कर्क राशि का चिन्ह केकड़ा होता है। प्रायः हम केकड़े को देखते है तो केकड़ा एक जल चर प्राणी है जो किसी भी स्थिति में अपने आप को साध लेता है ।जो धरती पर भी रह सकता है और जल में भी यानि कैसी भी परिस्थिति में अपने आप को एडजस्ट कर लेता है। केकड़े की तरह ही कर्क राशि के जातक अपने आप को विपरीत परिस्थितियों में ढाल लेते है। केकड़ा अपनी पीठ पर ही अपना परिवार लेकर चलता है। जहा यह रूकता है वही घर बना लेता है। वैसे ही कर्क राशि का जाता क जहा होता है वही घर का माहौल बना लेते है। कर्क राशि के जातक एक भावनात्मक व्यक्ति के रूप में होते है ये अपने आप में भावनाये भरे रहते है ।अगर यह एक बार किसी बात का संकल्प भावनात्मक रूप में कर लेते है हो उस लक्ष्य को पूर्ण करके ही मानते है। कर्क राशि के जातको में एक बात यह भी होती है की यह भावनाओ से आगे भी बढ़ता है। इनमे औरो के लिए दर्द होता है और उनकी भावनाओ और दर्द को समझते है।यह एक प्रकार से कथाकार होते है यानि अपनी बात को इस तरीके से कहते है मानो कोई मनोरंजन कहानी सुना रहे हो । यह अपनी बातो के लिए प्रतिबद्ध होते है। मिलान सार होने पर भी किसी प्रकार के सम्बन्धो से दूर भागते है।यानि कह सकते है की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। यह अपनी मान्यताओं को दृढ़ निश्चय करके चलते है।

कर्कराशि एक जल तत्व राशि है और एक चर राशि है । इनके जीवन में आने वाली विचारधारा लगातार बदलती रहती है। जिस प्रकार चन्द्रमा घटता बढ़ता रहता है और जल चलता रहता है। ऐसा देखने में आता है की अगर हम एक ही विचार या भावना के साथ ३ महीने रहे तो हम एक प्रकार से पागल हो जाते है।लेकिन कर्क राशि के जातक लम्बे समय तक एक स्थिति में नहीं रहते इनके मन के बदलाव की स्थिति हमेश रहती है। इनकी एक खासियत होती है की यह अपनी क्षमता से वो सब कर सकते है जो दुसरे लोगो को असाधारण लगता है। इनमे गजब का आक्रषण होता है तथा दूसरो को पोषित करने की क्षमता होती है। कर्क जल चर राशि है ।इनमे भावनाये तो होती है लेकिन भावनाओ के साथ जमीनी हकीकत को भी समझते है। यह जातक दूर दर्शी होते है काफी आगे तक की योजनाओ को देखते है। यह विपरीत स्थिति में अपने आप को समेट लेते है। इनका एक नकारात्मक पहलु यह है की यह भावनाओ में बह जाते है जिनमे इनकी कोई सीमा नहीं रहती।
कर्क राशि के जातक का स्वाभाव
इनमे कल्पनाशक्ति उत्तम होती है तथा नकल करने में महारत होते है ,कई अभिनेता और नकलची इस राशि के होते हैं।नये विचारों को शीध्र अपना लेते हैं, नये वातावरण में शीध्र ढल जाते है। परिश्रम द्वारा धन संचय करते है। परिवर्तनशील प्रकृति के कार्य कर सकते है। व्यापार विशेषकर खान-पान के कार्य में निपुण होते हैं। अच्छे नेता, वक्ता, लेखक, सलाहकार होते है। क्रोधी और धैर्यहीन होते हैं। मूड बदलता रहता रहता है। भरोसेंमंद नहीं होते। बातूनी, आत्मनिर्भर, ईमानदार और न झुकने वाले हैं। न्यायप्रिय होते है। स्मरण शक्ति उत्तम रहती है। अच्छे मेहमाननवाज होते हैं। विद्वानों के पिय्र होते है। परिवार और संतनान में आसक्त रहेते हे। आदर्श जीवन साथी साबित होत हैं। प्रायः महिलाओं के चक्कर में रहते हैं। बेचैन और भटकते रहते है।
कर्क राशि के जातक की शारीरिक संरचना
यह छोटा कद, बौनापन, शरीर का ऊपरी भाग बड़ा, बचपन में दुबला शरीर, सुदृढ़ पुरूषत्व, गोल चेहरा चेहरे पर भय की छाया, पीला-फीका रंग, भूरे बाल लहराई सी चाल, चैडे़ कंधे, सीधे नहीं चलते हैं।
कर्क राशि का चिन्ह


कर्क राशि का चिन्ह एक कैकड़ा होता है जिसे अंग्रेजी में cancer कहा जाता है। केकड़े की तरह यह किसी संकल्प या लक्ष्य या बात को पकड़ते है तो आसानी से नहीं छोड़ते।
कर्क राशि का स्वामी
कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा देवता होते है । चन्द्रमा एक जैसा नहीं रहता और इसमें स्थिरता नहीं रहती और पृथ्वी का चक्कर तेजी से लगाता है इसी कारण कर्क राशि वालो के विचार बदलते रहते है।
कर्क राशि तत्व
कर्क राशि एक जल तत्व राशि है जिसके सवामी चंद्र देव है। जल की तरह इनके विचार बहते रहे है लेकिन स्वाभाव से शांत होते है।
कर्क राशि के इष्ट देवता
वैसे तो चन्द्रमा इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर इष्ट की बात की जाये तो भगवान शिव जी कर्क राशि के इष्ट देवता होते है।
कर्क राशि का रंग
कर्क राशि का रंग सफ़ेद और चाँदी की चमक लिए होता है।
कर्क राशि का व्यवसाय
व्यवसाय क्षेत्र में चंद्रमा एक जलीय ग्रह है अत: इसके कार्यों में जल से संबंधित वस्तुओं का व्यापार करने के अवसर देखे जा सकते हैं ।जल से उपरत्न वस्तुएं , पेय पदार्थ , दूध , डेयरी प्रोडक्ट (दही, घी, मक्खन) खाद्य पदार्थ , आईसक्रीम , कोल्ड ड्रिंक्स , मिनरल वाटर , आइस क्रीम , श्वेत पदार्थ , चांदी , चावल , नमक ,चीनी , पुष्प सज्जा , मोती , मूंगा ,शंख , क्रॉकरी ( चीनी मिट्टी ) , कोमल मिट्टी ( मुलतानी ) , प्लास्टर ऑफ पेरिस , सब्जी , वस्त्र व्यवसाय , रेडीमेड वस्त्र , जादूगर , फोटोग्राफिक्स व वीडियो मिक्सिंग , विदेशी कार्य , आयुर्वेदिक दवाएं , मनोविनोद के कार्य , आचार -चटनी -मुरब्बे , जल आपूर्ति विभाग , नहरी एवम सिंचाई विभाग , पुष्प सज्जा , मशरूम ,मत्स्य से सम्बंधित क्षेत्र,सब्जियां ,लांड्री , आयात -निर्यात , शीशा , चश्मा , महिला कल्याण , नेवी ( नौ सेना ) , जल आपूर्ति विभाग , नहरी एवम सिंचाई विभाग , आबकारी विभाग , नाविक , यात्रा से संबंधित कार्य , अस्पताल , नर्सिंग , परिवहन , जनसंपर्क अधिकारी , कथा -कविता लेखन इत्यादि ।
कर्क राशि के संभावित रोग
कर्क राशि जातको में अक्सर फेफड़ों का संक्रमण, खांसी, यक्ष्मा, अजीर्ण, अफरा, स्नायविक दुर्बलता, पीलिया आदि देखे गए है।
कर्क राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह
कर्क राशि गुरु की उच्च राशि है। वही मंगल कर्क राशि में नीच का हो जाता है। तथा कर्क चन्द्रमा की मूल राशि है।
कर्क राशि के लिए मंत्र
।। ॐ सोम सोमाय नमः।।
कर्क राशि के लिए धातु
कर्क राशि के लिए चाँदी मूल धातु मानि गयी है।
कर्क राशि के लिए रत्न
कर्क राशि के लिए मोती मूल रत्न माना गया है।इसके अलावा चंद्रमणि का उपयोग होता है लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।
कर्क राशि के लिए रुद्राक्ष
कर्क राशि के लिए दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है
कर्क राशि नाम अक्षर
जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो है, वे कर्क राशि के होते हैं।
FAQ:
क्या कर्क राशि का रत्न मोती कोई भी पहन सकता है ?
नहीं ,इसके लिए लग्न और कुंडली को देखना आवश्यक है।
क्या कर्क राशि का रुद्राक्ष कोई भी पहन सकता है ?
हाँ ,इसे कर्क राशि का जातक धारण कर सकता है और अन्य जातक भी धारण कर सकते है ,
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