रुद्राक्ष प्रायः एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते है जो नेपाल और इंडोनेशिया दोनों जगह पाए जाते है। इसके अलावा कुछ विशेष रुद्राक्ष भी होते है जैसे गौरी शंकर ,त्रिजुटी रुद्राक्ष ,सवार रुद्राक्ष आदि। लेकिन आज मिलावट के ज़माने में मिलावट रुद्राक्ष में भी होने लग गयी है। बाजार में हर रुद्राक्ष की नकली प्रतिकृति उपलब्ध है। जब कोई व्यक्ति कोई विशेष रुद्राक्ष अपने लिए खरीदने जाता है तो वह असली और नकली में अंतर नहीं पता कर पाता। आज हम इस पोस्ट में देखेंगे की नकली रुद्राक्ष किस प्रकार से बाजार में उपलब्ध है और इन्हे कैसे पहचाने।
नकली रुद्राक्ष कैसे बनता है(How fake Rudraksha is made)
एक मुखी रुद्राक्ष चाहे काजूदाना हो या गोल आकार का हो इनकी बाजार में कई नकली कलाकृति मौजूद है। अगर आप एक मुखी रुद्राक्ष को यंहा-वंहा जैसे हरिद्वार में या महेश्वर-ॐकारेश्वर आदि जैसी जगहों पर जो लोग जमीन पर बैठकर दुकाने लगाते है वो आपको नकली एक मुखी रुद्राक्ष दे ही देंगे। नकली रुद्राक्ष कैसा होता है या इसे कैसे पहचाने इसके बारे में मैंने कुछ चीजे देखी है-
निराकार रुद्राक्ष से बने रुद्राक्ष
निराकार रुद्राक्ष ऐसा रुद्राक्ष होता है जिसमे कोई धारी नहीं बनी होती और यह रुद्राक्ष किसी भी रुद्राक्ष की नकली प्रतिकृति बनाने का सबसे सस्ता साधन है। प्रायः देखने में आता है की निराकार रुद्राक्ष जिसमे कोई धारी नहीं होती उसमे एक धारी तराश कर एक मुखी रुद्राक्ष बना दिया जाता है।यह एक मुखी गोल रुद्राक्ष की तरह नजर आता है और रुद्राक्ष भी असली होता है। अगर इस रुद्राक्ष में एक और धारी बना दी जाये तो यह गोल दो मुखी रुद्राक्ष बन जायेगा। इसी प्रकार अगर इस निराकार रुद्राक्ष का आकार थोड़ा बड़ा हो तो इससे 9 मुखी तक के रुद्राक्ष तो बनाये जा सकते है। 9 मुखी से ऊपर के रुद्राक्ष का आकार अलग हो जाता है।

इस प्रकार के रुद्राक्ष को पहचानने का एक ही तरीका है की आप सबसे पहले धारियों को देखे इसमें कुछ अंतर पता चल जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष आपने किसी बड़ी दुकान से लिया है तो उसकी लैब रिपोर्ट जरूर देखे।
निराकार रुद्राक्ष से बने रुद्राक्ष में X-Ray रिपोर्ट से इसके अंदर की संरचना पता की जा सकती है। अगर अंदर से पांच मुखी बन रहा हो और बाहर से एक मुखी बना दिया हो तो यह उस xray रिपोर्ट में नजर आ जायेगा।
धारी मिटाकर बनाया रुद्राक्ष
अब एक दूसरी घटना मैं आपको बताता हूँ। मेरा एक मित्र महेश्वर अपने दोस्त के साथ गया था वंहा किले के अंदर काफी लोग बैठे होते है जो रुद्राक्ष,रत्न और अन्य धार्मिक सामग्री बेचते है। वह उन्ही के पास गया उन्होंने उसे एक मुखी रुद्राक्ष बताया जिसकी कीमत 500 रूपये बताई। उन दोनों मित्रो को रुद्राक्ष के बारे में कोई जानकारी नहीं थी केवल एक मुखी के बारे में सूना था इसलिए उन्होंने कीमत को कम करने को कहा। दुकानदार ने आखरी कीमत 100 रूपए बताई और उन्होंने रुद्राक्ष खरीद लिया। उसे वंहा सफ़ेद धागे में पहना भी दिया।
जब दोस्त ने मुझे उसका फोटो भेजा तो देखा की उसमे पांच मुखी रुद्राक्ष की 4 धारियाँ घिस कर मिटा दी है।यह किसी भी रुद्राक्ष के साथ हो सकता है।धारियां मिटा कर बनाये गए रुद्राक्ष में 5 मुखी को ही अधिक प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि यह सस्ता होता है और आकार में भी सही होता है। इस प्रकार धारियां मिटाकर एक मुखी और दो मुखी रुद्राक्ष अधिक बनाये जाते है। इस प्रकार से बने रुद्राक्ष को पहचानने के लिए आप इसके आकार पर जरूर गौर करे।
एक मुखी रुद्राक्ष के लिए धारण मंत्र ,विनियोग और मानसोपचार मंत्र के बारे में जानिए।
प्लास्टिक का नकली रुद्राक्ष(Plastic Rudraksha)
अगर हम ऑनलाइन खरीदी करते है तो एक मुखी रुद्राक्ष जो काजूदाना वाला होता है उसी की तरह दिखने वाले प्लास्टिक के रुद्राक्ष जो 100-200 रूपए में भी आपको मिल जाए और कोई आपको यह 2000-3000 में भी फेक सर्टिफिकेट के साथ बेच दे।ऐसे ही प्लास्टिक के रुद्राक्ष मैंने महेश्वर में देखे है। जंहा एक मुखी को मेटल की कैप के साथ बेच दिया जाता है। जब विदेशी लोग भारत आते है तो वह इन्हे खरीद लेते है। प्लास्टिक के यह रुद्राक्ष सांचे की सहायता से बनाये जाते है जिसमे लाख(Lac) का भी प्रयोग किया जाता है।

प्लास्टिक से बने रुद्राक्ष में अधिकतर एक मुखी रुद्राक्ष को ही बनाया जाता है क्योंकि यह बहुत दुर्लभ होता है।प्लास्टिक का एक मुखी काजूदाना रुद्राक्ष हर जगह मिल जाता है।प्लास्टिक से बने रुद्राक्ष को देख कर ही पहचाना जा सकता है लेकिन पहचानना तब मुश्किल होता है जब प्लास्टिक से बने रुद्राक्ष असली 5 मुखी या अन्य नेपाली रुद्राक्ष से मिला कर लॉकेट बना कर बेच दिया जाता है।
प्लास्टिक से बने रुद्राक्ष चीन से आते है जो 3D प्रिंटिंग से बना लिए जाते है। प्लास्टिक रुद्राक्ष का प्रयोग माला बनाने में किया जाता है। इसमें कुछ इंडोनेशिया रुद्राक्ष को प्लास्टिक रुद्राक्ष के साथ मिला कर माला तैयार की जाती है और इसे आप पहचान भी नहीं सकते। क्योंकि माला के अंदर 109 दाने लगे होते है जिसमे अगर 20 दाने भी प्लास्टिक के लगा कर माला सस्ते में बेच दी जाये तो कोई क्यों इसपर ध्यान देगा।
लेकिन अगर माला की कंडीशनिंग करने पर इसके दाने का कलर बदल जाता है तो समझ जाइये की असली है।
क्ले से बनाये रुद्राक्ष(Clay Mitti Rudraksha)
नकली रुद्राक्ष में सबसे ज्यादा प्रचलित क्ले से बनाये गए रुद्राक्ष है। इसमें सबसे ज्यादा प्रचलित नाग रुद्राक्ष ,शेषनाग रुद्राक्ष ,शिवलिंग रुद्राक्ष आदि है जो रुद्राक्ष नहीं है। शिवलिंग और नाग की आकृति लिए बनाये गए नकली रुद्राक्ष किसी भी व्यक्ति का ध्यान आकर्षित कर लेते है। इस प्रकार के रुद्राक्ष को क्ले और आटा मिला कर बनाया जाता है। इसके लिए सांचो का निर्माण m-seal का उपयोग करके किया जाता है।
m-seal में क्ले और आटे को मिलाकर पेस्ट बनाया जाता है और फिर इसे सांचो में भरकर आकार दे दिया जाता है। फिर इस आकार को पानी में उबाला जाता है। उबलने के बाद इसका रंग नारंगी हो जाता है फिर इसमें नाग आदि को Super Glue की सहायता से जोड़ दिया जाता है। और १-२ दिन के लिए सूखने के लिए रख दिया जाता है। सूखने के बाद इसपर रंग कर दिया जाता है और फिर इसे बेचने के लिए रखा जाता है।


विदेशी लोग जब इन्हे देखते है तो उन्हें यह रुद्राक्ष कह कर बेच दिया जाता है और यह कहा जाता है की “यह उस पेड़ की जड़ से निकलता है जिससे झाड़ू बनती है।”
क्ले से बने रुद्राक्ष में एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक बना दिए जाते है। इसकी जाँच के लिए अगर आप इन्हे पानी में उबाले तो यह फट जायेंगे। इसमें आटा होने के कारण जंहा यह बनाये जाते है वंहा चूहे इसे खा जाते है। फिर भी एक साल में यह ख़राब हो जाते है।

क्ले से बने पांच मुखी रुद्राक्ष को सुरजना के पेड़ की टहनी(Drumstick Tree) से जोड़ कर बेच दिया जाता है और कहा जाता है की यह सीधे पेड़ से तोड़ कर लाये है।
भद्राक्ष

भद्राक्ष भी रुद्राक्ष की तरह दिखता है लेकिन आकार में थोड़ा बड़ा होता है। कुछ लोग इसे दक्षिण भारत के जंगल के जहरीले फल का बीज मानते है। कुछ एक मुखी काजूदाना रुद्राक्ष को भी भद्राक्ष मानते है।दो मुखी रुद्राक्ष जो भारत में बेचा जाता है वह भद्राक्ष की श्रेणी में आता है। एक मुखी, दो मुखी और तीन मुखी में भद्राक्ष अधिक देखा जाता है। भद्राक्ष का कोई खास प्रभाव नहीं होता है और सस्ता भी होता है। दो मुखी रुद्राक्ष में आपको दो मुखी भद्राक्ष ही मिलेंगे जिनका कोई प्रभाव नहीं होता है।
दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र जानिए
रुद्राक्ष को जोड़कर बनाये गए रुद्राक्ष


रुद्राक्ष को जोड़कर बनाये गए रुद्राक्ष में गौरीशंकर रुद्राक्ष ,त्रिजुटी रुद्राक्ष ,सवार रुद्राक्ष ,गौरी गणेश रुद्राक्ष आदि शामिल है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष बनाने के लिए दो रुद्राक्ष को हल्का सा घिस कर चिपका दिया जाता है और यही त्रिजुटी रुद्राक्ष बनाने के लिए भी किया जाता है। इसमें निराकार रुद्राक्ष को भी उपयोग में लाया जा सकता है। इस प्रकार से बने रुद्राक्ष ऑनलाइन भी बिकते है। इनकी जाँच करने के लिए इन्हे उबलते पानी में डाल दीजिये इससे इसका ग्लू निकल जायेगा और यह अलग हो जायेंगे। सवार रुद्राक्ष और गौरी गणेश रुद्राक्ष भी इसी प्रकार जोड़ कर बनाये जा सकते है बस इसमें एक रुद्राक्ष बड़ा और एक रुद्राक्ष छोटा होता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष क्यों धारण करना चाहिए
लकड़ी से बनाया गया रुद्राक्ष

लकड़ी से नकली रुद्राक्ष बनाना बहुत ही आसान है। इसमें एक गोल लकड़ी को तराश कर उस पर कितने भी मुख बनाये जा सकते है। मैंने लकड़ी से बने कई रुद्राक्ष देखे है जिसमे दस मुखी रुद्राक्ष भी देखा है। वैसे लकड़ी के रुद्राक्ष को देखने पर पता चल जाता है की यह नकली है लेकिन अगर बहुत रुद्राक्ष के साथ मिलावट कर दी जाय जैसे माला आदि में तो पता कर पाना मुश्किल होता है।
जायफल और सुपारी से बने रुद्राक्ष

जायफल और सुपारी प्राकृतिक रूप से गोल या अंडाकार रूप में होती है। इनका उपयोग करके भी कोई भी रुद्राक्ष को बनाया जा सकता है। बड़ी सुपारी में छेद भी होता है जिससे इसमें बेहतर कलाकृति बनाई जा सकती है। लेकिन फिर भी ध्यान से देखने पर यह पता चल जाता है की यह नकली है।
बेर की गुठली से बनाया रुद्राक्ष
छोटे बेर होते है उनकी गुठली इंडोनेशिया के रुद्राक्ष से मेल कहती है क्योंकि आकर में वह सामान होती है। इन बेर की गुठली का प्रयोग रुद्राक्ष की माला बनाने में किया जाता है। लेकिन अब इनका उपयोग कम होने लगा है क्योंकि इंडोनेशिया रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है। फिर भी फैंसी bracelet आदि में इसका उपयोग हो जाता है। बेर की गुठली छोटी होने के कारण इसे तराशना मुश्किल होता है इसलिए इसे देख के पहचाना जा सकता है।
इस पोस्ट के माध्यम से आपने असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करे के बारे में जाना और यह भी जाना की कैसे नकली रुद्राक्ष बाजार में बेचे जाते है । यंहा हमारा उद्देश्य किसी के व्यवसाय को प्रभावित करना नहीं है हम केवल नकली रुद्राक्ष के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे है। नकली रुद्राक्ष बेचने वालो को नकली या सजावटी रुद्राक्ष कहकर ही बेचना चाहिए। असली कहकर नकली बेचना तो ग्राहक के साथ धोका ही है।
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