माणिक रत्न के बारे में जानकारी | Ruby Stone In Hindi 2023

माणिक रत्न के बारे में जानकारी, किस उंगली में पहनना चाहिए,माणिक रत्न कितने दिन में असर दिखाता है,किस धातु में पहनना चाहिए(ruby stone in hindi, manik stone benefits in hindi, ruby stone kis din pehna chahiye)

जैसे सूर्य ग्रहो के राजा है वैसे ही माणिक को रत्नो का राजा कहा जाता है। यह रत्न कोरन्डम परिवार का सदस्य है। यह देखने पर रेशमी आभा लिए होता है पर यह एक कठोर रत्न है। आम तौर पर माणिक को हम लाल रंग से जानते है लेकिन गुलाबी और हल्का बैंगनी आभा लिए हुए माणिक भी Ruby Stone के अलग -अलग दो रंग है। लाल रंग के माणिक की गुणवत्ता बेहतर होती है।

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माणिक रत्न के अन्य नाम (Ruby Stone synonyms)

माणिक रत्न विविध नाम

संस्कृतमाणिक्य, पद्मराग, लोहित, शोणरत्न,
रविरत्न, शोणोपल, कुरुविन्द, सौगन्धिक, वसुरत्न
हिन्दी-पंजाबीचुन्नी
उर्दू-फारसीयाकूत
EnglishRuby Stone

माणिक रत्न किस तत्व से प्राप्त होता हैं(Ruby Stone Element)

माणिक वैज्ञानिक रूप से corundum समूह के अंतर्गत आता है जो प्रकृति में चट्टानी खनिज के रूप में और क्रिस्टल के रूप में एल्युमीनियम ऑक्साइड (Al2O3)के रूप में रहता है।

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माणिक रत्न लाल रंग का क्यों होता हैं(Ruby Stone Color)

क्रोमियम तत्व(Chromium) के की उपस्थिति के कारण माणिक का रंग लाल होता है।

माणिक रत्न का जन्म और प्राप्ति का स्थान(Ruby Stone In Hindi)

सबसे अधिक मूल्यवान्‌ माणिक रत्न ऐसे पहाड़ों मे पाये जाते है जिनमे ‘ग्रेनाइट’ (तामडा या रक्तमणि), मेगनीज (अश्नक की जैसी परतदार) और काचमणि या बिल्लौर (quartz) की चट्टाने हो । भारत मे कश्मीर रियासत मे ऐसी चट्टाने पायी जाती है । प्रसिद्ध घुमक्कड लेखक श्री सूफी लछमन प्रसाद ने अपनी पुस्तक “रत्नावली’ (उर्दू) मे लिखा है कि मैने ऐसी चट्टाने हिमालय पर्वत के बहुत से स्थानों पर देखी है। उनकी सम्मति मे भारत के साहसी युवकों को इन्हे प्रकाश में लाकर अतुल्य ऐश्वर्य उपार्जित करना चाहिये।

ऐसे ही स्थानों पर कटकिजमणि (स्पाईनेल) भी अपने अनेक विभेदो-माणिक्य कटकिज-मणि, बैलास रूबी, रूबी सेल आदि मे मिलती है । इन मे से बैलास Ruby Stone की श्रेणी मे गिना जाता है। काफी कठोर होने के कारण यह एक टिकाऊ रत्न है और अधिकतर अंगूठियों मे जड़ा जाता है। रोम निवासियों ने मणिक्य को भी सम्भवत इसके जाज्वल्यमान रंग के कारण, एकसा समझा और स्पाइनेल तथा तामडा के साथ माणिक्य की गिनती की । इन सभी कठोर पदार्थों को रोमन लोग काबुक्लस तथा यूनानी ऐथैक्स’.कहते थे-इन दोनो का एक ही अर्थ ‘चिनगारी’ है।

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स्पाइनल मणि भी देखने मे मणिक्य जैसी लगती है। परन्तु अपनी कठोरता, आपेक्षिक घनत्व, तथा अन्य गुणों मे यह्‌ माणिक्य से बहुत भिन्‍न है। इसको लाल और नीलम काट सकते है । इसकी चमक बिल्लौरी(quartz stone) होती है । इस के भीतर से परावर्तित प्रकाश पीली आभा लिये आता है । अ्रनजान लोग मणिक्य (Ruby Stone In Hindi) के धोखे मे कटकिज मणि खरीद लेते है। असली माणिक्य की परख के लिये आगे देखिये ।

माणिक रत्न के फायदे (Ruby Stone Benefits In Hindi)

माणिक रत्न सूर्य ग्रह का रत्न है जो कुंडली में सूर्य को बलवान बनता है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है और भाग्य या कारक ग्रह है तो माणिक(Ruby Stone In Hindi) धारण करने से आपको फायदा होगा।

  • यह सरकारी नौकरी और सरकार से सहयोग में मदद करता है।
  • यह राजसिक जीवन प्रदान करता है।
  • यह कार्य क्षेत्र में बेहतर स्थिति की प्राप्ति करवाता है।
  • यह आपको अपने कार्य क्षेत्र में नाम व प्रसिद्धि दिलवाता है।
  • यह आपके जीवन को नए सिरे से शुरू करवाता है।
  • यह आपको भाग्यवान बनता है और प्रतियोगिताओ में सफलता दिलवाता है।
  • यह शारीरिक रूप से ऊर्जावान बनता है।
  • यह त्वचा सम्बन्धी समस्याओ में भी लाभ प्रदान करता है।
  • यह आपके व्यक्तित्व में निखार लाता है।
  • यह आपको धन तथा वाहन सुख आदि भी प्रदान करता है।
  • यह आपको साहस और नेतृत्व के गुण प्रदान करता है।
  • यह व्यक्ति में आत्मविश्वास लाता है जो लोग अंतर्मुखी है उन्हें दुसरो के सामने आत्मविश्वास प्रदान करता है।
  • यह आपके व्यक्तित्वा को आकर्षक और शक्तिशाली बनाता है।
  • माणिक रत्न(Ruby Stone In Hindi) आपको सामाजिक और राजनैतिक सेवाओं में सफलता प्रदान करता है।
  • माणिक आपको अपने कार्य क्षेत्र में प्रमोशन करवाने में सहायता करता है।
  • यह आपको प्रोफेशनल और जिम्मेदार बनाता है।
  • माणिक(Manik Stone) अग्नि कारक होने के कारण यह व्यक्ति के अंदर किसी लक्ष को प्राप्त करने के लिए मेहनत करवाता है।
  • यह आपकी सोच को स्पष्ट बनाता है यही निर्णय लेने में मदद करता है।
  • माणिक आपके जीवन को पूर्ण बनाता है चाहे वो प्रेम हो ,व्यवसाय हो या शिक्षा हो।
  • यह पिता के साथ रिश्तो को बेहतर करता है तथा उनके स्वास्थ को बेहतर करता है।
  • कार्य क्षेत्र में उच्च अधिकारीयों के साथ यह बेहतर सम्बन्ध स्थापित करवाता है।
  • यह आपके व्यक्तित्व को आकर्षण प्रदान करता है।
  • कुंडली में हड्डियों से सम्बंधित समस्या हो या आँखों से सम्बंधित या फिर ज्वर या रोग प्रतिरोधक क्षमता माणिक का प्रयोग इनको स्वस्थ करता है।

माणिक रत्न का रोगो में प्रयोग(Ruby Stone Benefits For Health)

आयुर्वेद में कहा गया है कि “माणिक्य दीपनं वृष्यं कफवातक्षयातिनुत्‌’ अर्थात्‌ चिकित्सार्थ रत्नों का प्रयोग करने मे निपुण वैद्यजन माणिक्य को मधुर, चिकना, वात- पित्त का नाशक तथा उदर रोगो मे लाभकारी बताते है। चुन्नी- भस्म दीघ आयुष्य प्रदान करती है, वात, पित्त तथा कफ-इन तीनों रक्षक तत्त्वो को शांत करती है; क्षयरोग, उदरशूल, फोडा, घाव, विष क्रिया, चक्षुरोग तथा कोष्ठबद्धता को दूर करती है।

वर्णचिकित्सा के आधार पर माणिक्य भस्म का प्रयोग, नियमानुसार बनायी गयी माणिक्य-गोलियों के द्वारा किया जाता है। माणिक्यः गोलियाँ पीलिया, रक्त प्रवाह की अ्रपुर्णता, क्षय रोग, दुर्बलता, हर्निया , बुद्धिहीनता, लकवा झादि रोगों को शान्त करती हे ।

प्राचीन काल से ही माणिक्य(Ruby Stone In Hindi) का माहाम्त्य बखान किया जाता रहा है| युनानी समझते थे कि माणिक रत्न धारण करने वाले पर विष का असर नही होता, यह प्लेग से बचाता है; शोक को भगाता है, विलास-वैभव के दुष्प्रभावों को दूर करता है और मनुष्य के मन को बुराइयो मे नही भटकने देता । कहते है कि अरागॉन की कैथेराइन को जब तलाक दिया जाने लगा तो उसके माणिक्य (जो उसने पहना हुआ था) का रंग बदल गया था ।

माणिक रत्न पहनने की विधि (How To Wear Ruby Stone)

  • शनिवार के दिन सुबह के समय माणिक रत्न की अंगूठी(Ruby Stone Ring) को एक पात्र में रख ले।
  • अब आपको पंचामृत सामग्री अपने पास रखनी है।
  • इसके बाद पंचामृत से स्नान करवाना है।
  • स्नान करवाते समय सूर्य मंत्र का जाप करते रहे इससे यह माणिक अभिमंत्रित होता रहेगा।
  • स्नान और अभिमंत्रित करने के बाद इसे भगवान के कक्ष में कुमकुम-चावल से पूजन करे।
  • अब माणिक की अंगूठी को सवा किलो गेहूं में रखना है।
  • इसके बाद लाल चन्दन की माला से सूर्य के मंत्रो का जप 108 बार करना है।
  • रविवार की सुबह माणिक रत्न की इस अंगूठी को 7-8 बजे के बीच गेहूं से निकाल कर धारण करना है।
  • गेंहू को मंदिर या पक्षियों को खिला दे।
  • पात्र में एकत्रित पंचामृत सामग्री को पीपल -बड़ के वृक्ष में या किसी नदी में बहा दे।

माणिक रत्न धारण करने का मंत्र(Ruby Stone Mantra)

इन मंत्रो का जप कम से कम 108 बार करना

सूर्य बीज मंत्र

।।ॐ घृणि सूर्याय नमः।।

सूर्य बीज मंत्र

।। ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नमः।।

सूर्य वैदिक मंत्र

ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।

माणिक रत्न किस दिन पहनना चाहिए

माणिक रत्न को रविवार के दिन धारण करना चाहिए। सुबह 7-8 बजे के बीच में। इसके अलावा माणिक(Ruby Stone In Hindi) को सूर्य के मित्र ग्रहो जैसे चन्द्रमा ,गुरु आदि के दिन सोमवार ,गुरुवार के दिन भी धारण कर सकते है।

माणिक रत्न किस धातु में पहने(Ruby Stone Gold Copper)

माणिक रत्न को ताम्बे या सोने में पहनना चाहिए। ताम्बा और स्वर्ण दोनों को सूर्य की धातु माना गया है। ताम्बे को मंगल के लिए भी माना गया है। अगर आप स्वर्ण(Ruby Stone in Gold) नहीं खरीद सकते तो ताम्बा(Ruby Stone in Copper) बेहतर विकल्प है। अगर कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी है तो यह वंहा भी लाभ देता है। अगर आपका बजट अच्छा है तो आप स्वर्ण में भी पहन सकते है। बस ताम्बा और सोना इन दो ही धातुओं में माणिक पहना जाता है ।

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माणिक रत्न किस उंगली में पहने(Ruby Stone In Which Finger)

माणिक रत्न को सदैव अनामिका उंगली में धारण किया जाता है। क्योंकि हथेली में सूर्य रेखा अनामिका उंगली से होकर गुजरती है तथा सूर्य पर्वत अनामिका के नीचे ही होता है।

माणिक रत्न को charge कैसे करें

माणिक रत्न को रविवार के दिन कांच के बर्तन जैसे गिलास या कटोरी में गंगा या नर्मदा जल भरकर उसमे थोड़ा लाल चन्दन डालकर लगभग एक घंटे के लिए धूप में रखना है फिर इसे पहनना है।

माणिक रत्न किस लग्न के लिए श्रेष्ठ है

मेष लग्न ,कर्क ,कन्या ,सिंह ,मकर ,वृश्चिक और धनु लग्न की कुंडली वाले जातक माणिक रत्न धारण कर सकते है। लेकिन यंहा यह देखना है की सूर्य की स्थिति कुंडली में कहा है कई वह 6-8-12 भाव में तो नहीं बैठा है।

यह भी देखे :सिंह राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी।

माणिक रत्न कितने दिन में असर दिखाता है

माणिक रत्न लगभग 30 दिनों में अपना असर दिखाना शुरू करता है। कई बार यह शुरुआत में ही असर दिखाने लगता है और कई बार समय ज्यादा भी लग सकता है।

माणिक रत्न कब बदलना चाहिए

जब माणिक रत्न टूट जाये ,उसमे ऐसी दरारे आ जाये की कभी भी टूट जाये ऐसी स्थिति में माणिक ratna बदलना चाहिए। अगर Ruby Stone की quality अच्छी है और स्थिति भी अच्छी है तो उसे हमेशा पहना जा सकता है।

माणिक रत्न की कीमत क्या है (Ruby stone price in india)

माणिक रत्न 300-400 रूपये रत्ती से लेकर 40000-50000 रूपये रत्ती का या उससे ज्यादा का भी हो सकता है। यह माणिक की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। मैंने एक ज्वेलर के यंहा 5 रत्ती के माणिक का मूल्य पूछा तो उन्होंने मुझे 2000 रूपए बताया। इसकी गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं होगी। कुछ वेबसाइट पर यह 5 रत्ती का मूल्य 5000 के आस पास है। मैंने यह 8000 में ख़रीदा जो आप फोटो में देख रहे है। जब भी माणिक ख़रीदे तो इस बात का ध्यान रखे की Ruby Stone असली हो उसके साथ ओरिजनल लैब सर्टिफिकेट हो और किसी विश्वनीय दूकान से हो।

नकली माणिक रत्न(Fake Ruby Stone)

माणिक्य का भ्रम माणिक्य से मिलते-जुलते रत्नो मे ही सम्भव है। पहला भ्रम तो उन रत्नो मे होना सम्भव है कि जो असली है रूप-रंग आदि मे माणिक्य से मिलते हैं, परन्तु वास्तव मे माणिक्य नही है। असली माणिक्य जैसे दिखने वाले रत्न है-कटकिज मणि(spinel) विक्रांत , शोभामणि ।

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कृत्रिम रूप से बनाये गए माणिक रत्न दो प्रकार के है -एक तो कांच और प्लास्टिक के बनाये हुए नकली अथवा अनुकृत माणिक्य । और दूसरे वे जो ऐल्युमिनियम तथा ऑक्सीजन तत्वों को तथा उनमें रंजक (रंगने वाले) तत्वों को मिलाकर बनाये जाते हैं- अर्थात Treated Ruby और तीसरे-दो प्रकार के रत्नों को जोड़कर बनाये गये युग्मक माणिक्य ।

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Treated Ruby की रासायनिक व सरचना और उसकी बनावट असली रत्न जैसी ही होती हैं इसी लिये उनके भौतिक गुण तथा प्रकाशीय विशेषताएँ भी एक-सी होती हैं । इसलिये इनमें अंतर बताना कठिन रहता है। फिर भी नीचे लिखी परीक्षाएँ पर्याप्त निर्णायक रहती हैं-

1. परख के लिये आये रत्न में अन्तः प्रविष्ट वस्तुओं अथवा अंतरावेशों की आकृति ,Glass Filled Ruby में गोल-गोल वायु से भरे बुलबुले होते है। ये उसमें प्राय. वक्ररेखा में स्थित होते हैं ।

प्राकृतिक Ruby में ये नहीं होते। बनाने वाले वैज्ञानिक इस कोशिश में है कि ऐसे पारदर्शक माणिक्य बनाये जायें कि जिममें ये वायु-बुलबुले न हों ।

यद्यपि प्राकृतिक या सच्चे माणिक्य के भीतर भी अन्तरावेश(रेशे या बादल) होते है-परन्तु ये सदा नोकीले होते हैं । रेशम अर्थात्‌ पतले, सूइयों सरीखे अन्तरावेशों का होना कुरुन्दम वर्ग के रत्नों की एक लाक्षणिक पहचान है ।

2. Glass Filled Ruby के बनने की अ्रवस्था में, उसके भीतर धारियां पड जाती है जो वक्ररेखाओं के रूप में होती हैं कोशिश यह भी की जा रही है कि ये रेखाये Treated Ruby में न बनने पावे | रेखाओं को देख पाने के लिये माणिक्य को मिथाइलीन आयोडाइड अथवा ब्रोमोफॉर्म द्रव में डाल देते हैं । इनके वर्तनांक Glass Filled Ruby stone के वर्तंनांक के लगभग बराबर होते है । इसलिये द्रवमें डाल देने पर रत्न तो प्राय अ्रदृश्य हो जाता है और अन्तरावेश स्पष्ट दिखायी देने लगते हैं। माणिक्य मे इनको देख लेना सरल सिद्ध होता है ।

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इस पोस्ट में आपने Ruby Stone In Hindi माणिक रत्न के बारे में जानकारी प्राप्त की। माणिक्य सूर्य ग्रह का एक बहुमूल्य रत्न है। जब भी आप माणिक्य खरीदना चाहे तो किसी अच्छे दुकानदार से ही ख़रीदे क्योंकि कई नकली माणिक बाजार में उपलभ्ध है। पोस्ट पसंद आई हो तो जर्रोर शेयर करे और अपनी राय कमेंट या सोशल मीडिया पर जरूर दे।

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