वर्तमान समय में हम देखते है की कई लोग व्यापार करते है लेकिन उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी नहीं होती ,उन्हें खास मुनाफा नहीं होता है। कई लोग ऑफिस में कई समय तक कार्य करते है लेकिन उनकी मासिक आमदनी में किसी प्रकार की बढ़ोत्तरी नहीं होती। ऐसे में या तो कार्य क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता होती है और व्यापार में किसी नए सामान की। लेकिन यह सब होने के बाद भी अगर आमदनी की समस्या बनी रहती है तो हमें ज्योतिष की और जाना होता है उसमे अपने ग्रहो को समझना होता है।

लाल किताब में आमदनी के लिए ग्रहो की स्थिति planet position for income
कुंडली में जातक के भाग्य का निर्णय गुरु(बृहस्पति)से किया जाता है वंही जातक के कर्म का निर्णय शनि से किया जाता है। काल पुरुष कुंडली में ११ वे भाव का मालिक शनि होता है तथा १२ वे भाव का मालिक गुरु होता है। कुंडली में १२ वा घर खर्च या व्यय का घर होता है। यंहा बुध नीच का और शुक्र उच्च का हो जाता है। यह स्थिति लाल किताब कुंडली के अनुसार बताई गयी है।
अगर जुवे सट्टे में पैसा जातक द्वारा लगाया जा रहा है तो समझिये की बुध कुंडली में सक्रिय है वंही अच्छे कार्यो में पैसा लगाया जाता है तो समझिये गुरु कुंडली में एक्टिव है बारहवे घर में सक्रिय है। पैसो का आना या कह सकते है आमदनी का जो फ्लो बन रहा है वह चन्द्रमा से देखा जाता है। पैसो या संपत्ति का एकत्रित होना शुक्र के द्वारा देखा जाता है। जातक में धन कमाने की ताकत को मंगल से देखा जाता है।
इन्ही ग्रहो के प्रभाव से दूकान रूकती है ,नौकरी का छूटना और आय में रुकावट आती है। अगर इन ग्रहो का फल बढ़िया है तो परिणाम अच्छे मिलेंगे फिर कुछ चीजे भाग्य पर भी निर्भय करती है।
लाल किताब के अनुसार शनि को आमदनी का मालिक माना गया है। शनि में चार ग्रहो की ऊर्जा है -मंगल और बुध के मिलने पर शनि बनता है जो राहु स्वाभाव का होता है। शुक्र और गुरु मिलने पर शनि केतु स्वाभाव का।
अगर मंगल और बुध की कंही युति है ये कंही मिल रहे है तो इन दो ग्रहो की उर्जाओ में से किसी एक को निकलना पड़ेगा। चूँकि मंगल और शनि मित्र नहीं है इसलिए मंगल को निकलना होगा और बुध को रखना होगा। वंही शुक्र गुरु में गुरु को निकालना पड़ेगा क्योंकि गुरु और शनि में आपस में मेल जोल नहीं है। शुक्र बुध के साथ मिलकर शनि को अच्छा कर देंगे।
अब जानते है की इन ग्रहो की उर्जाओ को किस प्रकार निकला जाये जिससे हमें शनि गृह के द्वारा आमदनी में बढ़ोत्तरी हो।
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लाल किताब व्यापार में उन्नति के उपाय
43 दिनों तक गायों को चारा खिलाये या ज्वार भिगो कर खिलाये। अगर ४३ दिन संभव नहीं हो तो सप्ताह में १-२ दिन जरूर खिलाये। इससे मंगल हट जाएंगे और बुध और शुक्र की ऊर्जा एक हो जाएँगी।

रोज मुंग भिगो का पंक्षियो को डालने से कुंडली में गुरु की ऊर्जा हट कर शुक्र की ऊर्जा कायम रहेगी। शनि शुक्र के साथ मिलकर अच्छी आमदनी की स्थिति कायम रहेंगी।
४३ दिनों का आंशिक व्रत भी एक अच्छा उपाय है। इसमें आपको अपने भोजन का एक चौथाई हिस्सा निकल देना है और इसे गाय ,कुत्ते व पक्षियों जो भी मिल जाये उन्हें देना है। इससे भी धन आमदनी की रुकावट दूर हो जाती है।
माता और माता सामान स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए उनके चरण स्पर्श करना चाहिए इससे कुंडली में चन्द्रमा ठीक होता है। इसके अलावा माता से चावल ले कर चाँदी की डिब्बी में अपने पास रखे।
हमारे घर पर जो भोजन बनता है उसमे पहली रोटी पर घी लगा कर ४३ दिनों तक कौवो को डालना है। इससे आय के स्त्रोत खुल जायेंगे। वैसे आज के समय कौवो का मिलना दुर्लभ होता है अगर नहीं मिलते है तो आप गाय या कुत्ते को डाल सकते है।
कुंडली में शुक्र मंगल मिलकर चंद्र बन जाते है यंहा शुक्र को हटाना पड़ता है इसके लिए गाय की सेवा श्रेष्ट है।चंद्र मंगल मिलकर लक्ष्मी योग बनाते है।
राहु केतु अगर वर्ष फल में इकठे हो जाते है तो हमें राहु को निकालना पड़ता है क्योंकि केतु शुक्र का मित्र है। राहु को निकलने के लिए सरकारी कर्मचारी की सेवा कर सकते है।सरकारी कर्मचारी की सेवा मतलब ऐसा नहीं की आप उसे रिश्वत दे दे। जैसे पोस्टमेन आपके यंहा आये ,या बिजली वाले आये तो आप उन्हें पानी पिला सकते है। सफाई कर्मचारी होते है उन्हें चाय की व्यवस्था आदि।
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और अंत में कुछ बातें
प्रायः लाल किताब के उपरोक्त उपाय कोई बहुत ज्यादा बड़े या नए नहीं है। कुत्ते ,गाय को रोटी देना यह तो सनातन धर्म में प्रारम्भ से होता आ रहा है और कई लोगो की दिनचर्या का हिस्सा है। पंक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था यह भी कोई उपाय की तरह नहीं है यह हमारी मानवता है। और अगर आपकी आय अच्छी चल रही है तो क्या आप माता या माता सम्मान स्त्रियों का सम्मान नहीं करेंगे ,क्या जीव-जन्तुओ के लिए भोजन पानी की व्यवस्था नहीं करेंगे ?यह एक सामान्य प्रश्न है। जो इस प्रकार के सेवा कार्य नहीं करते उन्हें इन कार्यो की शुरवात कर देनी चाहिए। गर्मियों में पशु -पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करनी चाहिए।
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