घातक कालसर्प दोष क्या है |Ghatak Kaal Sarp Dosh in Hindi

Ghatak Kaal Sarp Dosh in Hindi: 12 काल सर्प दोषो में घातक काल सर्प दोष 10 वे स्थान पर आता है। कुंडली में केतु चतुर्थ भाव में और राहु दशम भाव में होने से घातक काल सर्प योग बनता है। इस योग के प्रभाव से गृहस्थ जीवन में कलह और अशांति बनी रहती है। साथ ही नौकरी और रोजगार के क्षेत्र में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

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घातक कालसर्प दोष कब बनता है

जब कुंडली में केतु चतुर्थ स्थान पर और राहु दशम स्थान में हो तथा इसके मध्य सारे ग्रह हो तो यह घातक काल सर्प दोष (Ghatak Kaal Sarp Dosh) कहलाता है। यह दोष शंखपाल काल सर्प दोष के विपरीत बनता है।

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इस दोष में केतु की पंचम दृष्टि अष्टम स्थान में होने पर यह आयु को प्रभावित करती है। केतु की सप्तम दृष्टि सप्तम स्थान पर होने पर यह कार्य क्षेत्र को प्रभावित करती है। केतु की नवम दृष्टि 12वे स्थान पर होने पर यह खर्च आदि को प्रभावित करती है।

वंही राहु की दृष्टि चतुर्थ स्थान पर होने पर यह घर के सुख और माता के सुख को प्रभावित करती है। राहु की पंचम दृष्टि दूसरे स्थान पर होने पर यह धन और वाणी को प्रभावित करता है। राहु की नवम दृष्टि छटवे भाव पर होने पर यह रोग और कर्ज को प्रभावित करती है।

घातक कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है (Ghatak Kaal Sarp Dosh Time Period)

ऐसा माना जाता है की घातक कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन को जन्म से 42 वर्ष तक प्रभावित करता है। इस दोष का प्रभाव कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करता है की अन्य ग्रह जैसे मंगल ,गुरु ,शुक्र कितने पीड़ित है अगर पीड़ित है तो विवाह में समस्या होगी तथा चन्द्रमा पीड़ित है तो मानसिक समस्या जैसे अवसाद की स्थिति भी बन सकती है।

इसके बाद इस दोष (Ghatak Kaal Sarp Dosh) का प्रभाव कम होने लग जाता है। लेकिन 42 वर्ष की उम्र तक व्यक्ति का कार्य ,रोजगार आदि प्रभावित हो जाता है । हो सकता है की व्यक्ति के पास कोई रोजगार न हो ।अगर विवाह जल्दी हो जाता है तो विवाह या सगाई का टूटना ,विवाह बाद समस्या तथा संतान सम्बंधित समस्या आदि को देखा जाता है।

घातक कालसर्प दोष के लक्षण (Ghatak Kaal Sarp Dosh Effects)

  • जब आपकी कुंडली में यह दोष (Ghatak Kaal Sarp Dosh) होता है, तो यह अत्यधिक अनुशंसा की जाती है कि आप अपनी माँ की सेवा करें, उनकी देखभाल करें और उन्हें कभी कोई नुकसान न पहुँचाएँ। यह आपके जीवन की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगा। हालाँकि, यह देखा गया है कि बदले में आपको अपनी माँ से उसी तरह का स्नेह नहीं मिल सकता है।
  • व्यक्ति के कार्य या व्यवसाय की स्थिति अस्थिर रहती है।
  • जातक की वाणी बेकार हो सकती है। ऐसे जातक कटु शब्द या झूठ बोलने वाले हो सकते है।
  • जातक का खर्चा कमाई से अधिक हो सकता है या फिजूल खर्च हो सकता है।
  • व्यक्ति की बीमारी पता न लग रही हो और वह बीमार रहता हो।
  • भाइयों से झगडे की सम्भावना होती है।
  • बायीं ऑंख में समस्या होना।
  • घातक कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति अभिमानी हो जाता है, भले ही उसके पास गर्व करने के लिए कुछ भी न हो। आपका अहंकार आपके सिर के शीर्ष पर है, जो न केवल आपके व्यक्तिगत बल्कि आपके पेशेवर संबंधों में भी बाधा डाल सकता है।
  • जातक हमेशा जीवन पर्यन्त सुख के लिए प्रयत्नशील रहता है उसके पास कितना ही सुख आ जाये उसका जी नहीं भरता है।
  • उसे पिता का भी विछोह झेलना पड़ता है।
  • वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं रहता।
  • व्यवसाय के क्षेत्रा में उसे अप्रत्याशित समस्याओं का मुकाबला करना पड़ता है। परन्तु व्यवसाय व धन की कोई कमी नहीं होती है।
  • नौकरी पेशा वाले जातकों को सस्पेंड, डिस्चार्ज या डिमोशन के खतरों से रूबरू होना पड़ता है।
  • साझेदारी के काम में भी मनमुटाव व घाटा उसे क्लेश पहुंचाते रहते हैं।
  • सरकारी पदाधिकारी भी उससे खुश नहीं रहते और मित्र भी धोखा देते रहते हैं।

घातक कालसर्प योग सकारात्मक पहलु (Ghatak Kaal Sarp Dosh Positive Effects)

यदि यह जातक रिश्वतखोरी व दो नम्बर के काम से बाहर आ जाएं तो जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा उसे जरूर मिलती है साथ ही राजनैतिक क्षेत्रा में बहुत सफलता प्राप्त करता है। उक्त परेशानियों से बचने के लिए जातक निम्नलिखित उपाय कर लाभ उठा सकते हैं।

घातक कालसर्प दोष के उपाय (Ghatak Kaal Sarp Dosh Remedies)

  • नित्य प्रति हनुमान चालीसा का पाठ करें व प्रत्येक मंगलवार का व्रत रखें और हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घुलाकर चढ़ाएं तथा बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
  • एक वर्ष तक गणपति अथर्वशीर्ष का नित्य पाठ करें।
  • सोने की चेन पहनें।
  • हल्दी का तिलक लगाएं।
  • अगर कोई बीमारी पकड़ में नहीं आ रही तो किसी विशेष डॉक्टर को बताये और जाँच कराये।
  • व्यर्थ खर्च करने की आदत से बचे।
  • नित्य योग व्यायाम करने की आदत डालिये।
  • राहु केतु के बीज मंत्रो का जप कीजिये।
  • अगर आपके सुख में कमी है, माता का स्वास्थ्य खराब है, वैवाहिक सुख में कमी है, मानसिक परेशानी है तो सोमवार के दिन व्रत रखें।
  • इस योग में उत्पन्न जातक यदि माँ की सेवा करे तो उत्तम घर व सुख की प्राप्ति होता है।
  • शनिवार का व्रत रखें, श्री शनिदेव का तैलाभिषेक व पूजन करें और लहसुनियां, सुवर्ण, लोहा, तिल, सप्तधान्य, तेल, काला वस्त्रा, छिलके समेत सूखा नारियल, कंबल आदि का समय-समय पर दान करें
  • सोमवार के दिन व्रत रखें, भगवान शिव के मंदिर में चांदी के नाग की पूजा कर अपने पितरों का स्मरण करें और उस नाग को बहते जल में श्रध्दापूर्वक विसर्जित कर दें।
  • घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।
  • 4 मुखी, 8 मुखी और 9 मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
  • हमेशा हनुमान चालीसा का पाठ करें और प्रत्येक मंगलवार का व्रत करें।
  • प्रत्येक पूर्णिमा को गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
  • सिर खाली न रखें। टोपी या साफा कोई चीज सिर पर हमेशा रखें।
  • शुक्रवार के दिन उपसंहार, तेल, काला कपड़ा, छिलका सहित नारियल, कंबल आदि का दान करें।
  • अगर समस्या अधिक है तो (Ghatak Kaal Sarp Dosh) काल सर्प दोष की पूजा करवाए।

अगर आपको घातक काल सर्प दोष (Ghatak Kaal Sarp Dosh) के बारे में जानकारी पसंद आई तो इसे जरूर शेयर करे। काल सर्प दोष के लिए आपको अधिक धन खर्च करने से बचना चाहिए। कुछ ज्योतिषी डरा कर व्यक्ति से जबरन पूजा करवा देते है इसलिए किसी अच्छे ज्योतिष से कुंडली का विवेचन कराना चाहिए और साथ ही अपनी कमियों को पहचानना चाहिए।

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