तक्षक कालसर्प दोष क्या है | Takshak Kaal Sarp Dosh in Hindi

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Takshak Kaal Sarp Dosh in Hindi: 12 काल सर्प दोषो में तक्षक काल सर्प दोष का सातवा स्थान आता है। तक्षक नाग काश्यप का पुत्र था और कद्रू के गर्भ से उत्त्पन्न हुआ था। राजा परीक्षित को इसी नाग ने काटा था। नागयज्ञ की शुरुवात यही से हुई थी।

तक्षक नाग का वर्णन महाभारत में भी है जब तक्षक नाग कर्ण की पत्नी को काट लेता है। तब कर्ण उस विष को बाहर करने को कहता है लेकिन कोई नाग नहीं आता। तब कर्ण मंत्र के द्वारा नाग आहुति देने लगता है तब सर्पो को हवा में उड़ता देख तक्षक बाहर आता है और कर्ण को वैद्य के पास ले जाने की सलाह देता है और उन्हें औषधि का नाम बता देता है। और कर्ण को वचन देता है की मैं तुम्हारे पास बाण रूपी अस्त्र के रूप में रहूँगा तुम मुझे आवाहन करके जिस व्यक्ति पर तीर चलोगे उसका बचना असंभव होगा।

कर्ण ने तक्षक तीर को महाभारत युद्ध में अर्जुन पर चलाया था लेकिन श्री कृष्ण ने रथ को नीचे धसा दिया जिससे तीर सीधा निकल गया। कर्ण इस अस्त्र का उपयोग एक बार ही कर सकता था।

तक्षक कालसर्प दोष की स्थिति अनन्त काल सर्प योग से ठीक विपरीत होती है। इसमें केतु लग्न में होता है और राहु सप्तम में। इस योग वाले जातक को वैवाहिक जीवन में अशांति का सामना करना पड़ता है। कारोबार में की गयी किसी प्रकार की साझेदारी फायदेमंद नहीं होती और मानसिक परेशानी देती है।

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तक्षक कालसर्प दोष कब बनता है

इस दोष (Takshak Kaal Sarp Dosh) की स्थिति अनन्त काल सर्प योग से ठीक विपरीत होती है। इसमें केतु लग्न में होता है और राहु सप्तम में और बाकी सारे गृह इन दोनों के मध्य में आ जाये। इसके परिणाम भी अनंत काल सर्प दोष की तरह ही होते है। केतु की दृष्टि सप्तम भाव पर होती है जिसमे राहु भी विराजमान है। यह विवाह को प्रभावित करता है। इसके साथ ही अगर व्यक्ति कोई व्यापर साझेदारी में करता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ता है।

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इसके साथ ही राहु केतु व्यक्ति के शरीर को भी प्रभावित करते है। राहु की नवम दृष्टि तीसरे स्थान पर होने से भाई बहनो से बनती नहीं है। राहु की पंचम दृष्टि लाभ स्थान पर होने पर यह एकादश भाव के कारकत्व को प्रभावित करती है। केतु की पंचम दृष्टि पंचम भाव पर होने पर यह संतान को ले कर परेशानी देती है।

तक्षक कालसर्प दोष के लक्षण (Takshak Kaal Sarp Dosh Effects)

  • यदि जातक के जीवन में यह (Takshak Kaal Sarp Dosh) दोष सक्रिय रहता है, तो उसे विवाह में देरी का सामना करना पड़ सकता है। विवाहित हैं, तो ससुराल पक्ष के स्वभाव के कारण परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं जब आप तलाक के बारे में सोच सकते हैं।
  • इसके अलावा कालसर्प दोष से निपटने वालों को तक्षक कालसर्प दोष अवधि के दौरान प्रेम विवाह पर विचार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शादी के बाद आपके द्वारा साझा किए जाने वाले प्यार में बाधा आएगी और चीजों को काम करने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
  • अगर व्यक्ति की सगाई भी होती है तो वह टूट जाने का खतरा बना रहता है।
  • विवाह करने से पहले कुंडली में मंगल की स्थिति भी देखे कंही मंगल दोष तो कुंडली में उपस्थित नहीं है ,अगर है तो मंगल दोष की पूजा कराये।
  • विवाह के मामले में जल्दबाजी करने से बचे। व्यक्ति का रोजगार या व्यापार अच्छे से जम गया हो तभी विवाह करे।
  • तक्षक नामक कालसर्प योग से पीड़ित जातकों को पैतृक संपत्तिा का सुख नहीं मिल पाता या तो उसे पैतृक संपत्तिा मिलती ही नहीं और मिलती है तो वह उसे किसी अन्य को दान दे देता है अथवा बर्बाद कर देता है।
  • जातक को अपने घर के अन्य सदस्यों की भी यथेष्ट सहानुभूति नहीं मिल पाती।
  • साझेदारी में उसे नुकसान होता है तथा समय-समय पर उसे शत्रू षड़यंत्रों का शिकार बनना पड़ता है।
  • जुए, सट्टे व लाटरी की प्रवृत्ति उस पर हावी रहती है जिससे वह बर्बादी के कगार पर पहुंच जाता है।
  • संतानहीनता अथवा संतान से मिलने वाली पीड़ा उसे निरंतर क्लेश देती रहती है।
  • किसी को दिया हुआ धन भी उसे समय पर वापस नहीं मिलता।

तक्षक कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है (Takshak Kaal Sarp Dosh Time Period)

ऐसा माना जाता है की तक्षक कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन को जन्म से 27 वर्ष तक प्रभावित करता है। इस दोष का प्रभाव कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करता है की अन्य ग्रह जैसे मंगल ,गुरु ,शुक्र कितने पीड़ित है अगर पीड़ित है तो विवाह में समस्या होगी तथा चन्द्रमा पीड़ित है तो मानसिक समस्या जैसे अवसाद की स्थिति भी बन सकती है।

इसके बाद इस दोष (Takshak Kaal Sarp Dosh) का प्रभाव कम होने लग जाता है। लेकिन 27 वर्ष की उम्र तक व्यक्ति का कार्य ,रोजगार आदि प्रभावित हो जाता है । हो सकता है की व्यक्ति के पास कोई रोजगार न हो ।अगर विवाह जल्दी हो जाता है तो विवाह या सगाई का टूटना ,विवाह बाद समस्या तथा संतान सम्बंधित समस्या आदि को देखा जाता है।

तक्षक कालसर्प दोष के उपाय (Takshak Kaal Sarp Dosh Remedies)

  • कालसर्प दोष निवारण यंत्रा घर में स्थापित करके, इसका नियमित पूजन करें।
  • सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
  • देवदारु, सरसों तथा लोहवान – इन तीनों को उबालकर एक बार स्नान करें।
  • तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
  • सफेद वस्त्र और चावल का दान करें।
  • अधिक समस्या होने पर कालसर्प दोष की पूजा कराये।
  • हर अमावस्या पर पितृ देव को धूप दें।
  • चांदी की ठोस ईंट घर पर रखें। ईंट छोटे आकार की अपनी सुविधानुसार ले सकते है।
  • कांसे के बर्तन में चांदी का टुकड़ा घर में पवित्र स्थान में रखें।
  • भगवन कृष्ण के मंत्रो का जप करे।
  • शिवजी का केसर या हल्दी मिले दूध से अभिषेक करे। यह विवाह के लिए अच्छा उपाय है।
  • विवाह हेतु गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करे।
  • राहु केतु के बीज मंत्र का जप करे।
  • 8 मुखी और 9 मुखी रुद्राक्ष को धारण करे।
  • अपने गले में सोमवार, मंगलवार और शनिवार के दिन लाल धागे में 8 मुखी रुद्राक्ष 2 दाने , 9 मुखी रुद्राक्ष 2 दाने और 7 मुखी रुद्राक्ष 1 दाना और गणेश रुद्राक्ष 1 दाना धारण करें।
  • शुभ मुहूर्त में बहते पानी में मसूर की दाल सात बार प्रवाहित करें और उसके बाद लगातार पांच मंगलवार को व्रत रखते हुए हनुमान जी की प्रतिमा में चमेली में घुला सिंदूर अर्पित करें और बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें। अंतिम मंगलवार को सवा पांव सिंदूर सवा हाथ लाल वस्त्रा और सवा किलो बताशा तथा बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद बांटे।
  • मंगलवार या शनिवार को 108 बार रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करें।
  • लगातार पांच मंगलवार को व्रत रखते हुए हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएं।
  • प्रत्येक पूर्णिमा को गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
  • अपने गले में एक सक्रिय चांदी का राहु यंत्र पहनें।
  • किसी को भी पैसा उधर देने से बचे। या पैसा ऐसे स्थान पर दे जंहा से वापस न भी आये तो ठीक है जैसे किसी की मदद शिक्षा के क्षेत्र में ,अस्पताल में आदि।

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