कला के क्षेत्र में आपको बेहतर कलाकार बनने में मदद करता है। यह लेखक ,कवि और गायको के टैलेंट में निखार लाता है।
- कोम्मेर्से और गणित के विद्यार्थियों को बेहतर कैलकुलेशन में मदद करता है। विद्यार्थियों के लिए यह उनके बुद्धि के विकास में मदद करता है।
- यह ध्यान केंद्रित तथा एकाग्रता में आपकी सहायता करता है।
- Emerald Stone धारण करने से किसी भी विषय को समझने की क्षमता तेज हो जाती है।
- शेयर मार्किट और ट्रेडिंग करने वालो को यह काफी फायदा प्रदान करता है।
- पन्ना रत्न दिमाग से जुड़े रोग और समस्या तथा त्वचा से सम्बंधित समस्या में लाभ देता है।
- यह आप की व्यक्तित्व की योग्यताओ को बेहतर करता है।यह आपके छुपे टैलेंट को बाहर लाने का प्रयास करता है।
- यह लाभ हानि से जुड़े विचार को प्रदान करता है।
- यह रिश्तो में प्रेम को समाहित करता है।
- यह अवसरों को तथा व्यापार में ग्राहकों को अपनी और आकर्षित करता है।पन्ने को विद्या ,बुद्धि ,धन और व्यापार में वृद्धि के लिए लाभप्रद माना जाता है।
- यह किसी भी विषय को समझने में आसान बनाता है।
- पन्ना रत्न के धारण करने से बुद्धि तीव्र व स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- पन्ना सुख और आरोग्यकारक भी है।
- Emerald Stone जादू -टोने,रक्त विकार ,पथरी ,बहुमूत्र ,नेत्र रोग ,दमा ,गुर्दे के विकार ,पाण्डु तथा मानसिक रोगो में लाभकारी माना जाता है।
पन्ना रत्न का रोगो में प्रयोग(emerald stone in diseases)
आयुर्वेद प्रकाश (अध्याय ५ श्लोक १०५) में पन्ना रत्न के विषय मे लिखा है कि यह विषको मारने वाला, शीतल, रसका मीठा, अम्ल तथा पित्त को दूर करने वाला, रुचिकारक, पोषक और भूतव्याधा को दूर करता है।
रसतंत्र में Emerald Stone के निम्नलिखित गुण-कर्म बताये है-दीपन रसायन, ओजवर्धक तथा विषध्त |
“रसरत्नसमुच्चय” में लिखा है कि-
ज्वर-छर्दि-विष-श्वास-सन्निपाताग्निमाघनुत् ।
दुर्नाम-पाण्डू-शोथघ्त ताक्ष्यमोजो विवर्धनम् ॥
पन्ना बुखार, वमन, विष, दमा, सन्निपात , अ्रपच, बवासीर, पाण्डु, शोध-आदि रोगो को नष्ट कर शरीर के बल एवं सौन्दय को बढ़ाता है। अ्भिप्राय यह है कि चिकित्सा के सम्बन्ध में पन्नें को विषध्न एव बलवीर्यवर्धक सभी ने स्वीकार किया है । यह हम पहले ही बता आये है कि रत्नो का रोगो में प्रयोग भस्म तथा पिष्टिका आदि के रूप मे किया जाता है, अतएव विशेषज्ञ वैद्य की सलाह पर निपुण वैद्य द्वारा तैयार की हुई भस्म(Vibhuti) आदि का प्रयोग उचित मात्रा मे किया जाना अधिक हितकर है ।
आयुर्वेद के अनुसार पन्ना रत्न की भस्म(Emerald Stone Ashes) ठढी, मीठी और मेदवर्धक है। यह क्षुधावर्घक है और अम्लपित्त तथा जलन को दूर करती है । इसीलिये तीव्र तथा मृदुज्वर, मिचली और वमन, विषक्रिया, दमा ,अजीर्ण , बवासीर,पाण्डु और हर प्रकार के घाव और सूजन को दूर करती है।
प्यारे हरे रंग के कारण पन्ना रत्न दृष्टि शक्ति के लिये उत्तम है। मिरगी से बचाता है, पेचिश को दूर करता है। संतान -जन्म के समय स्त्री का परम सहायक है । light green से dark green रंग तक का पन्ना, अच्छी प्रकार घिसा हुआ, मुलायम तथा स्वच्छ हो, उसमें दाग, चीरा या धुंध न हो और फिर उसमें भार भी पर्याप्त हो तो वह बहुमूल्य रत्न समझा जाता है । एक रत्ती वजन का यह पन्ना रत्न सदा अपने संग्रह में रखना चाहिये ।
पन्ना रत्न पहनने की विधि
पन्ना बुध ग्रह का रत्न है जो व्यक्ति बुध ग्रह के प्रभावशाली होने की अवधी में उत्पन्न होते है उनको इसका धारण करना उपयोगी है अर्थात् उस समय जब कि सूर्य मिथुन राशि का होता है- १५ जून से १४ जुलाई तक और १५ सितम्बर से १४ अक्तृबर तक। अंक ज्योतिष (Numerology) के अनुसार इन व्यक्तियों का मूल अंक ५ होता है । जिन लोगो को अपने जन्म की ठीक तारीख ज्ञात न हो, वे पाश्च्यात विधि से अपने नाम के अक्षरों के अंको को जोड़ कर अपना मूल अंक निकाल सकते हैं ।
बुध ग्रह के प्रभावाधीन जन्मे व्यक्ति अवसर को पहचान कर उससे लाभ उठाने वाले परन्तु विपदाओ में शीघ्र घबरा जाते है। वे किसी के सहयोग मे तो बडी योग्यता से काम करते है परन्तु स्वयं अकेले काम करते हुए कठिनाई आने पर टूट जाते हैं। ऐसे व्यक्ति छोटी-छोटी तुच्छ बातो से घबरा उठते है।
ऐसे व्यक्तियों को चाहिए कि बुध के अनिष्ट प्रभाव की शांति के लिये सोने की अंगूठी मे Panna Ratna को मेंढवा कर मध्यमा अंगुली मे घारण करे-उन्हे यह अंगूठी अपने जन्म मास की ५, १४ और २३ तारीख को सूर्योदय से दो घंटे पश्चात पहननी चाहिए। यदि उस दिन बुधवार हो तो और भी अधिक शुभ होगा । इसको धारण करते समय निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करना बताया गया है-
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते ससृजेथामय च।
अस्मिन् सघस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत ॥
पन्ना रत्न धारण करने वाले की शुचिता की रक्षा करता है, यदि उसके विरुद्ध कोई षड्यत्र हो रहा हो तो उसका भांडा फोड़ देता है; इसका रंग अमरता का प्रतिक माना जाता था, इसलिये पादरी वर्ग मे इसका खूब प्रचलन था । पन्ना पहिनने वाले की बुद्धि, तथा स्मृति शक्ति बढती है।
जो व्यक्ति पन्ना खरीद सकने की सामर्थ्य न रखते हो उन्हे हरित नील मणि (aquamarine) घारण करनी चाहिये। इसका भी वही प्रभाव होता है जो पन्ना का होता है।
उपरोक्त शुभ मुहूर्त में बुधवार के दिन प्रातः पन्ने को पंचामृत से अभिषेक कर और अगर पंचामृत नहीं हे तो कच्चे दूध से अभिषेक करने के बाद बुध के मंत्रो द्वारा अभिमंत्रित कर पहना जाता है। और जिस लिए पहना जाता है उसकी मन में इच्छा कर धारण किया जाता है।
यह भी जानिए : पन्ना रत्न किस उंगली में पहनना चाहिए
पन्ना रत्न धारण करने का मंत्र
इन मंत्रो का जप कम से कम १०८ बार करना है-बुध बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
ॐ बुं बुधाय नमः
पन्ना रत्न के नुकसान
पन्ना रत्न धारण करने से पहले परख लेना चाहिए। कांच का पन्ना (glass emerald stone)आंख पर रखने से गर्मी देता है।आंच पर रखने पर पिघल जाता है। घिसने से आभा दब जाती है। दूषित पन्ना जिसका रंग मटमैला हो या अलग -अलग रंग लिए हो तो यह नुकसान करता है।

पन्ना रत्न किस दिन नक्षत्रो में पहनना चाहिए
पन्ना रत्न शुक्ल पक्ष के बुधवार को अश्लेषा ,ज्येष्ठा ,रेवती ,पूर्व फाल्गुनी अथवा पुष्य नक्षत्रो में अथवा बुध की होरा में धारण करना चाहिए।
पन्ना रत्न किस धातु में पहने
पन्ना प्रायः सोना(Gold) ,चाँदी(Silver) ,पंच धातु और अष्ट धातु में पहना जाता है। पन्ना रत्न सोने और चाँदी में साधरणरूप में तथा पंचधातु और अष्टधातु में विशेष परिस्थिति में पहना जाता है। अब अगर आप जानेंगे की सोने और चाँदी में किसमे पन्ना पहनना अच्छा होता है तो अगर आपका बजट अच्छा है तो आप सोने में पहन सकते है नहीं तो फिर चाँदी में पहनना ही उपयुक्त होता है।

बुध और गुरु की युति या मित्रवत सम्बन्ध होने के कारण Emerald stone को सोने के साथ भी पहनने की सलाह दी जाती है।
पन्ना रत्न को जागृत कैसे करें(how to charge emerald stone)
पन्ना रत्न को बुधवार के दिन कांच के बर्तन जैसे गिलास या कटोरी में पानी भरकर उसमे कुछ तुलसी पत्ते डालकर लगभग एक घंटे के लिए धूप में रखना है फिर इसे पहनना है। इस क्रिया के द्वारा पन्ने में आई दरार भी भर जाती है।
पन्ना रत्न किस राशि को पहनना चाहिए
वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर ,सिंह, मीन और कुम्भ राशि तथा लग्न वालों के लिए पन्ना लाभकारी होता है। अन्य राशि और लग्न होने पर कुंडली में बुध की स्थिति को देखते हुए पन्ना पहना जा सकता है। फिर भी किसी योग्य ज्योतिषी के मार्गदर्शन में ही Panna Ratna पहनना चाहिए।
वृष लग्न ,मिथुन ,कन्या ,तुला ,मकर ,कुम्भ और मीन लग्न की कुंडली वाले जातक पन्ना धारण कर सकते है। लेकिन यंहा यह देखना है की बुध की स्थिति कुंडली में कहा है कई वह ६-८-१२ में तो नहीं बैठा है।अगर कुंडली में बुध कारक है और वह शुभ भाव का स्वामी है तो पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
पन्ना रत्न कितने दिन में असर दिखाता है
पन्ना लगभग ४५ दिनों में अपना असर दिखाना शुरू करता है। कई बार यह शुरुआत में ही असर दिखाने लगता है और कई बार समय ज्यादा भी लग सकता है।
पन्ना रत्न कब बदलना चाहिए
जब पन्ना टूट जाये ,उसमे ऐसी दरारे आ जाये की कभी भी टूट जाये ऐसी स्थिति में पन्ना बदलना चाहिए। अगर पन्ने की quality अच्छी है और स्थिति भी अच्छी है तो उसे हमेशा पहना जा सकता है।
पन्ना रत्न की कीमत क्या है
पन्ना रत्न 1000 रुपए रत्ती से लेकर 40-50 हजार रुपये रत्ती या उससे ज्यादा का भी हो सकता है। जब भी पन्ना ख़रीदे तो इस बात का ध्यान रखे की पन्ना असली हो उसके साथ ओरिजनल लैब सर्टिफिकेट हो और किसी विश्वनीय दूकान से हो। एक अच्छा Panna stone आपको 15000 के आस पास मिल जायेगा।
पाठकों इस पोस्ट में आपने पन्ना रत्न के फायदे के बारे में अद्भुत जानकारी पढ़ी। पन्ने के मंत्र ,पन्ने की पहचान ,पन्ने की धारण विधि और इसका विभिन्न ग्रंथो और आयुर्वेद में उल्लेख के बारे में जाना। इस पोस्ट में हमने कुछ जानकारी “रत्न प्रकाश” पुस्तक से ली है।
इस पोस्ट के लिए अगर आप कोई सुझाव देना चाहते है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से ,फेसबुक,ट्विटर और कू ऐप के माध्यम से संपर्क कर सकते है। आप हमें ईमेल भी कर सकते है।
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FAQ:
Panna Ratna की कीमत क्या है ?
emerald stone १००० रुपए रत्ती से लेकर ४०-५० हजार रुपये रत्ती या उससे ज्यादा का भी हो सकता है।उत्तम क्वालिटी का पन्ना हीरे से भी महंगा हो सकता है।
क्या पन्ना रत्न ३-४ सालो में बदलना चाहिए ?
अगर आपका पन्ना अच्छी स्थिति में है तो बदलने की कोई जरूरत नहीं।
क्या कुछ समय बाद पन्ना रत्न का असर कम होने लगता है और फिर आपको नया पन्ना लेना चाहिए ?
ऐसा कुछ नहीं है अगर आपके लग्न के लिए अनुकूल है तो आप आजीवन धारण कर सकते है।
Panna Ratna किस धातु में पहनना चाहिए?
पन्ना प्रायः सोना ,चाँदी ,पंच धातु और अष्ट धातु में पहना जाता है।
पन्ना रत्न किस नक्षत्र में धारण करना चाहिए ?
अश्लेषा ,ज्येष्ठा ,रेवती ,पूर्व फाल्गुनी अथवा पुष्य नक्षत्रो में पन्ने को धारण करना चाहिए।
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