महापद्म कालसर्प दोष क्या है | Maha Padam Kaal Sarp Dosh in Hindi

Maha Padam Kaal Sarp Dosh in Hindi: 12 काल सर्प दोषो में महापद्म कालसर्प दोष का छठा स्थान है। इसमें राहु और केतु अशुभ भावो में होते है इसलिए इसे महापद्म कालसर्प दोष कहा जाता है। महापद्म काल सर्प योग में व्यक्ति की कुंडली में राहु छठे भाव में और केतु बारहवें भाव में होता है। इस योग से प्रभावित व्यक्ति को काफी समय तक शारीरिक कष्ट भोगना पड़ता है। साथ ही ऐसे लोग प्रेम के मामले में दुर्भाग्यशाली होते हैं।

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महापद्म कालसर्प दोष कब बनता है (Maha Padam Kaal Sarp Dosh in Kundali)

राहु छठे भाव में और केतु बारहवे भाव में और इसके बीच सारे ग्रह अवस्थित हों तो महापद्म कालसर्प योग बनता है।

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राहु का 6th स्थान पर होना रोग ऋण रिपु भाव को प्रभावित करता है। यंहा से राहु की सप्तम दृष्टि १२ वे स्थान पर होती है जंहा केतु भी विराजमान है। यंहा से व्यक्ति का खर्च भी प्रभावित होता है। राहु की पंचम दृष्टि दशम यानि कर्म स्थान पर होती है जो कर्म क्षेत्र को प्रभावित करती है। कर्म से सम्बंधित फल में वृद्धि या कमी देखि जा सकती है। राहु की नवम दृष्टि धन स्थान पर होती है जो धन के सम्बन्ध में आकस्मिक धन की स्थिति को प्रदान करती है।

केतु की पंचम दृष्टि चतुर्थ स्थान पर होती है जो माता के सुख और पारिवारिक सुख के साथ साथ वाहन सुख को भी दर्शाती है। और केतु की नवम दृष्टि अष्टम स्थान पर होती है जो आयु को प्रभावित करती है।

इसके अलावा अगर कोई एक ग्रह राहु केतु से बाहर है तो उसके बल को भी देखना जरूरी होता है। कंही वह आंशिक काल सर्प दोष तो नहीं बना रहा।

महापद्म कालसर्प दोष के लक्षण (Maha Padam Kaal Sarp Dosh Effects)

  • इस योग में जातक शत्रु विजेता होता है, विदेशों से व्यापार में लाभ कमाता है लेकिन बाहर ज्यादा रहने के कारण उसके घर में शांति का अभाव रहता है।
  • इस योग के जातक को एक ही चिज मिल सकती है धन या सुख।
  • इस योग के कारण जातक यात्रा बहुत करता है उसे यात्राओं में सफलता भी मिलती है परन्तु कई बार अपनो द्वारा धोखा खाने के कारण उनके मन में निराशा की भावना जागृत हो उठती है एवं वह अपने मन में शत्रुता रखने वाला भी होता है।
  • जातक का चरित्र भी बहुत संदेहास्पद हो जाता है। उसके धर्म की हानि होती है।
  • वह समय-समय पर बुरा स्वप्न देखता है।
  • उसकी वृध्दावस्था कष्टप्रद होती है।
  • इनहे अपने ही लोगों द्वारा धोखा दिया जा सकता है।
  • मन में निराशा की भावना पैदा हो सकती है।
  • परिवार में शांति की कमी हो सकती है ।
  • अपने ही सगे-संबंधियों द्वारा धोखा दिया जा सकता है।
  • मानसिक अवसाद हो सकता है।
  • कार्यस्थल से निलंबन हो सकता है।
  • कई सारा कर्ज हो सकता है।
  • कई उतार-चढ़ाव से गुजर सकते हैं।
  • घरेलू जीवन से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • दिवालियापन दरवाजे पर दस्तक दे सकता है।

महापद्म कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है (Maha Padam Kaal Sarp Dosh Time Period)

ऐसा माना जाता है की महापद्म कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन को जन्म से 54 वर्ष तक प्रभावित करता है। इस दोष का प्रभाव कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करता है की अन्य ग्रह जैसे मंगल ,गुरु ,शुक्र कितने पीड़ित है लेकिन इस दोष के सकारात्मक परिणाम भी है।

इसके बाद इस दोष (Maha Padma Kaal Sarp Dosh) का प्रभाव कम होने लग जाता है। लेकिन 54 वर्ष की उम्र तक व्यक्ति का कार्य ,रोजगार और जीवन प्रभावित हो जाता है । व्यक्ति पर काफी कर्ज भी हो सकता है। लेकिन इस काल सर्प दोष की उम्र पर शोध चल रहा है।

महापद्म कालसर्प दोष सकारात्मक पहलु (Maha Padam Kaal Sarp Dosh Positive Effects)

जब महापदमा कालसर्प दोष कुंडली में सक्रिय होता हैं, तो व्यक्ति अपने सभी दुश्मनों को आसानी से जीतने के लिए भाग्य पाता है। ज्ञान में वृद्धि और जीवन में कुछ सार्थक और बड़ी महत्वाकांक्षा के लिए कार्य करता है ।यह दोष का समय लम्बा होता है इसलिए व्यक्ति मन की शांति खो देता है और विचारहीन विकल्प बना सकता है। (Maha Padma Kaal Sarp Dosh) दोष अवधि में व्यक्ति विदेश से व्यापार से लाभ कमाता है।

इतना सब कुछ होने के बाद भी जातक के जीवन में एक अच्छा समय आता है और वह एक अच्छा दलील देने वाला वकील या राजनीति के क्षेत्र में सफलता पाने वाला बनता है।

महापद्म कालसर्प दोष के उपाय (Maha Padam Kaal Sarp Dosh Remedies)

Maha Padam Kaal Sarp Dosh ke upay: महापद्म कालसर्प दोष के लिए कुछ सामान्य उपाय दिए गए है जिन्हे आप प्रयोग में ला सकते है –

  • श्रावणमास में 30 दिनों तक महादेव का अभिषेक करें।
  • नागपंचमी के दिन हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
  • शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से शनिवार व्रत आरंभ करना चाहिए। यह व्रत 18 बार करें। काला वस्त्र धारण करके 18 या 3 राहु बीज मंत्र की माला जपें। इसके बाद एक बर्तन में जल, दुर्वा और कुश लेकर पीपल की जड़ में डालें। भोजन में मीठा चूरमा, मीठी रोटी समयानुसार रेवड़ी, तिल के बने मीठे पदार्थ सेवन करें और यही दान में भी दें। रात को घी का दीपक जलाकर पीपल की जड़ के पास रख दें।
  • प्रयागराज में संगम पर नाग-नागिन की विधिवत पूजन कर दूध के साथ संगम में प्रवाहित करें एवं तीर्थराज प्रयाग में संगम स्थान में तर्पण श्राध्द भी एक बार अवश्य करें।
  • मंगलवार एवं शनिवार को रामचरितमानस के सुंदरकाण्ड का 108 बार पाठ श्रध्दापूर्वक करें।
  • महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
  • मां सरस्वती की मूर्ति घर में जरूर रखें तथा उस पर नित्य नीले पुष्प अर्पित करें। कम से कम ६ दिन
  • श्राद्ध के दौरान गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
  • मंगलवार को सुबह में हनुमान मंदिर की यात्रा करना आवश्यक है।
  • कुंआरी कन्याओं का आशीर्वाद लेते रहें।
  • 40 दिनों के लिए एक दिन में हनुमान चालिसा को दोबारा पढ़ें।
  • मंगलवार या शनिवार को सुन्दरकाण्ड का पाठ करे।
  • कर्जे से मुक्ति के लिए किसी भी मंगलवार से मूंगे के हनुमान जी की पूजा करें और उनके समक्ष ऋण मोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें।
  • भाईयों या बहनों के साथ किसी रूप में झगड़ा न करें।
  • चांदी से निर्मित सर्पकार अंगूठी पहनने से महापद्म कालसर्प दोष में राहत मिलती है।
  • अपने गले में सोमवार, मंगलवार और शनिवार के दिन लाल धागे में 8 मुखी रुद्राक्ष 2 दाने , 9 मुखी रुद्राक्ष 2 दाने और गौरी शंकर रुद्राक्ष के 3 दाने धारण करें।
  • पैसा उधार लेने और कर्ज लेने से बचें ।
  • आपको नियमित व्यायाम और योग करना चाहिए।
  • किसी पर सोच समझ कर भरोसा करे।
  • काला चश्मा पहनना शुभ होगा यह राहु के प्रभाव को कम करता है।
  • पैसा बचाने का प्रयास करे व्यर्थ खर्च करने से बचे।

महापद्म काल सर्प दोष से जुडी जानकारी अगर आपको पसंद आयी हो तो इसे जरूर शेयर कीजिये। इस दोष (Maha Padma Kaal Sarp Dosh) में बताये गए उपायों को और लक्षणों को आप अपने विवेक के अनुसार जाने। किसी भी लक्षण को पढ़ कर घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि कुंडली में बहुत से योग होते है जो काल सर्प दोष के प्रभाव को कम कर देते है।

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