एक राशि में कितने नक्षत्र और चरण होते है[Chart]

Share With Your Friends

इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे की एक राशि में कितने नक्षत्र और चरण होते है। ज्योतिष में कुल 12 राशियाँ होती है तथा कुल 27 नक्षत्र होते है। प्रत्येक नक्षत्र में चार चरण होते है। हमारा जन्म के समय राशि क्या है उसी में नक्षत्र और उसके चरण का मान अंशो के रूप में होता है। नक्षत्र के जिस चरण में जन्म होता है वंही से गंडमूल ,पाया तथा नाम अक्षर जैसी चीजों पर विचार किया जाता है।

एक राशि में कितने नक्षत्र और चरण

एक राशि में 3 नक्षत्र जिनमे कुल 9 चरण होते है।

एक नक्षत्र का मान = 13°20′
एक चरण का मान = 3°20′
एक राशि का मान = 30°
एक राशि में चरण =4+4+1=9

एक राशि का मान

राशियों का अंशात्मक मान

राशिअंशात्मक विस्तार
1मेष00°-30°
2वृष30°-60°
3मिथुन60°-90°
4कर्क90°-120°
5सिंह120°-150°
6कन्या150°-180°
7तुला180°-210°
8वृश्चिक210°-240°
9धनु240°-270°
10मकर270°-300°
11कुम्भ300°-330°
12मीन330°-360°

राशियों का क्रम कुछ इस प्रकार होता है-

  • 0°-120° में 9 नक्षत्र पूर्ण हो जाते है।
  • 120°-240° 9 नौ नक्षत्र पूर्ण हो जाते है।
  • 240°-360° में 9 नक्षत्र पूर्ण हो जाते है।

चित्र में पृथ्वी को दर्शाया गया है जिसमे उसे 12 भागो में विभक्त किया है। N उत्तरार्ध है और S दक्षिणार्थ। कुल 6 राशियाँ उत्तरार्ध में होती है तथा 6 राशियाँ दक्षिणार्थ में होती है। जब सूर्य की किरणे उत्तर की और से आती है तो उसे उत्तरार्ध कहते है और जब दक्षिण की और से आती है तो इसे दक्षिणार्थ कहते है।

कर्क राशि में प्रवेश होते ही सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। मकर राशि में प्रवेश होते ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। यानि अगर सूर्य तुला राशि में है तो उसकी किरणे दक्षिणार्थ की ओर जाएगी यानि मेष आदि राशि में। अगर सूर्य मेष राशि में है तो उसके किरणे तुला आदि राशियों की और जाएगी जो उत्तरार्ध में है।

एक राशि में कितने नक्षत्र और चरण होते है

12 राशियों में नक्षत्र और उनके चरण का अंशात्मक मान

राशिनक्षत्रनक्षत्र के चरणमान
1मेषअश्विनी
भरणी
कृतिका
4
4
1
13°20′
13°20′
3°20′
30°
2वृषकृतिका
रोहिणी
मृगशिरा
3
4
2
10°
13°20′
6°40′
30°
3मिथुनमृगशिरा
आद्रा
पुनर्वसु
2
4
3
6°40′
13°20′
10°
30°
4कर्कपुनर्वसु
पुष्य
अश्लेषा
1
4
4
3°20′
13°20′
13°20′
30°
5सिंहमघा
पूर्वाफाल्गुनी
उत्तरा फाल्गुनी
4
4
1
13°20′
13°20′
3°20′
30°
6कन्याउत्तरा फाल्गुनी
हस्त
चित्रा
3
4
2
10°
13°20′
6°40′
30°
7तुलाचित्रा
स्वाति
विशाखा
2
4
3
6°40′
13°20′
10°
30°
8वृश्चिकविशाखा
अनुराधा
ज्येष्ठा
1
4
4
3°20′
13°20′
13°20′
30°
9धनुमूल
पूर्वाषाढ़ा
उत्तराषाढ़ा
4
4
1
13°20′
13°20′
3°20′
30°
10मकरउत्तराषाढ़ा
श्रवण
घनिष्ट
3
4
2
10°
13°20′
6°40′
30°
11कुम्भघनिष्ट
शतभिषा
पूर्वाभाद्रपद
2
4
3
6°40′
13°20′
10°
30°
12मीनपूर्वाभाद्रपद
उत्तराभाद्रपद
रेवती
1
4
4
3°20′
13°20′
13°20′
30°

सामान्य रूप से एक राशि जिसका मान 30 डिग्री होता है वह राशि पहले नक्षत्र को 4 चरण में पूर्ण करती है। इसके बाद वह राशि दुसरे नक्षत्र में प्रवेश कर जाती है जिसमे वह 4 चरण को पूर्ण करती है। क्योंकि एक राशि का मान 30 डिग्री है और एक चरण का मान 3°20′ है तो इस प्रकार एक राशि को कुल 9 चरण मिलते है। इसलिए राशि 8 चरण के बाद अगले नक्षत्र के 1 चरण को पूर्ण करेगी।

अब 9 चरण पूर्ण हो जाने पर अगली राशि आ जाएगी जो फिर 9 चरणों को पूर्ण करेगी लेकिन पिछली राशि एक नक्षत्र के चरण को पूर्ण कर गयी इसलिए इस बार नक्षत्र के 3 चरणों से शुरुवात होगी तथा शेष चरणों को 4 और 2 चरणों में पूर्ण करेगी। इस प्रकार 9 चरणों और 30 डिग्री को पूर्ण करता हुआ यह क्रम चलता रहेगा।जिसे आप उपरोक्त चार्ट के माध्यम से देख सकते है तथा समझ सकते है।

आपकी कुंडली में आपका कौन सा नक्षत्र है और किस चरण में है उसी अनुसार ज्योतिष में जातक का नाम का प्रथम अक्षर प्राप्त होता है।

यह भी पढ़िए:

27 नक्षत्रों के स्वामी और अंशात्मक विस्तार


Share With Your Friends

Leave a Comment