Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain: काल सर्प दोष की पूजा काल सर्प दोष के लिए एक सीधा समाधान है। जब कुंडली में काल सर्प दोष अधिक प्रभावी है और सामान्य उपाय से भी कार्य नहीं हो रहा तो काल सर्प दोष शांति के लिए पूजा की जाती है। जैसा की हम जानते है की कुंडली में राहु और केतु के मध्य जब सारे ग्रह विराजमान हो जाते है तो काल सर्प दोष को निर्माण होता है। यह काल सर्प दोष 12 प्रकार के होते है।
अगर देखा जाये तो यह दोष केवल राहु और केतु की स्थिति के अनुसार बनता है जिसे कुंडली में अलग अलग स्थानों के लिए सर्पो के द्वारा परिभाषित किया गया है। वैदिक ज्योतिष में इस दोष का कोई उल्लेख नहीं है।

काल सर्प दोष की पूजा से होने वाले लाभ
सामान्य रूप से हर व्यक्ति के जीवन में निम्न समस्या होती है और इन्ही समस्याओ के लिए ज्योतिषी उसे ग्रहो की शांति और पूजन के बारे में बता देते है-
- विवाह न होना ,उचित वर वधु का न मिलना ,सगाई का टूटना आदि।
- रोजगार या नौकरी का न मिलना।
- ज्यादा पैसा न कमा पाना या धन का न टिकना।
- शरीर की कोई बीमारी जो लम्बे समय से चल रही हो।
- सफलता न मिलना।
उपरोक्त बाते लगभग हर व्यक्ति के जीवन में होती है शायद इन्ही के चक्कर में वह यंहा वंहा भटकता है।
काल सर्प दोष की पूजा कहाँ होती है
काल सर्प दोष की पूजा भारत में विभिन्न स्थानों में होती है जिसमे नासिक में त्रयंबकेश्वर और मध्यप्रदेश में उज्जैन अधिक प्रसिद्ध है।इसके अलावा भारत में यह पूजा अन्य जगह पर भी होती है जंहा आप वंहा के पंडितो के माध्यम से जान सकते है। आज हम इस ब्लॉग में उज्जैन में काल सर्प दोष की पूजा(Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain) के बारे में जानेंगे।
Kaal Sarp Dosh Puja in Ujjain
काल सर्प दोष की पूजा उज्जैन में क्षिप्रा नदी के समीप संपन्न की जाती है। जिसमे सबसे अधिक सिद्धवट प्रसिद्द है यंहा हर दोष की पूजा की जाती है ओर अमावस्या ओर श्राद्ध के दिनों में तर्पण भी किया जाता है।

काल सर्प दोष की पूजा जिसमे मंगलनाथ मंदिर(Ujjain temple for Kaal Sarp dosh) भी शामिल है। मंगल नाथ मंदिर में मंगल दोष के लिए पूजा की जाती है जो भारत में एक मात्र स्थान है। मंगलनाथ मंदिर में मंगल पूजा के साथ साथ ,काल सर्प दोष ,नव ग्रह शांति ,राहु केतु शांति ,रुद्राभिषेक तथा पितृ दोष की पूजा भी की जाती है। यंहा आप को कई पंडित मिल जायेंगे जिनसे आप संपर्क कर सकते है।

काल सर्प दोष की पूजा के लिए संपर्क कैसे करे
उज्जैन में काल सर्प दोष की पूजा (Kaal Sarp Dosh Puja in Ujjain) के लिए आप ऑनलाइन इनकी विभिन्न वेबसाइट देख सकते है जंहा से इनसे संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आपके कोई परिचित उज्जैन में रहते है तो आप उनके माध्यम से इनसे संपर्क कर सकते है। इनसे संपर्क करने पर यह आपको इनकी फीस ,पूजा का समय , सामग्री और क्या -क्या करना है यह आपको बता देंगे।
काल सर्प दोष पूजा का खर्च कितना होता है
उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा का खर्च पंडित पर निर्भर रहता है। कुछ पंडित 1000 रुपये में पूजा कर देते है और कुछ 10000 भी ले लेते है। कुछ पंडित काल सर्प दोष की पूजा (Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain cost) के साथ साथ पितृ दोष और मंगल दोष की पूजा भी उसी फीस में करा देते है। इस लिए किसी योग्य पंडित से ही संपर्क करे जो कम खर्च में आपकी पूजा करा दे।
काल सर्प दोष की पूजा के लिए किन चीजों को साथ लाना होता है
उज्जैन में काल सर्प दोष की पूजा के लिए सबसे पहले आपको पहनने के लिए वस्त्र आपके साथ लाना होता है यह वस्त्र पूजा समाप्ति के बाद वंही छोड़ना पड़ता है चाहे तो आप यह वस्त्र घर से पहन कर आये या वंही पहन ले । अगर आप पुरुष है तो धोती कुर्ता पहन ले यह बैठने में भी सुविधा जनक होता है और महिलाये सामान्य साड़ी या सूट पहन सकती है। इन वस्त्रो के साथ आप बाद में पहनने वाले वस्त्र जरूर लाये।
कई बार पंडित जी हाथ के धागे ,गले के धागे आदि भी छुड़ा देते है। इसके बाद अन्य पूजन सामग्री जैसे कपड़ा ,चाँदी के नाग ,कुमकुम और फल आदि पंडित स्वयं अपने साथ लाते है लेकिन आप फल या मिठाई अपने साथ ला सकते है।
Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain में मेरा अनुभव
मैंने 2021 में काल सर्प दोष की पूजा उज्जैन में करवाई थी। हमें एक ज्योतिषी ने कार्तिक के महीने में इस दोष की पूजा के लिए बोला था। उन्होंने मेरी कुंडली में काल सर्प दोष बताया था जिसमे गुरु राहु केतु से बाहर था लेकिन चंद्र कुंडली से देखने पर 12वे घर में था। मेरे भाई की कुंडली में मंगल दोष था तो उसकी भी पूजा करानी थी। इसके अलावा मेरा एक मित्र और उसकी पत्नी की कुंडली में भी क्रमशः मंगल और काल सर्प दोष बताया था।
हमने एक परिचित के द्वारा वंहा के पंडित से संपर्क किया उन्होंने हमें एक तारिक दे दी और सुबह आने को किया। उनकी फीस (Kaal Sarp Dosh Puja cost in Ujjain) शायद 3000 रुपये के लगभग थी जिसमे उन्होंने काल सर्प दोष पूजा ,मंगल भात पूजा ,नव ग्रह शांति पूजा आदि कराई थी। यह पूजा मंगल नाथ मंदिर में आयोजित की गयी थी। जब हम सुबह 9-10 बजे के करीब वंहा पहुंचे तो उन्होंने हमें पूजन की जगह बताई। वंहा कई पंडित थे जो अलग -अलग चीजों के लिए पूजन कर रहे थे। स्थान की कमी के कारण हमें कुछ देर इंतजार करना पड़ा जब एक परिवार का पूजन हो गया तो फिर वंहा हमें बिठाया गया।
पूजा में मैं और मेरा भाई साथ में ही बैठ गए और हमारी माता जी वंही पास में एक पेड़ की छाँव में बैठ गए जंहा अन्य लोग भी बैठे थे स्थान की कमी के कारण।
सबसे पहले उन्होंने हमें आचमन ग्रहण करवाया जैसे वैदिक पद्धति में होता है। हमारे सामने 9 ग्रहो की छोटी मुर्तिया थी लेकिन कुछ लोग मूर्तियों के स्थान पर यन्त्र का प्रयोग करते है । इसके अलावा दो चाँदी के नाग नागिन का जोड़ा ,कलश आदि। उसके बाद उन्होंने मंत्र बोलना शुरू किया। शुरू में गणेश जी का पूजन भी किया। गणेश जी और लक्ष्मी जी को स्नान करवाया। फिर वो जैसे जैसे मंत्र बोलते गए वैसे हमने बोले।

चुकी आस-पास अन्य पूजा भी चल रही थी तो मुझे पंडित जो बोलते वह ठीक से सुनाई नहीं दे रहा था लेकिन वह खुद ही अपनी लाइन पूरी कर देते थे। इस पूजा में नव ग्रह का पूजन हुआ जिसमे राहु केतु की शांति भी समाहित थी। इसके बाद उन्होंने चाँदी के नागो का पूजन करवाया। यंहा 12 नाग भी थे जिनका विधिवत पूजन करना होता था। इन सभी का पूजन करने के बाद जो जल-वगैरह एक पात्र में एकत्रित हो जाता था उसे अंत में क्षिप्रा के तट पर जो मंदिर के समीप ही है उसमे विसर्जित करना होता है।
मैंने यह जल से भरी थाली अपने हाथ में ली जिसमे चाँदी के नाग नागिन भी थे और उन्हें जल में विसर्जन के लिए चल दिया लेकिन थाली में पानी अधिक होने और आस पास भीड़ अधिक होने से ऐसा लग रहा था जैसे पानी किसी के ऊपर नहीं गिर जाये। अंततः मैंने वह सामग्री विसर्जित कर दी। काल सर्प दोष की पूजा में मेरा भाई भी सम्मिलित था उसकी भी इस दोष की पूजा हो गई थी।
इसके बाद मेरे भाई की मंगल भात पूजा के लिए भात तैयार किये और उनका पूजन कर मंगलनाथ पर अर्पण किये। यंहा भीड़ अधिक होने से मुझे नहीं ले गए। बाद में एक यज्ञ भी करते है जिनमे ग्रहो की शांति के लिए आहुतियां देते है।
इसके बाद हमें वस्त्र छोड़ने के लिए कहा गया। मंदिर के समीप ही एक सुलभ स्नान घर है वंहा आप वस्त्र बदल सकते है। आप वंही वस्त्र छोड़ कर आ सकते है लेकिन मेने पंडित जी से पूछा तो उन्होंने वस्त्रो को एक व्यक्ति को देने को कहा जो वही कार्य करता था और शायद दिव्यांग था तो उसने वह वस्त्र उठा लिए। इसके बाद पंडित जी से हमने आगे क्या करना है यह पूछा तो उन्होंने हमें नव नाग स्त्रोत्र का मंत्र लिखा एक पैम्फ़लेट दिया जिसका रोज मंत्र जपने को कहा इस पर उनका फ़ोन नंबर ओर वेबसाइट भी लिखी हुई थी।। और इस तरह हमारी पूजा पूर्ण हुई।
अब मेरा दोस्त और उसकी पत्नी की भी इन्ही दोषो की पूजा थी उन्होंने यह काल सर्प दोष पूजा उज्जैन में सिद्ध वट (Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain Siddhavat) पर करवाई और मंगल की मंगलनाथ मंदिर में ही। उन्होंने इन दोनों पूजा का शुल्क लगभग 9 हजार बताया। उन्होंने इस पूजा को अपने लिए अलग रखा यानि काल सर्प की पूजा सिद्धवट पर और मङ्गलभात की पूजा मंगलनाथ मंदिर में लेकिन हमने हमारी पूजा एक ही स्थान में साथ में ही करावा ली थी।
निष्कर्ष
और अंत में हमने एक ही चीज देखि की इस काल सर्प दोष की पूजा(Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain) करवाने के बाद भी न तो मुझे और न ही मेरे मित्र को कोई फायदा हुआ। बाद में हमने अन्य ज्योतिषियों से संपर्क किया तो कोई ने कहा की तुम्हारी पूजा ठीक से नहीं हुई। कई बार पंडित कह देते है की एक बार और इसका पूजन करवा लीजिये। कुछ पंडित कहते है की तुम्हारी कुंडली में यह दोष है ही नहीं।
जब हम किसी ज्योतिषी को कुंडली दिखते है तो उसे कुंडली में कुछ नजर नहीं आने पर वह व्यक्ति की समस्या को काल सर्प दोष या शनि -मंगल से जोड़ देते है और उनकी पूजा करने के लिए कहते है यह वैसा ही है जैसे किसी डॉक्टर से इलाज नहीं होता तो वह दूसरे को रेफर कर देता है। लेकिन प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष का उल्लेख ही नहीं है।
जब एक विद्वान ज्योतिष किसी की कुंडली को देखता है तो वह हर ग्रह के बल को देखता है ,कहा बल कमजोर हो रहा है आदि। इसलिए कुंडली दिखते समय किसी विद्वान ज्योतिषी के पास ही जाये नहीं तो आपके पैसे बर्बाद हो जायेंगे।
FAQ:
Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain की Cost क्या है ?
काल सर्प दोष की पूजा की Cost 1000Rs से 3000Rs के मध्य होना चाहिए। कुछ पंडित कम कीमत में भी कर देते है।
Kaal Sarp Dosh puja Ujjain में कहा होती है?
काल सर्प दोष की पूजा उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में और सिद्धवट पर होती है।
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