तुला राशि को १२ राशियों में सांतवी राशि माना जाता है। कल पुरुष की कुंडली में Libra Rashi सप्तम भाव में स्थित राशि होती है जो को व्यापार और विवाह का भाव होता है।इस राशि का चिन्ह तराजू होता है कह सकते है की इस राशि का सप्तम में होना व्यापर और वैवाहिक जीवन में संतुलन स्थापित करता है ।राशियों से आपके स्वाभाव को जाना जा सकता है लेकिन भविष्य के बारे में नहीं जाना जा सकता है। क्योंकि एक राशि के कई लोग होते है। और सबका जीवन एक सामान नहीं होता है।जिस जातक का जन्म तुला राशि में हुआ। उसके जन्म के समय चन्द्रमा किस राशि में स्थित है वही राशि जन्म राशि कहलाती है। चन्द्रमा प्रायः अलग-अलग राशि में है विचरण करता रहता है वह जन्म के समय जिस राशि में होता है वही राशि जन्म राशि कहलाते है। आप अपनी लग्न कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति देखिये यह किस राशि पर है वही जन्म राशि होगी। कुछ लोग अपने नाम के पहले अक्षर से अक्सर अपनी राशि मान लेते है लेकिन यह कोई तर्क युक्त स्थिति नहीं है।

तुला राशि के जातक का स्वाभाव(libra personality)
तुला राशि के लोग नम्र, दयालु, ईमानदार, न्याय करने में निपुण, निर्णय लेने से पूर्व हर पहलू का विश्लेषण करते हैं। यह दूसरों के धन के लोलुप होते हैं मगर आश्रितों के सहायक रहते है। भावुक मगर लचीले स्वभाव क होते हैं। क्रोध शीघ्र शांत हो जाता है। स्वयं की बजाय दूसरों का अधिक ध्यान रखते हैं। वाद-विवाद में पटु होते हैं। सदा न्याय शांति, प्रेम का समर्थन करते हैं। तुला वायु तत्व की राशि होने के कारण सदा सुंदरता और प्रकृति के प्रेमी होते हैं। पर्यटन के शौकीन होते हैं, इस कारण आवास भी में भी परिवर्तन कर लेते हैं। उच्चकोटि का जीवन यापन करते हैं, वेशभूषा, फर्नीचर, वाहन और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखते हैं। व्यापार में कुशल होते हैं। अधिकांशतः लोकप्रिय होते हैं, व्यापार में अच्छे साझेदार साबित होते हैं। कलाप्रिय होते है और महिलाओं के मध्य विचरना पसंद करते हैं। सौभाग्यशाली महिलाएं इन्हें पसंद करती हैं।
तुला राशि के जातक की शारीरिक संरचना
यह लंबा-पतला, सुद्ढ़-सुडौल शरीर, सुंदर चेहरा, लावण्यमयी त्वचा, मध्यायु में गंजापन हो जाता है, भौहें सुंदरता में वृद्धि करती है। नाक थोड़ी मुड़ी हुई होती है, दांतो के मध्य खाली जगह होती है, मस्तक उठा हुआ होता है।सोम्य और हसमुँख प्रवत्ति इनमे देखने को मिलती है। अधिकांश लोगो के गाल पर डिंपल बनता है।
तुला राशि का चिन्ह(Libra Symbol)
तुला राशि का चिन्ह तराजू होता है ।यह तराजू मानव के हाथ में होती है। तराजू की तरह ही यह राशि जीवन में संतुलन को दर्शाती है।

तुला राशि का स्वामी(Libra Lord)
Tula Rashi के स्वामी शुक्र देवता होते है। इस कारन इस राशि के लोग फैशनेबल होते है।
तुला राशि तत्व(Libra elements)
Tula Rashi एक वायु तत्व राशि है।कह सकते है की तराजू जिसके दोनों पलड़े वायु में होते है अच्छे संतुलन को दर्शाते है।
तुला राशि के इष्ट देवता
वैसे तो शुक्र देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर इष्ट की बात की जाये तो महालक्ष्मी जी और दुर्गा जी Tula Rashi के इष्ट देवता होते है।
Tula Rashi का रंग
तुला राशि का रंग सफ़ेद और हल्का नीला लिए होता है।वायु तत्व राशि आकाश को अपने साथ दर्शाती है।
तुला राशि का व्यवसाय(Libra profession)
कलात्मक कार्य , संगीत (गायन , वादन , नृत्य), अभिनय , चलचित्र संबंधी डेकोरेशन , ड्रेस डिजायनिंग , मनोरंजन के साधन , फिल्म उद्योग , वीडियो पार्लर , मैरिज ब्यूरो , इंटीरियर डेकोरेशन , फैशन डिजाइनिंग , पेंटिंग , श्रृंगार के साधन , कोसमेटिक , इत्र , गिफ्ट हॉउस , चित्रकला तथा स्त्रियों के काम में आने वाले पदार्थ , विवाह से संबंधित कार्य , महिलाओं से संबंधित कार्य , विलासितापूर्ण वस्तु , गाड़ी , वाहन व्यापारी , ट्रांसपोर्ट , सजावटी वस्तुएं , मिठाई संबंधी , रेस्टोरेंट , होटल , खाद्य पदार्थ , श्वेत पदार्थ , दूध से बने पदार्थ , दूध उत्पादन ( दुग्धशाला ) , दही , चावल , धान , गुड़ , खाद्य पदार्थ , सोना , चांदी , हीरा , जौहरी , वस्त्र निर्माता , गारमेंट्स , पशु चिकित्सा , हाथी घोड़ा पालना , टूरिज्म , चाय – कॉफी , शुक्र + मंगल – रत्न व्यापारी , शुक्र + राहु या शनि – ब्यूटी पार्लर , शुक्र + चन्द्र – सोडावाटर फेक्ट्री , तेल , शर्बत , फल , तरल रंग आदि।
तुला राशि के संभावित रोग
Tula Rashi जातको में गुर्दो के रोग, मेरूदंड में दर्द संक्रामक रोग। महिलाओें मे गर्भाशय के रोग होते देखे गए है।
तुला राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह
Tula Rashi शनि की उच्च राशि है। वही सूर्य Tula Rashi में नीच का हो जाता है। तथा तुला शुक्र की मूल राशि है।
तुला राशि के लिए मंत्र
|| ॐ तत्व निरंजनाय तारकरामाय नमः ||
इस मंत्र का प्रति दिन १ माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा ॐ महालक्ष्मी नमः और ॐ दुर्गायै नमः तथा शुक्र देवता मंत्र ॐ शुं शुक्राय नम: का भी जाप किया जा सकता है।
तुला राशि के लिए धातु(Metal)
Tula Rashi के लिए चाँदी मूल धातु मानि गयी है।
तुला राशि के लिए रत्न(gemstone)
Tula Rashi के लिए ओपल मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।
तुला राशि के लिए रुद्राक्ष
Tula Rashi के लिए तीन छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है।
तुला राशि की दिशा
Tula Rashi की दिशा पश्चिम है।
Tula Rashi की मित्र राशियाँ
मिथुन और कुम्भ इसकी मित्र राशियाँ है।
Tula Rashi की शत्रु राशियाँ
सिंह और धनु
तुला राशि नाम अक्षर(Libra Name alphabets)
Tula Rashi वाले लोगों के नाम का पहला अक्षर रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू या ते होता है।
FAQ:
क्या तुला राशि का रत्न ओपल हर कोई धारण कर सकता है ?
नहीं ,ओपल रत्न धारण करने के लिए सम्पूर्ण कुंडली का विवेचन आवश्यक है।
क्या तुला राशि का रुद्राक्ष हर कोई धारण कर सकता है ?
हाँ ,रुद्राक्ष को हर कोई धारण कर सकता है।
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