तारो के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। नक्षत्र को कही जगह तारा भी कहते है। ब्रह्माण्ड अनंत तक फैला हुआ है जिसे 360 डिग्री में अनंत फैला हुआ जान सकते है।
ब्रह्माण्ड को २७ भाग में विभाजित करने पर एक भाग नक्षत्र कहलाता है।इन नक्षत्रों के स्वामी 9 ग्रह होते है। एक ग्रह के अंतर्गत तीन नक्षत्र आते है।
नक्षत्र (Nakshatra) संस्कृत शब्द ‘नक्ष‘ से बना है जो कि ‘आकृति’ का अर्थ होता है और ‘त्र’ शब्द से यह समझ में आता है कि वह आकृति जो अंतरिक्ष में फैली हुई होती है। इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद “Constellation” होता है। वेदों और पुराणों में नक्षत्रों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।नक्षत्र अश्विनी से शुरू होकर रेवती पर समाप्त होते है। इसमें ग्रह केतु से शुरू होकर बुध पर समाप्त होते है।

सभी नक्षत्रो का मान बराबर है।
360/27 =13 डिग्री 20 मिनट
डिग्री =अंश
मिनिट = कला
सेकंड = विकला
27 नक्षत्रों के स्वामी और डिग्री
नक्षत्र | नक्षत्र स्वामी | नक्षत्र स्थिति | |
1. | अश्विनी | केतु | 00°-13°20′ |
2. | भरणी | शुक्र | 13°20′-26°40′ |
3. | कृतिका | सूर्य | 26°40′-10°40′ |
4. | रोहिणी | चंद्र | 40°-53°20′ |
5. | मृगशिरा | मंगल | 53°20′-66°40′ |
6. | आद्रा | राहु | 66°40′-80° |
7. | पुनर्वसु | गुरु | 80°-93°20′ |
8. | पुष्य | शनि | 93°20′-106°40′ |
9. | अश्लेषा | बुध | 106°40′-120° |
10. | मघा | केतु | 120°-133°20′ |
11. | पूर्वाफाल्गुनी | शुक्र | 133°20′-146°40′ |
12. | उत्तरा फाल्गुनी | सूर्य | 146°40′-160° |
13. | हस्त | चंद्र | 160°-173°20′ |
14. | चित्रा | मंगल | 173°20′-186°40′ |
15. | स्वाति | राहु | 186°40′-200° |
16. | विशाखा | गुरु | 200°-213°20′ |
17. | अनुराधा | शनि | 213°20′-226°40′ |
18. | ज्येष्ठा | बुध | 226°40′-240° |
19. | मूल | केतु | 240°-253°20′ |
20. | पूर्वाषाढ़ा | शुक्र | 253°20′-266°40′ |
21. | उत्तराषाढ़ा | सूर्य | 266°40′-280° |
22. | श्रवण | चंद्र | 280°-293°20′ |
23. | घनिष्ट | मंगल | 293°20′-306°40′ |
24. | शतभिषा | राहु | 306°40′-320° |
25. | पूर्वाभाद्रपद | गुरु | 320°-333°20′ |
26. | उत्तराभाद्रपद | शनि | 333°20′-346°40′ |
27. | रेवती | बुध | 346°40′-360° |
एक नक्षत्र के चार चरण होते है
एक चरण का मान 13°20’/4=3°20′(3 अंश 20 कला)
इन 27 नक्षत्रो में 28 वा नक्षत्र अभिजीत नक्षत्र होता है। हर ग्रह तीन नक्षत्रो का स्वामी है।
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