विषधर कालसर्प दोष क्या है (Vishdhar Kaal Sarp Dosh in Hindi)

Vishdhar Kaal Sarp Dosh in Hindi: विषधर का अर्थ जो विष कप धारण करता है। कह सकते है नाग या किंग कोबरा। विषधर कालसर्प दोष योग में केतु पंचम भाव में और राहु एकादश में होता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को संतान से कष्ट प्राप्त है। ऐसे लोगों को नेत्र एवं हृदय से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनकी स्मरण शक्ति अच्छी नहीं होती है और उच्च शिक्षा में रूकावट आती है।

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विषधर कालसर्प दोष कब बनता है (Vishdhar Kaal Sarp Dosh in Kundali)

जब किसी भी लग्न कुंडली में केतु पंचम भाव में और राहु लाभ भाव यानि एकादश भाव में होता है तो विषधर कालसर्प दोष बनता है। यह दोष पद्म कालसर्प दोष के विपरीत होता है।

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Vishdhar Kaal Sarp Dosh in Kundali

केतु की पंचम दृष्टि नवम भाव पर होती है जो भाग्य को प्रभावित करती है। केतु की सप्तम दृष्टि लाभ भाव में होने पर यह लाभ को प्रभावित करेगी और केतु की नवम दृष्टि लग्न पर होने पर यह जातक के चेहरे को प्रभावित करती है।

राहु की पंचम दृष्टि तृतीय स्थान पर होने पर यह छोटे भाई बहन और पराक्रम को प्रभावित करती है। राहु की सप्तम दृष्टि पंचम भाव पर में होने पर यह संतान पक्ष को प्रभावित करेगी और राहु की नवम दृष्टि सप्तम स्थान पर होने पर यह विवाह और साझेदारी को प्रभावित करती है।

विषधर कालसर्प दोष के लक्षण (Vishdhar Kaal Sarp Dosh Effects)

  • यह दोष शिक्षा विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की कोशिश करने वाले के लिए घातक है। ऐसे जातक के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी बाधाएं आती हैं एवं स्मरण शकित का प्राय: ह्रास होता है।
  • परिवार में जातक को दादा-दादी से लाभ मिलने की संभावना के बाद भी संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ता है।
  • चाचा, चचेरे भाइयों से कभी-कभी मतान्तर या झगड़ा- झंझट भी हो जाता है।
  • बड़े भाई से विवाद होने की प्रबल संभावना रहती है।
  • इस योग के कारण जातक अपने जन्म स्थान से बहुत दूर निवास करता है या फिर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करता रहता है। लेकिन कालान्तर में जातक के जीवन में स्थायित्व भी आता है।
  • लाभ मार्ग में थोड़ा बहुत व्यवधान उपस्थित होता रहता है।
  • धन सम्पत्तिा को लेकर कभी बदनामी की स्थिति भी पैदा हो जाती है या कुछ संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। उसे सर्वत्रा लाभ दिखलाई देता है पर लाभ मिलता नहीं।
  • संतान पक्ष से थोड़ी-बहुत परेशानी घेरे रहती है।
  • संतान प्राप्ति में भी समस्या देखी गयी है।
  • विवाह में समस्या और विवाह बाद भी समस्या देखी गयी है। विवाह का टूटना देखा गया है।
  • जातक को कई प्रकार की शारीरिक व्याधियों से भी कष्ट उठाना पड़ता है। उसके जीवन का अंत प्राय: रहस्यमय ढंग से होता है।

विषधर कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है (Vishdhar Kaal Sarp Dosh Time Period)

ऐसा माना जाता है की विषधर कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन को जन्म से 48 वर्ष तक प्रभावित करता है। इस दोष का प्रभाव कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करता है की अन्य ग्रह जैसे मंगल ,गुरु ,शुक्र कितने पीड़ित है अगर पीड़ित है तो विवाह में समस्या होगी तथा चन्द्रमा पीड़ित है तो मानसिक समस्या जैसे अवसाद की स्थिति भी बन सकती है।

विषधर कालसर्प दोष सकारात्मक पहलु (Vishdhar Kaal Sarp Dosh Positive Effects)

हालांकि, तमाम बाधाओं के बावजूद उनका धैर्य और प्रतिबद्धता उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगी। ये लोग अपने पेशेवर जीवन में बेहतर प्रदर्शन करते हैं यदि वे अपने देश के बजाय विदेश से अपना करियर बनाते हैं। विदेशों में उनका भाग्य अच्छा रहता है इस और उनका रुझान रहता है।

विषधर कालसर्प दोष के उपाय (Vishdhar Kaal Sarp Dosh Remedies)

  • विषधर कालसर्प दोष के लिए श्रावण मास में 30 दिनों तक महादेव का अभिषेक करें।
  • सोमवार को शिव मंदिर में चांदी के नाग की पूजा करें, पितरों का स्मरण करें तथा श्रध्दापूर्वक बहते पानी या समुद्र में नागदेवता का विसर्जन करें।
  • सवा महीने देवदारु, सरसों तथा लोहवान – इन तीनों को जल में उबालकर उस जल से स्नान करें।
  • प्रत्येक सोमवार को दही से भगवान शंकर पर “ॐ हर हर महादेव” कहते हुए अभिषेक करें। ऐसा हर रोज श्रावण के महिने में करें।
  • गुरवार के दिन नौ मुखी रुद्राक्ष पीले धागे में गले में धारण करें।
  • अपने गले में सोमवार, मंगलवार और शनिवार के दिन लाल धागे में 8 मुखी रुद्राक्ष 2 दानें , 9 मुखी रुद्राक्ष 2 दानें और गर्भ गौरीशंकर रुद्राक्ष के 3 दानें कवच के रूप में धारण करें।
  • सोने की अंगूठी पहनें।
  • चांदी के गिलास में पानी पीएं।
  • सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
  • विषधर कालसर्प दोष के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
  • भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
  • केतु की शांति के लिए श्री गणेश की पूजा और गणेशअथर्वशीर्ष का पाठ कीजिये।
  • केतु के बीज मंत्रो का जप कीजिये।
  • राहु की शांति के लिए माँ दुर्गा की पूजा कीजिये उनके मंत्रो का जप कीजिये।
  • राहु के बीज मंत्रो का जप कीजिये।
  • शनिवार के दिन 27 दिन तक जरूरतमंदों को जौ का दाना खिलाएं।
  • शनिवार के दिन कच्चे कोयले की घड़ी की विपरीत दिशा में अपने सिर की 8 बार परिक्रमा करें। फिर कोयले को बहते पानी में फेंक दें।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

विषधर कालसर्प दोष से जुडी जानकारी अगर आपको पसंद आयी हो तो इसे जरूर शेयर कीजिये। इस दोष (Vishdhar Kaal Sarp Dosh) में बताये गए उपायों को और लक्षणों को आप अपने विवेक के अनुसार जाने। किसी भी लक्षण को पढ़ कर घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि कुंडली में बहुत से योग होते है जो कालसर्प दोष के प्रभाव को कम कर देते है।

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