kanya rashi ke isht dev kaun hai: कन्या राशि काल पुरुष की कुंडली में 6 नम्बर की राशि है। यह एक द्विसभाव राशि है और पृथ्वीतत्व राशि है। इसका राशि प्रतिक एक युवा स्त्री है। इस राशि के लोग अक्सर शर्मीले प्रभाव के होते है लेकिन जीवन में काफी व्यावहारिक होते है और इनमे किताबो से काफी लगाव होता है यह देखा गया है । पृथ्वी तत्व होने के कारण यह एक संगठित जीवन जीना चाहते है कह सकते है की मिश्रित परिवारों में अच्छी जगह बनाते है। यह जीवन में जो टारगेट सेट करते है अपने जो गोल्स बनाते है उनके ऊपर बेहतर ढंग से काम करते है उन्हें हासिल करते है ।
कन्या राशि क्या है (Virgo rashi in hindi)
काल पुरुष की कुंडली में 6th हाउस कन्या राशि को दर्शाता है। कन्या राशि क्या है इसे ऐसे समझे की जिस जातक का जन्म कन्या राशि में हुआ है यानि उसकी कुंडली में कन्या राशि लिखी है इसका अर्थ है की उसके जन्म के समय चन्द्रमा कन्या राशि में स्थित है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में स्थित है वही राशि जन्म राशि कहलाती है। कन्या राशि के इष्ट देव कौन है यह आगे हम इसी पोस्ट में जानेंगे ।
कन्या राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (kanya rashi Facts)
कन्या राशि के जातक का स्वाभाव (kanya rashi characteristics)
कन्या राशि का स्वामी बुध है और यह बुध की उच्च राशि भी है। यह जातक को लेखन कला और पत्रकारिता में निपुण बनता है । यह देखने में आता है की कन्या राशि वाले अच्छे मित्र और सलाहकार होते है किसी भी चीज पर अच्छा मार्गदर्शन करते है क्योंकि इनका लाइफ एक्सपीरियंस बड़ा कमाल का होता है ।
कन्या राशि के लोग अपनों की देखभाल के लिए हमेशा तत्पर रहते है ,अगर परिवार में किसी की तबियत ठीक नहीं है तो यह सब कार्य छोड़ कर परिवार के लिए समर्पित हो जाते है। यह अपनी भावनाओ को व्यतीत नहीं करते। कन्या राशि के लोग अच्छे डॉक्टर, शिक्षक और मनोवैज्ञानिक हो सकते है । इन राशि के लोगो में यह देखने में आता है की यह पैसा कही पर भी खर्च कर देते है जिसके कारण इनका पैसा व्यर्थ की चीजों पर भी कह सकते है अनावश्यक खर्च हो जाता है इन्हे अपना पैसा सही जगह खर्च करना चाहिए।
इस राशि के पुरुष शांत स्वाभाव के होते है लेकिन इन्हे मुर्ख न समझे। यह धैर्यवान होते है। इस राशि की महिलाये भौतिकवादी नहीं होती परन्तु बोलचाल में अच्छी होती है लेकिन अगर कही रिश्तो की बात आये तो रिश्तो में शुरुवात नहीं करेगी कह सकते है की आगे से बात नहीं करेंगी। पृथ्वी तत्व निर्मल है, इस राशि के जातक पॉजिटिव माहौल बनाना और अपने आस-पास स्वछता निर्मित करना इनकी खासियत होती है ।
बुध का सम्बन्ध औषधियों से होता है जो जातक को निरोग बनता है। यह व्यावहारिक तो होते ही है पर यह आध्यात्मिकता को भी जीवन में हासिल कर लेते है । इस राशि के लोग बुद्धिमान ,तर्कयुक्त और प्रैक्टिकल होते है। इस राशि के जातक प्रायः हर किसी से सम्बन्ध नहीं बनाते पर जिससे बनाते है उसे हमेशा निभाते है। यह अपने से बाहर निकलने का प्रयास करते है हमेशा कुछ नया करने का इनका मन करता है तथा रिस्क लेने का डर नहीं होता है फिर भी बुद्धि से मार्ग खुद चुनते है और रिस्क कच्चे से माप लेते है।
कन्या राशि के लोग कैसे होते हैं
कन्या राशि के शरीर संरचना की बात करे तो यह मध्यम कद वाले होते है। काले बाल और आंख, त्वरित चुस्त चाल, वास्तिवक आयु से कम के प्रतीत हाते हैं, विकसित छाती, सीधी नाक, पतली और तीखी आवाज, धनुषाकार घनी भौंहें, गर्दन या जांघों पर निशान लिए होते है।
कन्या राशि का चिन्ह (kanya rashi symbol)
कन्या राशि का चिन्ह एक कन्या होती है जो एक युवा लड़की होती है। यही कन्या जो आगे एक स्त्री में परिवर्तित होना चाहती है एक प्रकृति का रूप धारण करना चाहती है। नाव पर बैठी कन्या जिसके एक हाथ में लालटेन है और एक हाथ में अन्न है।
कन्या राशि तत्व (kanya rashi element)
कन्या राशि एक पृथ्वी तत्व राशि है जिसके सवामी बुध देव है। भूमि तत्व होने के कारण ही कन्या राशि के जातको में अक्सर शांत स्वाभाव और अच्छा व्यवहार देखा गया है।
कन्या राशि का स्वामी (kanya rashi lord)
कन्या राशि के स्वामी बुध देवता होते है। बुध ग्रह एक युवा कुमार ग्रह के रूप में जाना जाता है और कन्या भी एक युवा लड़की है। इन दोनों की यही युवा स्थिति के कारण बुध को कन्या राशि में उच्च का माना जाता है।
कन्या राशि के इष्ट देव कौन है (kanya rashi ke isht dev kaun hai)
kanya rashi ke isht dev kaun hai: वैसे तो बुध देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर कन्या राशि के इष्ट देव कौन है की बात की जाये तो श्री गणेश जी कन्या राशि के इष्ट देवता होते है। गणेश जी बुद्धि के देवता है और बुध ग्रह को भी बुद्धि का ग्रह मन जाता है। कन्या राशि वालो को श्री गणेश जी की आराधना करनी चाहिए जिससे जीवन में कष्टों का निवारण हो सके ।
कन्या राशि का रंग (kanya rashi color)
कन्या राशि का रंग हरा होता है क्योंकि यह पृथ्वी तत्व और प्रकृति से जुड़ा होता है।काला रंग भी माना जाता है।
कन्या राशि का व्यवसाय (kanya rashi professions)
कन्या राशि के जातक किसी के अधीन बंधे नहीं रहना चाहता है । यदि इस ओर अधिक ध्यान दिया जाए तो व्यक्ति को स्वतंत्र विचारधारा वाला बनाता है । बुध के कारक तत्वों में जातक को कई अनेक प्रकार के व्यवसायों की प्राप्ति दिखाई देती है । इसी के साथ व्यक्ति को अपनी बौधिकता का बोध भी हो पाता है और उसे सभी दृष्टियों से कार्यक्षेत्र में व्यापार करने वाला बनाता है ।जातक शिक्षा द्वारा धनोपार्जन करता है ।
बुध को वाणी का कारक कहा गया है तो व्यक्ति अपनी वाणी द्वारा कार्य-क्षेत्र अथवा सामाजिक क्षेत्र दोनों में ही दूसरों द्वारा प्रशंसित होता है और लोगों को अपनी वाक कुशला से प्रभावित करता है । व्यक्ति वकील , कलाकार , सलाहकार , प्रवक्ता इत्यादि कामों द्वारा अनुकूल फल प्राप्त करने में सफल रहता है ।
इसके अलावा व्यापार कार्य, वेदों का अध्यापन, लेखन कार्य ( लेखक ), ज्योतिष कार्य, प्रकाशन का कार्य, चार्टड एकाउटेंट, मुनीम, शिक्षक, गणितज्ञ, कन्सलटैंसी, वकील, ब्याज,बट्टा, पूंजी निवेश, शेयर मार्केट, कम्प्यूटर जॉब, लेखन, वाणीप्रधान कार्य, एंकरिंग, शिल्पकला, काव्य रचना, पुरोहित का कार्य, कथा वाचक, गायन विद्या, वैद्य,गणित व कोमर्स के अध्यापक, वनस्पति, बीजों व पौधों का कार्य, समाचार पत्र, दलाली के कार्य, वाणिज्य संबंधी, टेलीफोन विभाग, यातायात, पत्रकारिता, मीडिया, बीमा कंपनी, संचार क्षेत्र, दलाली, आढ़त, हरे पदार्थ, सब्जियां, लेखाकार, कम्प्यूटर, फोटोस्टेट, मुद्रण, डाक -तार, समाचार पत्र, दूत कर्म, टाइपिस्ट, कोरियर सेवा, बीमा, सैल टैक्स,आयकर विभाग, सेल्स मैन, हास्य व्यंग के चित्रकार या कलाकार इत्यादि कह सकते है कम्युनिकेशन स्किलअच्छा होता है।
कन्या राशि के संभावित रोग (kanya rashi diseases)
कन्या राशि के लोगो को उदर रोगों से सावधान रहना चाहिए। इसके आलावा पेचिश, टायफायड ,पथरी आदि संभाव्य रोग है। इनमे यह देखा गया है की यह नाममात्र की व्याधि होने पर भी डाॅक्टर के पास चले जाते हैं। इनके जीवन के अंतिम समय में टी. बी. होने की संभावना हो सकती है।इनमे एक उम्र में कन्धों तथा भुजाओं का झुकना देखा गया है और नसों से सम्बंधित समस्याएँ भी देखि गयी है।
कन्या राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह
कन्या राशि बुध की उच्च राशि है। वही शुक्र कन्या राशि में नीच माना जाता है।
कन्या राशि के लिए मंत्र (kanya rashi Mantra)
||ॐ नमो प्रीं पीताम्बराय नमः||
इस मंत्र का प्रति दिन 1 माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा श्री गणेश जी का मंत्र ॐ गं गणपते नमः तथा बुध देवता मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः का भी जाप किया जा सकता है।
कन्या राशि के लिए धातु (kanya rashi metal)
कन्या राशि के लिए कांसा मूल धातु मानि गयी है।इसके अलावा चाँदी और सोना मिश्रित धातु भी प्रयोग में लायी जाती है।
कन्या राशि के लिए रत्न (kanya rashi gemstone)
कन्या राशि के लिए पन्ना मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।
कन्या राशि के लिए रुद्राक्ष (kanya rashi rudraksh)
कन्या राशि के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के
कन्या राशि नाम अक्षर (kanya rashi starting name letter)
कन्या राशि नाम के आरंभ के अक्षर ‘प’, ‘ठ’ और ‘ण’ होते है।
आज आपने इस लेख में जाना की कन्या राशि के इष्ट देव कौन है (Kanya Rashi ke Isht Dev Kaun Hai) उसके बारे में चर्चा की। कन्या राशि क्या है तथा कन्या राशि के बारे में आवश्यक जानकारी आपको कैसी लगी। आशा है कि यह आपको अपने दैनिक जीवन में सहायता प्रदान करेगा।
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