Gauri Shankar Rudraksha:प्राकृतिक रूप से परस्पर जुड़े दो रुद्राक्षों को गौरी-शंकर रुद्राक्ष कहा जाता है। गौरी शंकर रुद्राक्ष को भगवान शिव और माता गौरी का रूप माना जाता है इसलिये इसका नाम गौरी शंकर रुद्राक्ष पड़ा है। यह रुद्राक्ष एक मुख वाला तथा चौदह मुख वाले की तरह बहुत ही दुर्लभ और विशिष्ट रुद्राक्ष होता है। इसमें भगवान शंकर का वरदान और माँ पार्वती की दिव्य शक्तियाँ निहित होती हैं। इसको पहनने से भगवान शंकर और माता पार्वती दोनों ही समान रूप से खुश होते हैं और अनेक प्रकार के वरदान और शक्तियाँ धारणकर्ता को प्राप्त होते हैं। माता पार्वती हमेशा ही भगवान शंकर को मनुष्यों को वरदान देने को प्रेरित करती रहती हैं।

यह रुद्राक्ष मानव को हर तरह के रुद्राक्ष से होने वाले लाभ को अकेले ही दिलवाता है, जो व्यक्ति एक मुख वाला अथवा चौदह मुख वाला रुद्राक्ष पहनना चाहते हों और पहन नहीं सकते हों उन्हें गौरी शंकर रुद्राक्ष जरूर ही धारण करना चाहिये, क्योंकि एक मुख वाले और चौदह मुख वाले के समान ही यह रुद्राक्ष भी हर तरह की सिद्धियों का दाता है। यह अपने आप में विशिष्ट रुद्राक्ष है। इस रुद्राक्ष को पहनने के लिये सोने अथवा चाँदी में मढ़वा लेना श्रेष्ठ है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष को इस प्रकार देखा जा सकता है जब गौरी-शंकर में विलीन हो गई। यह भी कह सकते है की शंकर अर्धनारीश्वर हो गए। जो आधा पुरुष और आधा स्त्री से युक्त है या बल्कि एक पूर्ण मानव का स्वरुप जो संपूर्ण है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान
जिस प्रकार से जुड़वाँ फल किसी पेड़ पर लगे होते है उसी प्रकार रुद्राक्ष के फल भी लगे होते है उन्ही दो जुड़े फल को गौरी-शंकर रुद्राक्ष कहा जाता है। असली गौरी शंकर रुद्राक्ष(Original Gauri Shankar Rudraksha) की खासियत यह है की उसमे प्राकृतिक धारियाँ बनी होती है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष प्रायः ४ मुखी से लेकर १० मुखी तक के रुद्राक्ष के संयोग से बने होते है। यानि किसी पेड़ पर ५ मुखी रुद्राक्ष का फल है और वह ६ मुखी रुद्राक्ष के फल से जुड़ा है तो इस प्रकार रुद्राक्ष में १०-११ धारियां नजर आएगी। उनमे कुछ दूरी नजर आएगी।जैसा फोटो १ में नजर आ रहा है। यह गौरी शंकर दो ६ मुखी रुद्राक्ष से जुड़ा होने से बना है।

असली गौरी शंकर रुद्राक्ष काफी मजबूत होता है। आसानी से अलग नहीं होता है खींचने पर टूटता नहीं है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से जुड़ा होता है। असली गौरी शंकर को अगर तोड़ते भी है तो इसके भाग स्पष्ट नहीं टूटेंगे। जैसा किसी लकड़ी को प्राकृतिक रूप से तोड़ने पर होता है।फोटो 2 में पांच मुखी और ६ मुखी रुद्राक्ष के जुड़ने से बना गौरी शंकर रुद्राक्ष है।

एक यह भी देखने में आता है की अगर गौरी शंकर रुद्राक्ष में एक रुद्राक्ष का आकार छोटा है तो उसे गौरी गणेश रुद्राक्ष या गर्भ गौरी रुद्राक्ष कहा जाता है।फोटो 3 में नेपाल के गौरी शंकर रुद्राक्ष को बताया है जो ऊपर से हल्का सा जुड़ा हुआ है। इसमें चाँदी की कैप भी लगा दी गयी है। प्रायः इस तरह की संरचना में एक रुद्राक्ष का आकार अगर दुसरे से कुछ मिलीमीटर में छोटा है तो वह गौरी शंकर Rudraksha ही कहलायेगा जैसा फोटो ३ में है। लेकिन अगर एक रुद्राक्ष का आकार दुसरे की तुलना में बहुत छोटा है तो फिर उसे गौरी गणेश या गर्भ गौरी रुद्राक्ष में गिना जाता है।

नकली गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान
आपको बाजार में ऐसे कई गौरी-शंकर रुद्राक्ष मिल जायेंगे जो दो रुद्राक्ष को जोड़ कर बनाये जाते है। चालक दूकानदार दो रुद्राक्ष को एक ओर से घिस देते है फिर इसे सुपर ग्लू(super glue) की सहायता से चिपका देते है। सामान्य व्यक्ति इसे ठीक से नहीं पहचान पाता।

कई बार कुछ रुद्राक्ष अंडाकार रूप में आते है लेकिन ख़राब गुणवत्ता के कारण बिक नहीं पाते तब दूकानदार इन्हे तराश कर और दुसरे रुद्राक्ष के साथ जोड़ कर गौरी-शंकर रुद्राक्ष बना देते है।फोटो ४ में गौरी शंकर रुद्राक्ष ही है लेकिन इसकी गुणवत्ता निम्न है यानि इसमें आप मुख और लकीर को स्पष्ट नहीं देख पा रहे।

फोटो ४ में रुद्राक्ष में यह पता नहीं लगा सकते की यह १३ मुखी रुद्राक्ष है या गौरी शंकर रुद्राक्ष लेकिन है यह असली रुद्राक्ष।। इसमें निचे के हिस्से सामान है लेकिन ऊपर के हिस्से में मध्य स्थान में जगह है। रुद्राक्ष खरीदते हुए कई बार इस तरह के रुद्राक्ष को समझ पाना कठिन होता है। इसलिए जिसमे स्पष्टता नजर आये उसे ही खरीदिये।
गौरी-शंकर रुद्राक्ष में कुछ ऐसे भी बेचे जाते है जिसमे २ पांच मुखी रुद्राक्ष को किसी लकड़ी की डाली में चिपका दिया जाता है या फिर तार से केप लगा दी जाती है जिससे ठीक से पहचाना नहीं जा पाता की असली है या नकली।जैसा फोटो ३ में है।
इसके अलावा क्ले(clay) से तराश कर भी नकली गौरी-शंकर रुद्राक्ष(Clay Gauri Shankar Rudraksha Bead) बना दिए जाते है जिसमे आपको त्रिशूल या नाग की आकृति भी बनी होती है।एक अन्य उदाहरण भी आता है जिसमे जंगली बीजो को जोड़ा जाता है और कई बार जायफल को तराश कर भी बना दिया जाता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष किसे धारण करना चाहिए
- विवाह के इच्छुक युवक -युवती को इसे धारण करना चाहिए। यह उचित जीवनसाथी पाने में मदद करता है।
- पति -पत्नी को भी बेहतर वैवाहिक जीवन के लिए इसे धारण करना चाहिए।
- निसंतान दंपत्ति को भी इसे धारण करना चाहिए।
- पारिवारिक सम्बन्ध बेहतर करने हेतु इसे धारण करना चाहिए।
- ध्यान साधना करने वाले योगी संत साधको को भी धारण करना चाहिए।
गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र(Gauri Shankar Rudraksha Mantra)
गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने के लिए आप मंत्र ॐ गौरीशंकराये नमः का जप १०८ बार कीजिये। इसके अलावा आप ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप भी कर सकते है यह सभी रुद्राक्ष धारण में किया जा सकता है।
ॐ गौरीशंकराये नमः
Gauri Shankar Rudraksha Benefits in Hindi
यह रुद्राक्ष दो गतिशील शक्तियों का एक आदर्श संयोजन है शिव और शक्ति। गौरी शंकर रुद्राक्ष सुखी, आनंदमय, संतोषजनक और आदर्श वैवाहिक जीवन प्रदान करने वाला है।
हालाँकि यह कई अन्य लाभ भी देता है जैसे कि संतान, धन, स्वास्थ्य, विलासिता, आराम, आध्यात्मिकता, ज्ञान, सृजन, प्रकटीकरण, और बहुत कुछ।
गौरीशंकर रुद्राक्ष के लाभ अनगिनत हैं फिर भी लोगों द्वारा अनुभव किए गए कुछ निश्चित लाभ नीचे बताये गए है-
- यह चंद्रमा ग्रह को उच्च करता है।
- यह शुक्र ग्रह को उच्च करता है।
- यह बृहस्पति ग्रह को उच्च करता है।
- यह मनचाहा जीवन साथी पाने में मदद करता है।
- विवाह में देरी से बचने के लिए यह एक आसान उपाय है।
- यह पति और पत्नी के बीच आपसी समझ को विकसित करता है और बढ़ाता है।
- यह रिश्ते को हमेशा ताजा और जवान बनाए रखता है।
- यह पति-पत्नी के बीच आकर्षण बनाए रखता है।
- गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने के बाद पति-पत्नी एक-दूसरे के पूरक बन जाते हैं और कभी भी एक-दूसरे का विरोध नहीं करते।
- पति-पत्नी एक-दूसरे के जीवन में मार्गदर्शक बन जाते हैं।
- यह यौन जीवन को आनंदमय और संतोषजनक बनाता है।
- यह स्वस्थ और समय पर संतान का आशीर्वाद देता है।
- गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने के बाद व्यक्ति को पापों और कर्म ऋणों से मुक्ति मिलती है।
- यह इच्छाओं को पूरा करता है।
- यह वांछित परिणाम, चीजों और घटना को प्रकट करने में मदद करता है।
- यह जीवन में दिव्य आनंद और शांति समाहित करता है।
- यह तनाव, चिंता, अवसाद और शोक के कारणों को रोकता है।
- सफलता, धन, संसाधन, विलासिता और साज-सामान स्वाभाविक रूप से पहनने वाले के पास आते हैं।
- यह एक रक्षक है जो बुरे प्रभाव, काले जादू और बाधाओं को रोकता है।
- यह अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और कई बड़ी – छोटी और पुरानी बीमारियों को रोकता है।
- यह आपको आत्म-शंकाओं और जटिलताओं से बाहर निकलने में मदद करता है; इस प्रकार यह आत्मविश्वास विकसित करता है।
- यह जीवन को सकारात्मकता से भर देता है और किसी भी नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष किस ग्रह के लिए है
यह रुद्राक्ष शुक्र, चन्द्रमा और गुरु(बृहस्पति) ग्रह को संतुलित करता है और उनके परिणाम बेहतर करता है। जिसमे शुक्र और गुरु विवाह के कारक ग्रह है।
इड़ा और पिंगला मानव प्रणाली में दो मूलभूत ऊर्जा चैनल हैं। इड़ा स्त्रीलिंग है और पिंगला पुल्लिंग है। जब ये दोनों वास्तव में संतुलित होते हैं तो क्या हम इस सदा-उछालने वाली रस्सी पर चल सकते हैं जो कि जीवन है वह भी अत्यंत सहजता के साथ।
Gauri Shankar Rudraksha Isha
ईशा फाउंडेशन के आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव जिन्हे सध्गुरु(Sadhguru) के नाम से जाना जाता है उन्होंने अपने ब्लॉग में Gauri Shankar Rudraksha Benefits in hindi के बारे में निम्न बातें बताई है –
“गौरी-शंकर एक विशेष प्रकार है जो आपकी इड़ा और पिंगला के बीच संतुलन लाता है। आम तौर पर लोगों का मानना है कि इससे उन्हें समृद्धि मिलेगी। समृद्धि का मतलब सिर्फ पैसा होना जरूरी नहीं है। यह कई तरह से आ सकता है। आपके पास कुछ भी नहीं हो सकता है लेकिन फिर भी आप अपने जीवन में समृद्ध हो सकते हैं। यदि आप एक संतुलित व्यक्ति हैं और आप अपने जीवन में समझदारी से काम लेते हैं तो समृद्धि आ सकती है।यह तब होता है जब ऊर्जा अच्छी तरह से काम करती है। एक गौरी-शंकर आपकी इड़ा और पिंगला को संतुलित और सक्रिय करता है।”
“यदि आपने अपने जीवन को शुद्ध करने के लिए चुना है तो रुद्राक्ष एक अच्छा उपकरण और सहायता है यानि रास्ते में थोड़ा सा सहारा। जब कोई आध्यात्मिक मार्ग पर चल रहा होता है तो वह अपने आप को बढ़ाने के लिए हर छोटे से छोटे सहयोग का उपयोग करना चाहता है, और यह निश्चित रूप से एक बहुत अच्छा समर्थन है।”
“एक गुरु आमतौर पर विभिन्न प्रकार के लोगों के लिए अलग-अलग तरीकों से रुद्राक्ष को सक्रिय करता है। पारिवारिक स्थितियों में लोगों के लिए यह एक तरह से सक्रिय होता है।यदि आप एक ब्रह्मचारी या सन्यासी बनना चाहते हैं तो यह पूरी तरह से अलग तरीके से सक्रिय होता है। पारिवारिक स्थितियों में लोगों को एक निश्चित तरीके से रुद्राक्ष को ऊर्जावान करना चाहिए।”
गौरी-शंकर रुद्राक्ष की कीमत(Gauri Shankar Rudraksha Bead Price)
गौरी शंकर रुद्राक्ष की कीमतों में काफी अंतर देखा जा सकता है।अलग -अलग दुकानों में इसका मूल्य अलग है। इंडोनेशिया गौरी शंकर रुद्राक्ष की कीमत कम होती है जो आपको २-३ हजार रुपये के आस पास मिल जायेगा या इससे भी कम हो सकती है। वंही GauriShankar नेपाल के रुद्राक्ष की कीमत आपको 5 हजार के आस पास मिल जाएगी।उच्च गुणवत्ता का नेपाली गौरी शंकर रुद्राक्ष की कीमत 8000 के आस पास रहती है।यह आकार में सामान्य से मिलीमीटर में भी बड़ा होता है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष में कीमत का अंतर तय होता है इस पर बनी धारियों के अनुसार और वह किस रुद्राक्ष से बना है इस पर। औसत एक गौरीशंकर रुद्राक्ष में १०-११ धारिया सामान्य रूप से नजर आती है लेकिन अगर गौरीशंकर १० मुखी या ११ मुखी जैसे रुद्राक्ष से मिल कर बना है तो धारिया २० के आस -पास हो जाती है। जिससे इसकी कीमत काफी अधिक हो जाती है।
ईशा शॉप की वेबसाइट पर गौरी शंकर रुद्राक्ष(Isha shop)की कीमत १०५०० रुपये है जो ताम्बे की कैप के साथ मिलता है। यह कीमत ज्यादा लगती है हो सकता है या अभिमंत्रित हो फिर भी ज्यादा है।

आवश्यक जानकारी :गौरीशंकर रुद्राक्ष(Gauri Shankar Rudraksha Benefits in hindi) के बारे में जानकारी विभिन्न पुस्तकों और अनुभव के आधार पर प्रदान की गयी है। हम पाठको से अनुरोध करते है की रुद्राक्ष के तथ्यों पर अपना विवेक का प्रयोग अवश्य करे।
नेपाली गौरी शंकर रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?
नेपाली गौरी शंकर रुद्राक्ष की कीमत 5000 रूपये के आस-पास होती है।
नेपाली गौरी शंकर रुद्राक्ष कंठा माला की कीमत क्या है ?
नेपाली गौरी शंकर रुद्राक्ष कंठा माला की कीमत ५०००० के आस पास रहती है। जबकि इंडोनेशिया गौरी शंकर कंठा माला की कीमत १०००० के आस -पास होती है।
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