आज के परिवेश में हर कोई धन और कर्ज से मुक्ति की समस्या से परेशान है। किसी का व्यापार नहीं चल रहा तो कोई अपना घर नहीं बना पा रहा है। ऐसे में आम जनता की सबसे बड़ी समस्या है की अपनी कार्य की पूर्ति के लिए अधिक धन कहा से लाये। तो ऐसे में सबसे बढ़िया विकल्प लोन या EMI का होता है। लोन लेना बहुत आसान होता है। कई लोन वाले आपको लोन लेने के लिए प्रेरित करते है और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधा को लेने के लिए कहते है।
हम लोन तो ले लेते है पर इस लोन के क़र्ज़ से कब बहार निकालेंगे यह पता नहीं होता। आम जनता की सबसे बड़ी समस्या लोन या क़र्ज़ की ही है। लोन या EMI की किश्ते आसानी से आपके वेतन से प्रति महीने कटती जाती है लेकिन फिर अगर धन का खर्च अधिक हो जाये तो फिर समस्या आने लगती है। जैसे कोरोना काल में कई लोगो की जॉब चले गई और उनकी एमी उनके खाते से कटती रही।

मध्यम वर्ग के लिए यह क़र्ज़ आसान नहीं होता है,वह बीमारी , बच्चो की शिक्षा के लिए ,कारोबार के लिए लोन लेते है। वैसे कर्जा ,मुकदमा और बीमारी किसी दुश्मन को भी नहीं देना चाहिए। इससे व्यक्ति को कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है। कर्जा क्यों होता है ,अगर हो जाये तो उन्हें दूर कैसे करे।
कर्ज के कारण
लाल किताब के अनुसार लोन के तीन कारण होते है। कुंडली में दूसरा घर बचत का होता है। काल पुरुष की कुंडली में दूसरा घर शुक्र का होता है। गुरु दूसरे घर का कारक होता है। अगर कुंडली में गुरु ठीक नहीं है तो फिर आपकी बचत नहीं हो पाती ,कमाई का अच्छे कार्य में उपयोग नहीं हो पाता। कमाई बृहस्पति की वजह से ही टिकती है।

काल पुरुष कुंडली में चौथा घर चन्द्रमा का होता है। धन की मात्रा ,सहयोग कितना मिलेगा यह चौथे घर से देखा जाता ह। कर्म का फल ग्यारहवे से मिलता है।काल पुरुष की कुंडली में ११ घर शनि का होता है। शनि ही अंतिम फैसला देता है इसे न्याय कारक भी कहा जाता है। गुरु बचत धन को दर्शाता है। चन्द्रमा धन के बहाव को दर्शाता है की धन कैसे आ रहा है। शनि को यंहा खेरची कहा गया है।
लाला किताब के अनुसार कुंडली में गुरु को पहले देखना चाहिए। २-५-९-११ भाव में अगर शत्रु गृह हो तो गुरु की हालत ठीक नहीं होती यानि अगर आप लोन लेते है तो उसे कर्ज से मुक्ति पाना आसान नहीं होता। काल पुरुष कुंडली में ११ भाव शनि होता है। ११वे भाव में कुंडली में स्थिति अच्छी नहीं होने पर लोन उतरने में कर्ज से मुक्ति में दिक्कत आती है। ११ वा और १२ वा भाव खाली होने पर लोन लेने में दिक्कत आती है।
कुंडली में गुरु-शुक्र की युति तथा बुध और गुरु की युति कंही पर भी हो ऐसे व्यक्ति को लोन से बचना चाहिए क्योंकि प्रायः ऐसे व्यक्ति दिखावे के लिए लोन लेता है।दिखावा जैसे महँगी शादी के लिए ,महँगी गाड़ी के लिए ,विदेश में घूमने के लिए ,शादी में गोल्ड देने के लिए आदि। गुरु और बुध की युति वाले भी दिखावे में लोन ले लेते है की मिल रहा है तो ले लो।फिर उन्हें कर्ज से मुक्ति पाने में समस्या आती है।

लाल किताब में ७ वा घर शनि का पक्का घर है यह ठीक हो तो लोन लिया जा सकता है। १-५-9 त्रिकोण भाव में कोई भी गृह हो तो व्यक्ति के पास प्रचुर पैसा होता है लोन उतर सकता है। सूर्य- शनि की युति या यह अपने घर में हो तो लोन की जरूरत नहीं होती अगर होती भी है तो लोन उतर जाता है। अगर यह गृह उच्च का हो तो अपना लोन उतारने में सक्षम होता है।कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
यह भी देखा जाता है की अगर हाथ की मध्यमा अंगुली हथेली से बड़ी हो तो लोन उतरने में दिक्कत होती है।कर्ज से मुक्ति में समस्या आती है।
कालपुरुष कुंडली में १२ वा घर गुरु का होता है। अगर राहु १२ में हो या कंही से सम्बन्ध बन रहा है तो इस स्थिति में भी कर्ज से मुक्ति की स्थिति को देखा जाता है। राहु और गुरु के मिलने से भी बनावटी बुध बन जाता है। ऐसे जातक को हिसाब किताब में बेहतर होना पड़ता है यानि अगर अपने खर्च का हिसाब सही से रखे तो वह लोन उतर सकता है।
१२ वे भाव में गुरु होने पर व्यक्ति मंगल कार्यो के लिए लोन लेता है।
अगर १२ वे भाव में राहु हो तो व्यक्ति दिखावे के लिए ,मुकदमो के लिए आदि के लिए लोन लेता है। अगर जातक का चरित्र ठीक है तो उसे लोन उतरने में ,कर्ज से मुक्ति में मदद मिलती है।
लेकिन अगर नौकरी न हो ,कार्य न चल रहा हो और EMI चल रही हो तो ऐसे में कर्ज से मुक्ति पाने के लिए क्या करे ?
कर्ज से मुक्ति के वेदीक उपाय
- अगर शनिवार की रात को पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाते है और विशेषकर वो जो शनि साढ़ेसाती और ढय्या से गुजर रहे हो इससे भी लक्ष्मी की प्रसन्नता होती है ,इससे उन्हें विशेष लाभ मिलेगा।यह कर्ज से मुक्ति के लिए विशेष है।
- मंगल की पूजा यानि हनुमान जी की पूजा करने से जैसे मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि आदि का पाठ करने से भी कर्ज से मुक्ति में फायदा होता है।
- मंगल का दान करने से जैसे कई स्थान ऐसे होते है जंहा दवाइयां दान की जा सकती है अस्पताल या किसी संसथान पर या ऐसे लोगो की मदद जो दवाइयां खरीद नहीं सकते तो उसमे में आपको और उस व्यक्ति को फायदा होता है।
- बुधवार के दिन गणेश जी के सामने २ लड्डू और दूर्वा कलावे से बांध कर और उनपर अर्पण करने पर भी कर्ज से मुक्ति में फायदा होता है।
- अगर आपके घर में नल का पानी टपक रहा है तो उसे ठीक करवा लीजिये। नल का पानी टपकने पर चंद्र ख़राब होता है दीवारों पर सीलन होना भी ख़राब चंद्र की निशानी है।यह धन आने के मार्ग में रुकावट लाता है।
- घर में वाद्य यन्त्र जैसे हॉरमोनियम ,गिटार ,कैसियो आदि को रात के समय लाल कपडे में ढक कर रखना चाहिए । यह बुध को शांत करता है
यानि एक प्रकार से बुध की आवाज को दबाना। - दूध से हलवा बना कर खुद भी खा कर आस पड़ोस में भी खिलाना। इससे कुंडली में चन्द्रमा और मंगल ठीक हो जाते है।प्रायः हलवे में पानी का इस्तेमाल किया जाता है उसकी जगह आपको दूध का इस्तेमाल करना है।
- अमावस्या को मंदिर में खीर का वितरण या खीर नहीं बना सके तो चावल-चीनी का वितरण और मन में यह कामना करे की यह हमारे पितरो को मिले।इससे पितृ कृपा मिलती है।यह धन के मार्ग और कर्ज से मुक्ति में सहायक है।
कर्ज उतारने का मंत्र
कर्ज से मुक्ति के लिए वैभव लक्ष्मी मंत्र प्रभावशाली होता है। जो इस प्रकार होता है
क ए इ ल ह्रीं
वैभव लक्ष्मी मंत्र
ह स क ल ह्रीं
स क ल ह्रीं श्रीं
इस मंत्र की रोज एक माला करनी चाहिए। आप इस मंत्र को लिखने का अभ्यास भी कर सकते है। कम से कम ११ बार भी इस मंत्र का जाप कर सकते है।
अंत में
प्रायः लाल किताब के उपाय ४३ दिनों के लिए किये जाते है। फिर भी कुछ उपाय दिन विशेष के लिए केवल सप्ताह में किये जाते है। यह सामान्य उपाय है जिनमे कई लोगो को फायदा हुआ है। और यह उपाय हम अक्सर रोज जैसे पीपल के निचे दीपक और हनुमान चालीसा का पाठ करते है।
फिर भी हमें दिखावे या मुफ्त की चक्कर में लोन लेने से बचना चाहिए। कई बार हमें क्रेडिट कार्ड वालों के फ़ोन आ जाते है या वो हमें कई मिल जाते है वो तो अपना टारगेट पूरा करते है लेकिन हम क्रेडिट कार्ड लेकर एमी पे शॉपिंग कर लेते है जिसका बिल की तारीख चूक जाने पर हमें ज्यादा पैसा जमा करना पड़ता है।
दूसरा यह की अपनी क्षमता से अधिक दिखावा करने वाले लोग जो परिवार में महँगी शादी लोन के कर करते है अंत में कर्जदार बन जाते है। इसलिए व्यर्थ के दिखावे और अनावश्यक कार्यो के लिए लोन लेने से बचे और अगर लोन है तो बजट बना कर उस खर्च की पूर्ति करे। इस प्रकार ऋण से मुक्ति की जा सकती है।
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