वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है (Vrishchik Rashi ke isht dev kaun hai)

Vrishchik Rashi ke isht dev kaun hai: वृश्चिक राशि के अनुसार आकाश में जो तारो का चिन्ह बनता है वो बिच्छू की तरह नजर आता है। इसीलिए इसका राशि चिन्ह भी बिच्छू का है। बिच्छू अपने आप में ही मस्त रहता है यह अपने समूह से जुड़ा रहता है कह सकते है की अपनी दुनिया में रहता है । राशियों में यह आंठवी राशि है और काल पुरुष की कुंडली में इसे आंठवे भाव का स्थान प्राप्त है । वृश्चिक राशि जीवन की शुरुवात और मृत्यु की शुरुवात दोनों को दर्शाती है ।

कुंडली में अष्टम भाव मृत्यु का भाव है। काम ,मृत्यु और मोक्ष ये तीनो ही रहस्य से युक्त होते है । मृत्यु और जीवन तब तक चलते रहते है जब तक इसका मोक्ष नहीं हो जाता है। वृश्चिक राशियों के जातको की पसंद नापसंद एक दम साफ है। अगर यह अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लेते है तो लक्ष प्राप्ति तक नहीं रुकते और उसे पा कर ही दम लेते है। वृश्चिक राशि एक जल तत्व राशि है और स्थिर तत्व राशि है जो जल ऊपर से जितना स्थिर रहता है वो अपने अंदर उतनी गहराई लिए होता है। यह राशि के जातक सवेंदनाओ ,भावनाओ और पीड़ाओं से जुड़े होते है। इनमे अपने काम को लेकर भावनात्मक जुड़ाव होता है।

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2 वृश्चिक राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (Vrishchik Rashi Facts)

वृश्चिक राशि क्या है (scorpio rashi in hindi)

काल पुरुष की कुंडली में 8th हाउस वृश्चिक राशि को दर्शाता है। वृश्चिक राशि क्या है इसे ऐसे समझे की जिस जातक का जन्म वृश्चिक राशि में हुआ है यानि उसकी कुंडली में वृश्चिक राशि लिखी है इसका अर्थ है की उसके जन्म के समय चन्द्रमा वृश्चिक राशि में स्थित है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में स्थित है वही राशि जन्म राशि कहलाती है। वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है यह आगे हम इसी पोस्ट में जानेंगे ।

वृश्चिक राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (Vrishchik Rashi Facts)

वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। यह गुप्त ऊष्मा से युक्त होता है। गुप्त ऊष्मा ऐसी ऊर्जा जो गहराई में जीवन को नई उम्मीद प्रदान करे। सकारात्मक विचार आने पर यह जातक के जीवन को सकारात्मक बनता है लेकिन नकारात्म विचार आने पर जातक के लिए नुकसान दायक होता है।

वृश्चिक राशि के जातक का स्वाभाव (Vrishchik rashi person nature)

इस राशि के जातक स्पष्टवादी, निडर, रूखा व्यवहार, उत्तम मस्तिष्क, बुद्धिमान, ईच्छाशक्ति से युक्त होते है क्योंकि इनपर मंगल का प्रभाव होता है। यह शब्दों का उत्तम चुनाव करते हैं। अन्य लोगों के मामलों में दखल नहीं देते हैं। अक्सर तानाशाह होते हैं, इन्हे कभी थकान नहीं होती।

जब तक आश्वस्त न हो जाएं कि उनका विषय का ज्ञान सर्वोच्च कोटि का है, मुंह नहीं खोलते । वर्तालाप और लेखन में दक्ष होते हैं अपने बुद्धिबल के सहारे रहते हैं। उच्चकोटि की प्रशासनिक क्षमता और आत्मविश्वास से युक्त होते हैं। गुप्त रूप से अपराध करने में सक्षम होते है।

परिश्रम और साहस के बल पर धनार्जन करते हैं स्वयं के बल पर सफल होते हैं। सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय होते हैं। समाज में सलाहकार/नेता बनते हैं। सेना और पुलिस में सफलापूर्वक कार्य करते है, इनके बहुत से शत्रु होते हैं। मौलिक अनुसंधान में चतुर होते हैं।

अकेले रहकर बेहतर कार्य करते हैं। मैदान के खेलों के शौकीन होते हैं संगीत, कला, नृत्य आदि में प्रवीण होते हैं। परावि़द्या में रूचि होती है। वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है यह जानकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते है।

वृश्चिक राशि के जातक की शारीरिक संरचना (vrishchik rashi personality)

यह मध्यम कद, सुडौल शरीर और अंग तथा चेहरा चौड़ा, घुंघराले बाल, श्याम वर्ण, उन्नत ठोड़ी तथा भूरे बाल ,छोटी गर्दन, मजबूत शरीर वाले होते है पुरुष की आवाज कर्कश और स्त्री की बोली भी कड़क होती है तथा बिना डर के कुछ भी बोल देते है।

वृश्चिक राशि का चिन्ह (vrishchik rashi Symbol)

vrishchik rashi Symbol
vrishchik rashi Symbol
वृश्चिक राशि का चिन्ह
वृश्चिक राशि का चिन्ह

वृश्चिक राशि का चिन्ह बिच्छू होता है जिसे अंग्रेजी में स्कॉर्पियन कहा जाता है। जिस प्रकार बिच्छू किसी चीज को तब तक पकडे रहता है जब तक की उसे डंक नहीं मार देता। ठीक वैसा ही असर इन राशियों के जातको में देखा जाता है।

वृश्चिक राशि तत्व (vrishchik rashi element)

वृश्चिक राशि का स्वामी

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देवता होते है । मंगल को प्रायः साहसिक ,उत्साही और उग्र मन जाता है। यही गुण वृश्चिक राशि के जातको में भी देखे जाते है।

वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है (Vrishchik Rashi ke isht dev kaun hai)

Vrishchik Rashi ke isht dev kaun hai: वैसे तो मंगल देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है की बात की जाये तो मंगलमूर्ति हनुमान जी और शिव जी वृश्चिक राशि के इष्ट देवता होते है। शिव जी की पूजा अर्चना करने से वृश्चिक राशि वालो के जीवन में कष्ट दूर होते है ।

वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है (Vrishchik Rashi ke isht dev kaun hai)
वृश्चिक राशि के इष्ट देव शिव जी

वृश्चिक राशि का रंग (vrishchik rashi color)

वृश्चिक राशि का रंग मंगल से से युक्त यानि लाल ,गेहरुआ ,महरून लिए होता है।

वृश्चिक राशि का व्यवसाय (vrishchik rashi professions)

पुलिस व सेना की नौकरी ,अग्नि कार्य , बिजली का कार्य , विद्युत् विभाग ,साहसिक कार्य।

जमीन का क्रय –विक्रय ,भूमि के कार्य , भूमि विज्ञान , रक्षा विभाग ,खनिज पदार्थ , इलेक्ट्रिक एवम इलेक्ट्रोनिक इंजिनीयर।

ब्लड बैंक, शल्य चिकित्सक ,केमिस्ट,दवा विक्रेता ,सिविल इंजीनियरिंग ,शस्त्र निर्माण।

बॉडी बिल्डिंग ,साहसिक खेल ,कुश्ती, स्पोर्टस , खिलाड़ी ,फायर ब्रिगेड,आतिशबाजी ,रसायन शास्त्र , चूल्हा , ईंधन , पारा , पत्थर ,मिट्टी का समान,तांबे से संबंधित कार्य ,धातुओं से सम्बंधित कार्य क्षेत्र।

लाल रंग के पदार्थ , इंटों का भट्ठा , मिटटी के बर्तन व खिलौने, औज़ार, भट्ठी,रत्नो को व्यापर इत्यादि।

वृश्चिक राशि के संभावित रोग

वृश्चिक राशि जातको में अक्सर गुप्त रोग, प्रोस्टेट ग्रंथि, पित्ताशय आदि के रोग देखे जाते है।

वृश्चिक राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह

वृश्चिक राशि केतु की उच्च राशि है। वही चन्द्रमा और राहु वृश्चिक राशि में नीच के हो जाता है। तथा वृश्चिक मंगल की मूल राशि है।

वृश्चिक राशि के लिए मंत्र (vrishchik rashi mantra)

||ॐ नारायणाय सुरसिंहाय नमः ||

इस मंत्र का प्रति दिन 1 माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा हनुमानजी का मंत्र श्री हनुमते नमो नमः तथा मंगल देवता मंत्र ॐ भौमाय नमः का भी जाप किया जा सकता है।

वृश्चिक राशि के लिए धातु

वृश्चिक राशि के लिए ताम्बा मूल धातु मानि गयी है। जल तत्व के कारण चाँदी भी प्रयोग में लायी जा सकती है।

वृश्चिक राशि के लिए रत्न (vrishchik rashi gemstone)

वृश्चिक राशि के लिए मूंगा मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।

वृश्चिक राशि के लिए रुद्राक्ष (vrishchik rashi rudraksha)

वृश्चिक राशि के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बारे में बताया गया है।

वृश्चिक राशिi की दिशा

उत्तर दिशा

वृश्चिक राशि नाम अक्षर

वृश्चिक राशि नाम अक्षर तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू हैं।

आज आपने इस लेख में जाना की वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है (vrishchik Rashi ke Isht Dev Kaun Hai) उसके बारे में चर्चा की। वृश्चिक राशि क्या है तथा वृश्चिक राशि के बारे में आवश्यक जानकारी आपको कैसी लगी। आशा है कि यह आपको अपने दैनिक जीवन में सहायता प्रदान करेगा।

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